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 १. ३. २०१८

इस माह-

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अनुभूति में- होली के विविध रंगों से सराबोर, त्यौहार के उत्साह से भरपूर अनेक रचनाकारों की सरस रचनाएँ।

-- घर परिवार में

रसोईघर में- इस माह होली के अवसर पर हमारी रसोई संपादक शुचि प्रस्तुत कर रही हैं- होली के पकवान

स्वास्थ्य में- मस्तिष्क को सदा स्वस्थ, सक्रिय और स्फूर्तिदायक बनाए रखने के २४ उपाय- १८- किशमिश और बदाम का सेवन करें

बागबानी- वनस्पति एवं मनुष्य दोनो का गहरा संबंध है फिर ज्योतिष में ये दोनो अलग कैसे हो सकते हैं। जानें- ३- मंगल खैर और अनंतमूल के विषय में।

भारत के सर्वश्रेष्ठ गाँव- जो हम सबके लिये प्रेरणादायक हैं- ३- धोकड़ा- जहाँ दूध दही मुफ्त मिलता है।

- रचना व मनोरंजन में

क्या आप जानते हैं- इस माह (मार्च) की विभिन्न तिथियों में) कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से

संग्रह और संकलन- में प्रस्तुत है- योगिता यादव की कलम से शशि पाधा के नवगीत संग्रह- ''लौट आया मधुमास'' का परिचय।

वर्ग पहेली- २९९
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि-आशीष के सहयोग से


हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

साहित्य एवं संस्कृति में- 

समकालीन कहानियों में प्रस्तुत है भारत से
भारतभूषण जोशी-की-कहानी-
गौरदा

फाग का महीना चल रहा था। ठण्ड अभी दिल्ली में पाँव पसारे थी। सुबह शाम मजे की सिहरन हो जाती थी। गरम कपड़े छूटे न थे। बसंत के आगमन की सूचना झड़ते पत्तों से मिलने लगी थी। हरीश जोशी दफ़्तर से निकल कर सीधे आई. टी. ओ. के मुख्य बस स्टॉप पर आता है। उसकी कलाई घड़ी शाम के पौने छः बजा रही है। उसे हौज खा़स जाना है। आज शाम से किशोरदा के घर पर कुमाऊँनी होली की बैठक है। वो कुछ गुनगुना रहा है। उसके चेतन में किसी गीत के बोल सुर-ताल में चल रहे हैं। सड़क पर सुरक्षित चलने में अवचेतन में बसा पुराना अनुभव और अभ्यास ही उसका मार्गदर्शन कर रहे हैं। रोज़गार की तलाश में कुमाऊँ के पर्वतीय अंचलों से कई परिवार दिल्ली आ बसे। जनता कॉलोनियों से ले कर पॉश इलाक़ों तक में इन्होंने अपने आशियाने बना लिये। ये परिवार कुमाऊँ की अन्य लोक-परम्पराओं के साथ दशहरे में रामलीला के मंचन की तथा फागुन में होली की बन्दिशें गाने की अत्यन्त समृद्ध परम्परा को साथ ले कर आये। दशहरे और फागुन के दौरान कुमाऊँनी परिवारों में आन्चलिक रस से भरपूर...आगे-
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प्रेरणा गुप्ता की लघुकथा
वसुधैव कुटुम्बकम
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पर्व परिचय में राजकिशन नैन का
आलेख- होली हरियाणा की
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अजयेन्द्रनाथ त्रिवेदी का
ललित निबंध- कहाँ आ गयी कोयल
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फुलवारी में बच्चों के लिये-
रंगने के लिए होली का सुंदर चित्र शिल्पकोना में, साथ ही बना कर देखें होलिका और प्रह्लाद काग़ज़ से

पिछले अंकों से-

लेख-

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क्यों लगाते हैं गुलाल होली में

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घोटिया अंबा में झरता नव वर्ष का संगीत

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देश विदेश की होली

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फ़िल्मी गानों में होली

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बस्तर और छत्तीसगढ़ की होली

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बृज में हरि होली मचाई

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रंग गई पग पग धन्य धरा

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रंगों से बदलें दुनिया

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रंग बरसे

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लला फिर आईयो खेलन होली

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लोकगीतों में देवी-देवताओं की होली

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सुनिए रंगों के संदेश

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होली और गीत संगीत

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होली खेलें रघुवीरा

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होली-पुराने दौर के समाचार-पत्रों मे

ललित निबंध-
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बौराया फागुन होली के रंग

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रंग बोलते हैं

संस्मरण-

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अटलांटा की होली और वसंत

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आँगन में उतरा इंद्रधनुष

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ऋतुगीत की खामोशी

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प्रख्यात लेखकों के होली-पल

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बहुत दिनों बाद देस में

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त्रिनिडाड में छूटती पिचकारी का नया रंग

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होली की वह दोपहर- जब मैं हवा थी

फुलवारी में बच्चों के लिए-

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कहानी- होली वाला रोबोट

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कविताएँ- होली आई और होली का हंगामा

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रंगने के लिए होली का सुंदर चित्र

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बना कर देखें होलिका और प्रह्लाद काग़ज़ से

पर्व परिचय में-

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रंग रंग की होली - दीपिका जोशी

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होली के विविध आयाम- सत्यवान शर्मा

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बृज में होली का त्योहार - महेश कटरपंच

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।


प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

 
सहयोग : कल्पना रामानी
 

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