नियम
अनुभूति और अभिव्यक्ति
में आपकी अनुभूति और रचनात्मक अभिव्यक्ति का स्वागत है।
इन पत्रिकाओं के लिए हम कहानी, कविता, हास्य व्यंग्य,
नाटक तथा हर प्रकार के साहित्य, संस्कृति, परिवार,
स्वास्थ्य, पर्यटन, चित्रकला तथा बाल साहित्य से संबंधित
हिंदी रचनाएँ आमंत्रित करते है। विशेषांकों से संबंधित
सामग्री कृपया एक महीने पहले अवश्य भेज दें।
रचनाएँ
पहले से वेब पर किसी भी वेबसाइट या ब्लाग आदि में
प्रकाशित नहीं होनी चाहिये। पत्र-पत्रिकाओं में पूर्वप्रकाशित रचनाओं के साथ
निम्नलिखित सूचना को संलग्न करना आवश्यक है :
पुस्तक या पत्रिका का नाम, प्रकाशक का नाम तथा पता, रचना
यदि किसी पत्रिका से ली गई है तो अंक की तिथि तथा वर्ष,
तथा संपादक का नाम होना भी ज़रूरी है।
लिपि
पता
कविताएँ
भेजने के लिए हमारा पता है–
तथा गद्य
रचनाएँ भेजने का पता है–
शर्तें
-
अभिव्यक्ति व
अनुभूति अव्यवसायिक पत्रिकाएँ हैं। इनमें रचनाएँ
प्रकाशित करने के लिए जबतक पहले से सूचित न किया गया
हो, कोई भी धनराशि ली अथवा दी नहीं
जाती है।
-
पत्रिका के उद्देश्य
को ध्यान में रखते हुए इसका शीर्षक बदलने अथवा इसमें
संपादन करने का अधिकार संपादक मंडल के पास है।
-
पृष्ठ संरचना के
अनुसार किसी भी रचना के साथ चित्रों को संबंधित करने
का निर्णय और अधिकार संपादक मंडल का है।
-
अभिव्यक्ति व
अनुभूति को प्रकाशनार्थ भेजी गई रचनाएँ लेखक के
व्यक्तिगत जालघर, चिट्ठे या अन्य किसी जाल पत्रिका को
नहीं भेजी जानी चाहिये। यदि पहले या बाद में उन्हें किसी
अन्य हिंदी जाल-पत्रिका पर देखा गया तो उन्हें अभिव्यक्ति
व अनुभूति से हटाया जा सकता है।
-
रचना की स्वीकृति की
सूचना देर से देर एक महीने के अंदर भेज दी जाती है।
अस्वीकृत रचनाओं के विषय में पत्रव्यवहार नहीं किया
जाता। अत: लेखकों से नम्र निवेदन है कि वे एक माह तक
प्रतीक्षा करें।
-
स्वीकृत रचनाओं के
प्रकाशन में सामान्य रूप से १ से ३ महीने तक का समय लगता
है। कृपया अनुस्मरण (रिमाइंडर) भेजने से पहले इतनी प्रतीक्षा अवश्य
करें।
-
एक से अधिक रचनाएँ
स्वीकृत हैं तो दोनों के प्रकाशन के बीच में ६ माह या
अधिक का समय लग सकता है।
-
नई हवा की कविताओं
में संशोधन किए जा सकते हैं। अत: अगर संशोधन न चाहें
तो कृपया इस स्तंभ के लिए रचना न भेजें।
-
सभी विषयों से
संबंधित निबंधों और लेखों की शब्द संख्या १००० से २०००
शब्दों के बीच होनी चाहिये
कहानियों के विषय में विशेष-
कविताओं के विषय में विशेष:
-
एक
बार में एक ही विधा की स्वरचित कविताएँ एक ही वर्ड (.doc) या टेक्स्ट (.txt) फ़ाइल में
५ से ७ की संख्या में भेजी
जानी चाहिये अर्थात ७ कविताओं के लिए ७ फ़ाइलें नहीं भेजी जानी
चाहिये। कविताओं के साथ कवि का परिचय तथा जेपीजी (.jpg) फॉरमैट में फोटो भी संलग्न किया जाना
चाहिये। फोटो का आकार २५० पिक्सेल × ४०० पिक्सेल से छोटा नहीं होना
चाहिये।
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एक बार कविताएँ
प्रकाशित करने के बाद एक ही कवि की कविताएँ ६ महीने से
पहले दुबारा प्रकाशित करना संभव नहीं होता है। अत:
अगली बार कविताएँ पर्याप्त समय हो जाने पर ही भेजें।
-
ये नियम अनुभूति में
विशेष अवसरों पर आयोजित विशेषांकों और महोत्सवों पर लागू नहीं होते
हैं। समय समय पर आयोजित किए जाने वाले इन
विशेषांकों और महोत्सवों में उस समय दिए गए विषय से संबंधित लगभग सभी
कविताओं को तुरंत प्रकाशित कर दिया जाता है ।
इस समय एक
कवि जितनी चाहे उतनी रचनाएँ भेज सकता है और कई बार एक
कवि की एक से अधिक रचनाएँ भी प्रकाशित होती हैं। (नए
कवि विशेष रूप से इन अवसरों का लाभ उठाएँ)
कृपया हर रोज़ हर पत्र में एक कविता संलग्न न करें।
ऐसी कविताओं पर विचार करना संभव नहीं है।
उद्देश्य
-
'अभिव्यक्ति' व
'अनुभूति' का उद्देश्य हिंदी साहित्य को विश्व के हर
कोने में सुलभ कराना है जिससे विश्व
भर में फैले हिंदी प्रेमी अपनी सुविधानुसार इसका
रसास्वादन और अध्ययन कर सकें।
-
हमारा उद्देश्य होगा
कि विश्व के हर कोने में हिंदी साहित्य की रचना में
संलग्न लेखकों को एक मंच पर लाया जा सके जहाँ वे अपने
अनुभवों और रचना प्रतिभा का आदान प्रदान कर सकें और इस
प्रकार हिंदी के विकास में सहायक बनें।
-
हिंदी साहित्य की
लोकप्रियता को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करना तथा नए
लेखकों की रचनाएँ प्रकाशित कर के उन्हें प्रोत्साहित
करना।
प्रत्याख्यान
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अभिव्यक्ति व
अनुभूति पत्रिकाओं में प्रकाशित लेखों व रचनाओं के विचार
कवियों और लेखकों के व्यक्तिगत विचार हैं। संपादक मंडल
का इनसे सहमत होना आवश्यक नहीं है।
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'अभिव्यक्ति' व
'अनुभूति' व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक
पत्रिकाएँ हैं। इसमें प्रकाशित सभी रचनाओं के
सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास
सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के
बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं
है।
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यह सूचना प्रत्येक
पृष्ठ पर प्रकाशित कर दी गई है। इसके बाद भी यदि कोई
सर्वाधिकार का दुरुपयोग करता है तो इसका उत्तरदायित्व
और परिणाम पूरी तरह से दुरुपयोग करने वाले को भुगतना
होगा।
ध्यान दें-
-
जो ईमेल हिंदी के अतिरिक्त अन्य
भाषाओं या लिपियों में भेजे जाते हैं उन्हें बिना पढ़े
मिटा दिये जाने की संभावना है। अतः रचनाओं के साथ भेजे गए पत्र
हिंदी में होने आवश्यक हैं।
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इस लेखमाला को उपयोगी पा सकते हैं-
अंतरजाल पर लेखन
- टीम अभिव्यक्ति-अनुभूति
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