पिछले सप्ताह
साहित्यिक
निबंध में
डा विद्यानिवास मिश्र का आलेख
हिंदी
मानसिकता
का निर्माण
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हास्य
व्यंग्य में
डा निशांत कुमार का
व्यंग्य
दौरा
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प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर
श्रीवास्तव का आलेख
गांव
में बना हिन्दी ब्राउज़र
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विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप की नज़र से
2004
की प्रमुख वैज्ञानिक
उपलब्धियां भाग2
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कहानियों
में
भारत से संजय विद्रोही की कहानी
थपेड़ा
रविवार का दिन। सुबहसुबह का समय, देवेश अपने घर के लॉन में बैठा अखबार पढ रहा था। पूरा का पूरा अखबार सुनामी लहरों से हुई विनाशकारी तबाही के समाचारों और तस्वीरों से अटा पडा था। तस्वीरों में दिखाई गई हृदयविदारक स्थितियों को सोचकर ही रोंगटे खडे हुए जा रहे थे। बच्चों की लाशें, औरतों की लाशें, बूढों की लाशें, लाशों के ढेर। विश्वभर में इस हादसे की काली छाया पसर चुकी थी और हर तरफ एक भयानक सदमा फैला हुआ था। एक ओर तबाही की ख़बरें थीं तो दूसरी ओर इसके लिए विश्वव्यापी सहयोग की। देवेश महज पन्ने पलट कर सरसरी तौर से समाचारों के शीर्षक भर देख रहा था। पूरा पढने लायक था भी क्या?
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इस
सप्ताह
कहानियों
में
यू के से उषा वर्मा की कहानी
मंजूर
अली
मंजूर अली यहीं ब्राडवे के
मोड़ पर रहते थे। मकान बड़ा नहीं था पर अच्छा था।
वैसे अकेले आदमी के लिए दो कमरों का मकान भी बड़ा
ही होता है। कुछ ही दिनों पहले पाकिस्तान से आए थे। हर समय खुशी की एक लहर उनकी आंखों
में दौड़ती रहती थी। सुधाकर को भी लीडस में
रहते यही सात आठ साल हो रहे थे। सुधाकर भारत के
उड़ीसा प्रांत से आए थे। परिवार को अभी तक नहीं बुला
पाए थे, अकेले थे
अतः हर एक से मिलना जुलना भी खूब रखते थे। समय
पड़ने पर हर किसी की मदद करने को तैयार रहते थे।
स्वभाव की इस उदारता की वजह से वह सबके चहेते थे
लोग उन्हें सम्मान की दृष्टि से देखते थे।
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हास्य
व्यंग्य में
रविशंकर श्रीवास्तव का
व्यंग्य
(उ)ई मेल
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पर्व
परिचय में
महाशिवरात्रि के अवसर पर
कश्मीरी परंपराओं की छानबीन
शिवरात्रि
के अखरोट
° ललित
निबंध में
श्यामसुंदर दुबे के शब्दों में
रोको!
यह
वसंत
जाने
न
पाए
° फुलवारी
में
पाल
वाली नावों का आविष्कार
और होली के लिए मिल कर बनाएं
होलिका
और प्रहलाद
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!सप्ताह का विचार!
सच्चाई
से जिसका मन भरा है, वह विद्वान न होने पर भी बहुत
देश सेवा कर सकता हैपं मोतीलाल नेहरू
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अनुभूति
में
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इस
माह का कवि में आलोक श्रीवास्तव
दिशांतर में
हंसराज सिंह वर्मा
और 10 नई
प्रेम कविताएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
उपहारश्रीनाथ
वेलेंटाइन
डेकमल कुमार
अपने
को संभालनागुरूदीप खुराना
ईमेलइला प्रसाद
कोना
झरी केतलीसंतोष गोयल
अंतिम
यात्रानीलम जैन
°
हास्य
व्यंग्य में
कुते
का गलामहेश
चंद्र द्विवेदी
खुदाईनरेन्द्र कोहली
नया साल कुछ ऐसा होसूरज प्रकाश
नव
वर्ष का अभिनंदननीरज त्रिपाठी
°
रचना
प्रसंग में
दीपिका जोशी के बहुमूल्य सुझाव
टाइप
करते समय याद रखें
°
आज
सिरहाने
अमरीकी भारतीय लेखकों का संकलन
दिशांतर
°
साहित्यिक
निबंध
के अंतर्गत डा सत्यव्रत वर्मा का आलेख
केरल
का हिन्दी कविः
स्वाति तिरूनाल
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बड़ी
सड़क
की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
पहली
हवाई यात्रा
°
महानगर
की कहानियां में
अंतरा करवड़े की लघुकथा
प्रेम
°
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
शरद
जोशी : पानी में तेल की बूंद
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रसोईघर
में
शाकाहारी मुगलई के अंतर्गत नया
व्यंजन
भरवां
टमाटर
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