कथा (यूके) के मुख्य सचिव
एवं प्रतिष्ठित कथाकार श्री तेजेंद्र शर्मा ने, लंदन से, सूचित
किया है कि दसवां अंतर्राष्ट्रीय इंदु शर्मा कथा सम्मान श्री राय
को उनके उपन्यास 'तबादला' पर देने का निर्णय लिया गया है।
इस पुरस्कार के अन्तर्गत दिल्लीलंदनदिल्ली का आने जाने का
हवाई यात्रा का टिकट (एअर इंडिया द्वारा प्रायोजित), एअरपोर्ट
टैक्स, इंग्लैंड के लिए वीसा शुल्क, एक शील्ड, शॉल, लंदन
में एक सप्ताह तक रहने की सुविधा तथा लंदन के खास खास
दर्शनीय स्थलों का भ्रमण आदि शामिल होंगे। यह सम्मान
श्री राय को लंदन के नेहरू सेंटर में 26 जून 2004 की शाम को
एक भव्य आयोजन में प्रदान किया जाएगा।
इंदु शर्मा मेमोरियल ट्रस्ट की
स्थापना संभावनाशील कथा लेखिका एवं कवयित्रि इंदु शर्मा की
स्मृति में की गई थी। इंदु शर्मा का कैंसर से लड़ते हुए अल्प
आयु में ही निधन हो गया था। अब तक यह प्रतिष्ठित सम्मान
सुश्री चित्रा मुद्गल, श्री संजीव, श्री ज्ञान चतुर्वेदी तथा
एस आर हरनोट को प्रदान किया जा चुका है।
विभूति नारायण राय के लेखन का
मूल स्वर व्यंग्य है। उनकी अन्य उल्लेखनीय कृतियों में 'घर',
'किस्सा लोक तंत्र', 'शहर में कर्फ्यू', 'एक छात्र नेता का
रोजनामचा' आदि शामिल हैं। भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ
अधिकारी श्री राय 1975 बैच के आइपीएस हैं। वे पिछले 18 बरस
से 'वर्तमान साहित्य' नाम की बेहतरीन साहित्यिक पत्रिका निकाल
रहे हैं। 'साम्प्रदायिक दंगे और भारतीय पुलिस' नाम के उनके
अनुसंधान कार्य ने पुलिस और राजनैतिक हलकों में अच्छा
खासा हंगामा मचाया था। इन दिनों वे अपने गांव आजम
गढ़ में अपने प्रयासों से बनाए गए पुस्तकालय को ले कर
बेहद उत्साहित हैं।
वर्ष 2004 के लिए 'पद्मानन्द
साहित्य सम्मान' सुश्री अचला शर्मा को रेडियो नाटकों की दो
पुस्तकों 'जड़ें' एवं 'पासपोर्ट' के लिए दिया जा रहा है। इससे
पूर्व इंग्लैण्ड के प्रतिष्ठित हिन्दी लेखकों क्रमशः डासत्येन्द्र
श्रीवास्तव, सुश्री दिव्या माथुर, श्री नरेश भारतीय और
भारतेन्दु विमल को 'पद्मानन्द साहित्य सम्मान' से सम्मानित
किया जा चुका है। सुश्री अचला शर्मा का जन्म जालंधर,
पंजाब में हुआ था और उन्होंने अपनी पढ़ाई दिल्ली
विश्वविद्यालय से की। उनकी प्रकाशित रचनाओं में 'बर्दाश्त
बाहर', 'सूखा हुआ
समुन्द्र', 'मध्यान्तर' (कहानी संग्रह)
शामिल हैं वे लंदन में बी बी सी रेडियो सेवा में हिन्दी
विभाग की प्रमुख हैं।
ट्रस्ट उन सभी लेखकों, पत्रकारों,
संपादकों, मित्रों और शुभचिंतकों का हार्दिक आभार मानते
हुए उनके प्रति धन्यवाद ज्ञापित करता है जिन्होंने इस वर्ष के
पुरस्कार चयन के लिए लेखकों के नाम सुझा कर हमारा
मार्गदर्शन किया और हमें अपनी बहुमूल्य संस्तुतियां भेजीं।
सूरज प्रकाश
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