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ज्योतिर्मय उपहार  
   

उत्सव और त्योहारों का मौसम हो तो उपहारों की बात होती ही है, फिर उत्सव यदि दीपावली का हो तो बिना ज्योति के बात अधूरी-सी लगती है। क्यों न इस बार दीपावली पर उपहारों को ज्योतिर्मय बनाएँ! अपनों में-मित्रों में, त्योहार में-उपहार में हर जगह दीप जलाएँ।

काँच और क्रिस्टल हमेशा से उपहार के आदर्श रहे हैं। अगर आप ने भी एक बड़ा प्याला उपहार के लिया है तो कुछ फूल, कुछ टब में जलाने वाली मोमबत्तियाँ एक फ्लास्क में पानी और एक माचिस की डिब्बी साथ में ले जाएँ। मित्र के घर घंटी बजाने से पहले प्याले को बाएँ ऊपर चित्र की भाँति सजाएँ और फिर दरवाज़ा खुलते ही शुभ दीपावली कहते हुए उपहार का उल्लास बिखराएँ।

ऊपर दाएँ सीप के बने बर्तन और सजावटी सामान दिए गए हैं। सीप और शंख भारतीय परंपरा में शुभ और मांगलिक माने गए हैं। इस प्रकार के उपहार को चित्र के अनुसार किसी सुंदर-सी थाली में दियों या मोमबत्तियों की सहायता से सजा कर दिये की मधुर ज्योति के साथ दरवाज़ा खुलने की प्रतीक्षा की जा सकती है।

फूल-पौधों से बढ़ कर खुशनुमा चीज दुनिया में भला और क्या हो सकती है। अगर आप भी फूल पौधे उपहार में देना चाहती हैं तो एक सुन्दर से स्टैंड के साथ संयोजित करे और उसे मोमबत्तियों से सजाएँ। (देखें नीचे बाएँ) इस सजावटी उपहार को घर में प्रवेश द्वार के पास वाली मेज़, खाने की मेज़ या किनारे की किसी भी मेज़ पर सजाया जा सकता है।

दिवाली के त्योहार पर विभिन्न धातुओं से बने बर्तनों का विशेष महत्व है और उपहारों में भी ये खूब इस्तेमाल किए जाते हैं। बर्तन चाहें ऐंटीक हों या ताँबे, चाँदी और पीतल के उनकी शोभा उनके आकार में है। दियों के साथ संयोजित करके इसे और भी बढ़ाया जा सकता है। आप चाहें तो इन्हें उपहार में दें या अपने घर के किसी कोने को इनकी शोभा से सुसज्जित करें। अपनी रूचि और कल्पना को उड़ान दें और इस दिवाली पर कुछ नया, कुछ ज़ोरदार कर के मेहमानों को चकित कर दें।

 
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