पिछले
सप्ताह
उपहार
में
दीपावली के लिए शुभकामना
संदेश
नभ
पर तारे
फुलवारी
में
शिल्पकोना में दीपावली के लिए
बनाएं
बंदनवार
साथ ही देश देशांतर में जाने
इज़राइल,
सऊदी अरब व इमारात
के बारे में
रसोईघर
में
दीपावली के लिए अभी से तैयार करें
मिठाइयां
और नमकीन
उपन्यास
अंश में
यू एस ए से सुषम बेदी के
धारावाहिक
उपन्यास अंश लौटना
का
भाग4
कहानियों में
भारत से सुधा अरोड़ा की कहानी
समुद्र में रेगिस्तान
तीस
साल पहले समुद्र ऐसा मटमैला नहीं था। चढ़ती
दुपहरी में वह आसमान के हल्के नीले रंग से कुछ
ज़्यादा नीलापन लिए दिखता आसमानी नीले रंग से
तीन शेड गहरा। लगता, जैसे चित्रकार ने समुद्र को
आंकने के बाद उसी नीले रंग में सफ़ेद मिलाकर ऊपर
के आसमान पर रंगों की कूची फेर दी हो। आसमान
और समुद्र को अलग करती बस एक गहरी नीली लकीर।
डूबता सूरज जब उस नीली लकीर को छूने के लिए
धीरेधीरे नीचे
उतरता तो लाल गुलाबी रंगों का
तूफ़ान सा
उमड़ता, वे सारे काम छोड़कर उठतीं और
कूची लेकर उस उड़ते अबीर को कैनवास पर उतारने बैठ
जातीं तस्वीर पूरी
होने पर खिड़की के बाहर की तस्वीर का अपनी तस्वीर से
मिलान करतीं और खीझ जातीं।
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दीपावली
विशेषांक
कहानियों में
यू ए ई से पूर्णिमा वर्मन की कहानी
उसकी
दीवाली
इंदिरानगर की इस चौड़ी सड़क के दोनों फुटपाथ
चुनरी और गोटे से सजी दूकानों से पट गए हैं।
इन अस्थाई दूकानों की शोभा देखते ही बनती है।
दूकानों पर लक्ष्मीगणेश हैं। मिट्टी के खिलौने
हैं, पटाके फुलझड़ियां हैं, बिजली की झालरें हैं,
चमचमाते हुए पीतल और स्टील के बरतन हैं, लावालाई
और मीठे खिलौने हैं, सजावटी सामान हैं और
पूजा के सामान भी। लोगों की भीड़ है और
ग्रामोफ़ोन रेकार्डों का शोर, जो धनतेरस से ही
शुरू हो जाता है। मिठाई की दूकानों ने खूब आगे तक
सीढ़ीनुमा आधार बना कर मिठाइयां सजा रखी हैं।
जबतक नंदिता ने शोरूम नहीं खोला था नंदिता भी
इनका हिस्सा थी। बिट्टू की
उंगली पकड़ कर हर रोज़ यहां घूमती थी
त्योहार में।
हास्य
व्यंग्य में
अनूप कुमार शुक्ल का व्यंग्य
दीपक
से साक्षात्कार
नाटक
में
डा
प्रेम जनमेजय का प्रहसन
सीता अपहरण केस
साहित्यिक
निबंध में
डा
रमानाथ त्रिपाठी का आलेख
रामगाथा और दंडकारण्य
उपन्यास
अंश में
यू एस ए से सुषम बेदी के
धारावाहिक
उपन्यास अंश लौटना
का
भाग5
सप्ताह का विचारं
धन
उतम कर्मों से उत्पन्न होता है, प्रगल्भता (साहस,
योग्यता व दृढ़ निश्चय) से बढ़ता है, चतुराई से फलता
फूलता है और संयम से सुरक्षित होता है।
विदुर
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अनुभूति
में
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मैथिली
शरण गुप्त
से सुनील जोगी तक
ढाई सौ से अधिक
कवियों की
दीपावली कविताएं
साथ ही काव्यमय
बधाई संदेश
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लेख
कार्तिक हे सखि पुण्य
महीना
गोवर्धन और अन्नकूट
दीप
ज्योति नमस्तुते
दीपदान का
लोकपर्व
दीवाली
दीपावली और वास्तु
दीपावली का
दार्शनिक पक्ष
राम
का अयन वन
सत्य का दीया तप का तेल
दिया
दिवाली का
रामराज्य में प्रकृति और पर्यावरण
हास्यव्यंग्य
में
लक्ष्मी तुम ऐसे क्यों
आयीं
दगे पटाखों की महक
दीपक
की व्यथा कथा
कहानियों
में
दिये की लौ
चयन
पिटी
हुई गोट
रामलीला
संस्मरण
यादों के कंदीलपरिचर्चा
त्रिनिडाड
की जगमगाती दीवाली
आस की कथा प्यास की व्यथा
फुलवारी
में बच्चों के लिये
चित्रकथा
कौन जोड़ेगा चित्र
कहानी
रघु और मैं
कविता
दिवाली
रंग
भरने के लिए
दीपावली चित्र
बना कर देखें
काग़ज़ की कंदील
उपहार में
मंगलमय
फुलझरियां छूटें
द्वार
पर दीपक
दीप
जले
पूजा
में मंगल दीप जलें
कला दीर्घा
में
गणपति और
दीपावली घर परिवार
में
ज्योतिर्मय
उपहार
एक
और रंग रंगोली
स्वस्तिक
की महिमा रसोईघर
में
मिठाइयां और
नमकीन
प्रेरक
प्रसंग में
दीपों की बातें
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