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उपन्यास में
स्वदेश राणा के नये अप्रकाशित उपन्यास
कोठेवाली
का तीसरा
भाग
चित्रा के घर पहुंचने में ताहिरा और
करन को करीबन दो घंटे लग गये। हैडन सैंट्रल से कैसिंगहन स्ट्रीट का
पूरा रास्ता अंडरग्राउंड में पैंतीसचालीस मिनट का था। ताहिरा चारिंग
क्रॉस पर ही उतर कर विंडोशापिंग में ऐसी लगी कि चलती कम और रूकती
ज़्यादा। रीजैंट स्ट्रीट, ब्रांड स्ट्रीट, आक्सफ़ोर्ड स्ट्रीट की साफ़ सुथरी बंद
दुकानों की सजी धजी विंडोज। न कीमत पूछने की जरूरत, न दाम चुकाने
की कैफ़ियत का एहसास। मन ही मन उसने बहुत सा सामान ख़रीदा
और बड़े सलीके से एक ख़ूबसूरत सा घर सजा
लिया।
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पिछले
सप्ताह
वैदिक
कहानियों में
डा रति सक्सेना
की कलम से
इंद्र
की गाथाएं
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स्वाद और स्वास्थ्य
में
दीपिका जोशी बता रही हैं
फलों का फलित
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समाचार
में
यू के में
कथा सम्मान
यूके घोषित
और
जकार्ता में होली
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परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत गये माह
भारत की घटनाओं का लेखा जोखा
शांति
के रंग
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कहानियों
में
भारत से महेश चंद्र द्विवेदी की कहानी
आई
एस आई एजेंट
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इस
सप्ताह
गौरव
गाथा में
मन्नू भंडारी की लोकप्रिय कहानी
यही सच है
खटखटखट . . .वही परिचित
पदध्वनि! तो आ गया संजय। मैं बरबस ही अपना सारा ध्यान
पुस्तक में
केन्द्रित कर लेती हूं। रजनीगन्धा के ढेरसारे फूल लिए
संजय मुस्कुरातासा दरवाज़े पर खड़ा है। मैं देखती हूँ, पर
मुस्कुराकर स्वागत नहीं करती। हंसता हुआ वह आगे बढ़ता है और
फूलों को मेज पर पटककर, पीछे से मेरे दोनों कन्धे दबाता हुआ
पूछता है, "बहुत नाराज़ हो?" रजनीगन्धा की महक से जैसे सारा
कमरा महकने लगता है। "मुझे क्या करना है नाराज़
होकर?" रूखाई से मैं कहती हूं। वह कुर्सी सहित मुझे घुमाकर
अपने सामने कर लेता है, और बड़े दुलार के साथ ठोड़ी उठाकर
कहता, "तुम्हीं बताओ क्या करता?
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हास्य
व्यंग्य में
संजय ग्रोवर की कलम से
मरा हुआ लेखक सवा लाख का
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आज
सिरहाने
में
डा इसाक 'अश्क' द्वारा आचार्य भगवत
दुबे के कविता संग्रह
हिन्दी तुझे प्रणाम
का परिचय
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प्रकृति
और पर्यावरण में
प्रभात कुमार का जानकारी पूर्ण
आलेख
आपदाओं का धनजल
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नगरनामा
में
सूरज प्रकाश का सजीव रेखाचित्र
!अहमदाबाद
एटले अहमदाबाद
!°!
!सप्ताह का विचार!
आलस्य
मनुष्य का सबसे बड़ा शत्रु है
और उद्यम सबसे बड़ा
मित्र, जिसके साथ रहने वाला कभी दुखी नहीं होता।
भर्तृहरि |
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अनुभूति
में
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काव्यचर्चा
में
अशोक चक्रधर,
श्रीकृष्ण माखीजा
की 10 नई रचनाएं और
शैलेन्द्र चौहान की
कविताएं
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पिछले अंकों से°
कहानियों
में
टेपचूउदय प्रकाश
आते
समयडा कुसुम अंसल
सारांशशुभांगी
भड़भड़े
अलग
अलग तीलियांप्रभु जोशी
होली
मंगलमय होओम
प्रकाश अवस्थी
संकल्पनीलम शंकर
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पर्व
परिचय में
कैलाश जैन का आलेख
पहली अप्रैल की कहानी
°
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर की कलम से
पहले बा से
पहले खा तक
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फुलवारी
में
बच्चों के लिए जानकारी के अंतर्गत
जंगल के पशु श्रृंखला में
गैंडा
गैंडे का एक सुंदर
चित्र
रंगने
के लिये
और कविता बड़ा सा गैंडा
° साहित्यिक
निबंध में
सुषम बेदी का आलेख
पीढ़ियों की सीढ़ियां
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत
शैल
अग्रवाल
की कलम से
मां और
मांसी दो बहनें
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विज्ञान
वार्ता में
'भूल
गया कुछ कुछ याद नहीं सब कुछ'
डा गुरूदयाल प्रदीप की
कलम से
स्मृति
विस्मृति का तानाबाना
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प्रौद्योगिकी
में
डा विजय मल्होत्रा का
आलेख
कंप्यूटर
नेटवर्क के क्षेत्र में क्रांतिइंटरनेट
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आत्मकथा
में
कृष्ण बिहारी की आत्मकथा का अगला
भाग विश्वजाल
पर पदार्पण
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