|
स्वतंत्रता दिवस विशेषांक
कहानियों
में
'शुभी को कल जैसी याद है जब भारतसरकार का वह पत्र आया था। आगे उसमें लिखा था कि उनकी इच्छानुसार उनका व्यक्तिगत सामान शुभांगी मित्रा को सौंपा जाता है। और साथ के पैकेट में आदित्य की वरदी के साथ एक चाभी का गुच्छा, थोड़ी सी चेंज, एक कंघा, एक रूमाल और यही मेजरिंग टेप था। शुभी को अच्छी तरह से याद है वह इक्कीस सितम्बर की शाम। ° प्रौद्योगिकी
में
° संस्मरण में ° हास्य व्यंग्य में °
|
कहानियों
में मेरी छुट्टियां समाप्त होने को थी अतः मैं दिल्ली आ गया। दोचार दिन वहां रूककर मैं वापस अबूधाबी आ गया। इस बीच अखिलेश से न तो मेरी मुलाकात हुई और न ही फोन पर कुछ बात हो पाई। यहां आकर डिसूजा से पता चला कि अखिलेश के लिए पीटीए भेजा जा चुका है जिसकी सूचना अखिलेश को तार द्वारा दे दी गई है। डिसूजा ने मुझसे कहा कि अगर अखिलेश फोन पर बात हो सके तो उससे जल्दी आने के लिए कहें क्योंकि नया सत्र शुरू हो गया है।
°
°
पर्यटन में
° घर
परिवार में
विज्ञान
वार्ता में °
|
°
पिछले अंकों से° °
पर्व परिचय में स्वास्थ्य
संदर्भ में °
सामयिकी
में
° साक्षात्कार में °
कलादीर्घा
में
°
फुलवारी
में ° परिक्रमा
में |
अभिनंदनपत्र।आज सिरहाने।आभार।उपहार।कहानियां।कला दीर्घा।कविताएं।गौरवगाथा।घरपरिवार |
|
|
प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना
परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन सहयोग : दीपिका जोशी
तकनीकी
सहयोग :प्रबुद्ध कालिया
साहित्य संयोजन :बृजेश कुमार
शुक्ला