पिछले
सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
रेखा व्यास का आलेख
थैंक्यू
सॉरी और हाई बाई
°
टिकट
संग्रह में
राजेश कुमार सिंह का आलेख
डाक
टिकटों में बाल दिवस
°
पर्व
परिचय में
राजेन्द्र तिवारी का आलेख
हिमांचल
का रेणुका जी मेला
°
°
साहित्य
संगम में
अमृता प्रीतम की कहानी का हिंदी
रूपांतर
मणिया
"बोलो मणिया! क्या बात हुई
थी? तू तो कहता था, वह प्रेस नहीं करती, और देखो
वह खुद लेने आई है।"
मणिया ने न इधर को देखा, और न कोई जवाब दिया।
बिंदिया हंसती रही और फिर कहने लगी, "बात कुछ
नहीं थी, यह जब भी आपके कपड़े लेकर आता था, मैं
इसे मज़ाक़ से कहती थी देखो! इतने कपड़े पड़े हैं,
पहले यह प्रेस करूंगी और फिर तुम्हारे कपड़ेअगर अभी
करवाने हैं तो नाच कर दिखाओ! और यह हंसता भी था,
नाचता भी था, और मैं सारा काम छोड़कर, आपके कपड़े
प्रेस करने लगती थी . . .आज पता नहीं क्या हुआ,
मैंने इसे नाचने को कहा, तो यह वहां से भाग
आया। मैंने मज़ाक में कहा था अब मैं कमीज़
प्रेस नहीं करूंगी।"
°
|
|
इस
सप्ताह कहानियों में
भारत से संजय विद्रोही की कहानी
बहाने
से
हल्के पीले रंग के पर्दे
से ढकी यहां एक खिड़की भी है। जिससे आसमान साफ़
दिखाई देता है और धरती धुंधली। यही वह खिड़की है
जिससे छनकर आ रही रोशनी आपको सड़क पर से देखने
पर जुगनू जैसी जान पड़ी थी। अरे! ये क्या?
किसी की तस्वीरों के टुकडे पड़े हैं ज़मीन पर। किसकी
तस्वीरें हैं? शायद किसी लड़के की। या शायद किसी
लड़की की। नहीं एक लड़का और एक लड़की की हैं। फाड़ी
किसने? शायद लड़के ने, या शायद लड़की ने।
देखो उधर लैंपशेड के पास रखी ऐशट्रे पर एक बुझी
हुई आधी सिगरेट भी रखी है। लगता है कोई मर्द था
यहां। हां, लेकिन क्या लड़कियां सिगरेट नहीं पी
सकती? या इस बेडरूम में एक मर्द की कल्पना करना ज्यादा
रोमांचक होगा?
°
हास्य
व्यंग्य में
गुरमीत बेदी का व्यंग्य
सावधान बंदर सीख रहे हैं हमारी भाषा
°
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव ने खोजा
माउस
में छिपा कलाकार
°
विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप का नया लेख
हेलिकोबैक्टर पाइलोरी और नोबेल प्राइज़
°
आज
सिरहाने
अभिव्यक्ति में प्रकाशित
बारह कहानियों का नेपाली अनुवाद
'ज़िन्दग़ी एक फ़ोटोफ्रेम' °
सप्ताह का
विचारं
मुस्कान
थके हुए के लिए विश्राम है,
उदास के लिए दिन का प्रकाश है
तथा कष्ट के लिए प्रकृति का सर्वोतम उपहार है।
अज्ञात
|
|
|
अनुभूति
में
|
|
कविताओं,
ग़ज़लों, हास्य व्यंग्य, पाठकनामा और
खबरदार कविताओं
सहित साहित्य और मनोरंजन
|
° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
दूसरी
दुनियानिर्मल वर्मा
उसकी
दीवालीपूर्णिमा वर्मन
समुद्र
में रेगिस्तानसुधा अरोड़ा
विसर्जनशैल
अग्रवाल
विश्वासनवनीत
मिश्र
रोड
टेस्टइला प्रसाद
°
हास्य
व्यंग्य में
दीपक
से साक्षात्कारअनूप कुमार शुक्ल
शूर्पनखा की नाकगोपाल
प्रसाद व्यास
कैसे
कैसे शब्दजालरविशंकर श्रीवास्तव
वह
कहां हैनरेन्द्र कोहली
°
श्रद्धांजलि
में
राजेन्द्र
तिवारी ने संकलित किए है
निर्मल वर्मा से संबंधित भावभीने संस्मरण
°
उपन्यास
अंश में
यू एस ए से सुषम बेदी के
धारावाहिक
उपन्यास अंश लौटना
का
भाग6
°
बड़ी
सड़क की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
बच्चे
ने मिलाया नंबर,
दादा दादी अंदर
°
नाटक
में
डा
प्रेम जनमेजय का प्रहसन
सीता अपहरण केस
°
साहित्यिक
निबंध में
डा
रमानाथ त्रिपाठी का आलेख
रामगाथा और दंडकारण्य
|
|