अनन्नास
पौष्टिक तत्व : अनन्नास
कैल्शियम, पोटैशियम, विटामिन ए और सी, और फॉस्फोरस
से भरपूर फल है।
सुझाव : मीठा न होने पर थोड़ी चीनी के साथ
भोजनोपरान्त काट कर खाया जाता है। सलाद में या रस
निकाल कर पेय के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता
है।
सेब
पौष्टिक तत्व : क्लोरिन, तांबा, लोहा,
मैगनीशियम, मॅन्गनीज तथा फोलिक ऐसिड सेब में
पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है।
सुझाव : सेब के छिलके में पोषक तत्व भरपूर होते
हैं इसलिए जहाँ तक संभव हो इसे छिलके समेत खाना
सेहत के लिए अच्छा होता है। ताज़े फलों का रस
स्वादिष्ट होता है। सेब चबाकर खाना मसूड़ों के लिए
हितकारक है। सेब का मुरब्बा और चटनियाँ भी
स्वादिष्ट और स्वास्थ्यकर होते हैं।
नींबू
पौष्टिक तत्व : नींबू
बायफ्लेवोनाइडस्, विटामिन सी और पोटैशियम से भरपूर
है।
सुझाव : ज़्यादा विटामिन सी युक्त फल के सेवन से
शरीर से कैल्शियम की मात्रा कम होने का ख़तरा है
इसलिए ऐसे फल ज़रूरत से ज़्यादा नहीं खाने चाहिए।
विटामिन सी युक्त पेय लेने के बाद थोड़ा व्यायाम
करना अच्छा होता है। गर्मी के दिनों में ऐसे पेय
उत्साहवर्धक लगते हैं और स्फूर्ति प्रदान करते
हैं।
पपीता
पौष्टिक तत्व : कैलशियम,
क्लोरिन, लोह, पपेन, विटामिन सी और ए से भरपूर है
पपीता।
सुझाव : इसका रस तो बहुत गाढ़ा होता है इसलिए
इच्छानुसार इसे थोड़ा पतला करके पी सकते हैं।
पपीता आमतौर पर छोटे टुकड़ों में काटकर खाया जाता
है। सुबह के नाश्ते के समय इसे प्रमुख स्थान दिया
जाता है। विटामिन ए और सी से भरपूर होने के कारण
खास तौर पर बच्चों के लिए अत्यंत लाभदायक है।
संतरा
पौष्टिक तत्व : संतरे में
कैल्शियम, क्लोरिन, कॉपर, फ्लोरिन, लोहा,
मॅन्गनीज, विटामिन बी१ और सी भरपूर है।
सुझाव : नींबू की प्रजाति के इस फल में छिलके के
नीचे सफेद रंग की झिल्ली-सी परत होती है जिसमे
बायोफ्लवोनाइड् होते हैं। यह विटामिन सी को सोखने
में मददगार है, इसलिए संतरा झिल्ली समेत खाना
चाहिए। ताज़े संतरे का रस निकाल कर तुरंत पीना
लाभदायक है क्यों कि रखे रहने पर इसके सत्व
धीरे-धीरे नष्ट होने लगते हैं। टंगेरिन नामक संतरे
में शक्कर की मात्रा इस जाति के अन्य फलों से
ज़्यादा होती है अत: यह फल कम खट्टा होता है और
अम्ल की मात्रा भी कम होती है।
नाशपाती
पौष्टिक तत्व : नाशपाती में
फॉस्फोरस, विटामिन ए, विटामिन बी१, बी२, और
पोटैशियम पाया जाता है।
सुझाव : ठंडा कर के बिना काटे या फिर ४ हिस्सों
में काटकर खाया जाता है। इसमें पानी भरपूर मात्रा
में होता है पर यदि रस निकालना है तो तैयार रस में
पानी या सेब का रस डाल कर पतला और स्वादिष्ट बनाया
जा सकता है।
स्ट्रॉबेरी
पौष्टिक तत्व : इसमें
कैलशियम, लोहा, फॉस्फोरस, विटामिन सी और फायबर है।
सुझाव : स्ट्राबेरी में नैसर्गिक शक्कर भारी
मात्रा में होने के कारण जिन्हें मधुमेह या शक्कर
से संबंधित कोई भी बीमारी हैं, इसका सेवन नहीं
करना चाहिए। इसका रस गाढ़ा होता है इसलिए इसे ऐसे
ही या काट कर खाना चाहिए। स्ट्रॉबेरी को कस्टर्ड,
पुडिंग और क्रीम के साथ विभिन्न व्यंजनों के साथ
परोसा जा सकता है।
ख़रबूज़ा
पौष्टिक तत्व : ख़रबूज़े
में विटामिन ए, सी और बी कॉम्प्लेक्स सही मात्रा
में पाए जाते हैं।
सुझाव : ख़रबूज़ा और इस तरह का कोई भी फल पानी से
परिपूर्ण है इसलिए गरम मौसम में यह स्वास्थ्य के
लिए अत्यंत लाभकर है। छिलके के नीचे ही पौष्टिक
तत्व होने के कारण छिलके तक जितना गहरा खा सकते
हैं, खाना चाहिए। ख़रबूज़ा और तरबूज़ डायटिंग
प्रेमियों में सर्वाधिक लोकप्रिय हैं।
अंगूर
पौष्टिक तत्व : अंगूर में
कैल्शियम, क्लोरिन, लोहा और बायफ्लवोनाइडस् हैं।
सुझाव : अंगूर में शक्कर की मात्रा बहुत ज़्यादा
है। अंगूर जितने गहरे रंग का होता है उतना ही
पौष्टिक होता है। स्वाद के अनुसार हरे या गहरे लाल
रंग के अंगूर खा सकते हैं। इन्हें दूध से बने
कस्टर्ड, क्रीम दही या पुडिंग में बिना पकाए डाला
जा सकता है।
तरबूज़
पौष्टिक तत्व : तरबूज़े में
बहुत भारी मात्रा में खनिज पदार्थ, विटामिन,
नैसर्गिक शक्कर और करीब नब्बे प्रतिशत पानी है।
सुझाव :अच्छी तरह पका हुआ लाल रंग का तरबूज़ मीठा
और ठंडा कर के काट कर खाने में मज़ा आता है।
ब्लेंडर में डाल कर इसका रस बनाया जा सकता है। रस
को अन्य रसों के साथ मिला कर स्वादिष्ट भी बनाया
जा सकता है।
आम
पौष्टिक तत्व : विटामिन ए,
ई और सी, लोह से भरा है आम।
सुझाव : बहुत ज़्यादा आम खाने से शरीर की गरमी बढ़
सकती है। पर कटे हुए आम या अमरस और आम के रस की
किसी के साथ तुलना नहीं।
केला
पौष्टिक तत्व : केले में
पोटैशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, विटामिन ए, बी१, बी२
और विटामिन सी होते हैं।
सुझाव : स्टार्च और और घुलने वाले रेशे से भरा
केला छ: महीने के छोटे बच्चे को भी खिला सकते हैं।
पूरा पका केला शक्कर से भरपूर होता है। केले का
शेक भी स्वादिष्ट होता है। |