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देश हमारा

भारत के राष्ट्रपति
बृजेश कुमार शुक्ल
 

स्वतंत्र भारत की संवैधानिक संरचना की परिकल्पना २६ जनवरी १९५० को भारतीय गणतंत्र की स्थापना के रूप में परिणित हुई, संविधान द्वारा भारत के संघीय लोकतांत्रिक सरकार का प्रमुख अनंत शक्ति सम्पन्न राष्ट्रपति होता है जिसका चयन जन प्रतिनिधियों द्वारा निर्वाचन पद्धति से पाँच वर्ष के लिये किया जाता है


डा राजेन्द्र प्रसाद : - कार्यकाल २६ जनवरी १९५० से १३ मई १९६२
३दिसंबर १८८४ को बिहार के सारन जिले के एक संभ्रांत कायस्थ परिवार में जन्मे राजेन्द्र बाबू वकालत छोड़ कर गांधी जी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े आज़ादी की लड़ाई में उनको कई बार जेल की यात्रा करनी पड़ी वे भारत के एकमात्र राष्ट्रपति हैं जिन्होंने दो कार्य-कालों तक राष्ट्रपति पद पर कार्य किया


डा. सर्वपल्ली राधाकृष्णन : - कार्यकाल १३ मई १९६२ से १३ मई १९६७
दक्षिण भारतीय तमिल ब्राह्मण परिवार में जन्मे राधाकृष्णन एक उच्च दर्शन शास्त्री एवं प्रतिभाशाली विद्वान तथा प्रख्यात लेखक के रूप में प्रतिष्ठित थे इनके जन्मदिवस ५ सितंबर को 'अध्यापक दिवस' के रूप में भारतीय विद्यालयों में आज भी बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है आपको अनेक भारतीय एवं विदेशी विश्वविद्यालयों द्वारा मानद उपाधियों से विभूषित किया गया था


डा. ज़ाकिर हुसैन : - कार्यकाल १३ मई १९६७ से ३ मई १९६९
इनका जन्म उत्तर-प्रदेश के धनाढ्य पठान परिवार में हुआ था केवल २३ वर्ष की अवस्था में वे जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की स्थापना दल के सदस्य बने वे अर्थशास्त्र में पीएच. डी की डिग्री के लिए जर्मनी के बर्लिन विश्वविद्यालय गए और लौट कर जामिया के उप कुलपति के पद पर भी आसीन हुए १९६९ में असमय देहावसान के कारण वे अपना राष्ट्रपति कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।


वाराह गिरि वेंकट गिरि : - कार्यकाल ३ मई १९६९ से २४ अगस्त १९७४
१० अगस्त १८९४ में जन्मे श्रमिक संघी गिरि का जन्म उड़ीसा प्रान्त में हुआ, उच्च शिक्षा हेतु वे डबलिन विश्वविद्यालय गए वे श्रीलंका में भारत के राजदूत तथा उत्तर प्रदेश, केरल और तत्कालीन मैसूर के राज्यपाल भी रहे प्रधान मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी अपने राष्ट्रीयकरण की उदारवादी नीतियों के समर्थन के लिए उन्हें राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में लाईं।


फ़ख़रूद्दीन अली अहमद : - कार्यकाल २४ अगस्त १९७४ से ११ फ़रवरी १९७७
दिल्ली के धनी परिवार में जन्मे फ़ख़रूद्दीन अली अहमद की शिक्षा इंग्लैंड में हुई थी इनकी गणना कांग्रेस के प्रमुख नेताओं में की जाती थी सन १९७४ में वे उस समय राष्ट्रपति बने, जब समूचा देश इंदिरा गांधी की नीतियों का विरोध कर रहा था, ऐसे समय में प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी के सुझाव से १९७५ में आंतरिक आपात स्थिति की घोषणा के कारण इनका कार्यकाल काफी अलोकप्रिय रहा १९७७ में अचानक हृदयगति रुक जाने के कारण इनका देहावसान हो गया।


नीलम संजीव रेड्डी : - कार्यकाल २५ जुलाई १९७७ से २५ जुलाई १९८२
आंध्र प्रदेश के कृषक परिवार में जन्मे नीलम संजीव रेड्डी की छवि कवि, अनुभवी राजनेता एवं कुशल प्रशासक के रूप में थी इनका सार्वजनिक जीवन उत्कृष्ट था सन १९७७ के आम चुनाव में जब इंदिरा गांधी की पराजय हुई, उस समय नव-गठित राजनीतिक दल जनता पार्टी ने इनको राष्ट्रपति का प्रत्याशी बनाया वे भारत के पहले गैर काँग्रेसी राष्ट्रपति थे।


ज्ञानी जैल सिंह : - कार्यकाल २५ जुलाई १९८२ से २५ जुलाई १९८७
सिख धर्म के विद्वान पंजाब के मुख्यमंत्री रह चुके ज्ञानी जी अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति, सत्यनिष्ठा के राजनीतिक कठिन रास्तों को पार करते हुए १९८२ में भारत के गौरवमयी राष्ट्रपति के पद पर आसीन हुए १९८७ तक के अपने कार्यकाल के दौरान इन्हें 'ब्लूस्टार आपरेशन' एवं इंदिरा गांधी की हत्या जैसी दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियों से गुजरना पड़ा।


आर. वेंकटरमण : - कार्यकाल २५ जुलाई १९८७ से २५ जुलाई १९९२
कानून के प्रकांड पंडित श्री आर वेंकट रमण दक्षिण भारतीय श्रमिक संघी थे वे तमिलनाडु की राज्य सरकार में मंत्री रहे और १९८७ में राष्ट्रपति के पद पर आरूढ़ हुए १९८९ के आम चुनाव मे किसी भी राजनीतिक दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण इन्होंने प्रधानमंत्री के चुनाव में कठिन भूमिका का निर्वहन किया।


डा. शंकर दयाल शर्मा :- कार्यकाल २५ जुलाई १९९२ से २५ जुलाई १९९७
इनकी उच्च शिक्षा कैंब्रिज विश्वविद्यालय में हुई वे प्रकांड विद्वान थे, आंध्र प्रदेश, पंजाब तथा महाराष्ट्र के राज्यपाल के पद पर रहे, इन्हीं के कार्यकाल के बाजपेयी की १३ दिन की सरकार बनी थी आपने कैंब्रिज विश्वविद्यालय में अध्यापन भी किया विश्वविद्यालय ने आपको 'डाक्टर आफ ला' की मानद विभूति से अलंकृत किया था


कोच्चेरी रामण नारायणन :- कार्यकाल २५ जुलाई १९९७ से २५ जुलाई २००२
केरल में जन्मे के आर नारायण भारत के पहले दलित राष्ट्रपति थे आपने त्रावणकोर विश्वविद्यालय से अंग्रेज़ी में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त करने के बाद "लंदन स्कूल आफ इकोनोमिक्स" में अर्थशास्त्र का अध्ययन किया आपकी गणना भारत के कुशल राजनीतिज्ञों में की जाती है आपका कार्यकाल भारत की राजनीति में गुजरने वाली विभिन्न अस्थिर परिस्थितियों के कारण अत्यंत पेचीदा रहा।


अबुल पकिर जैनुलाअबदीन अब्दुल कलाम:- कार्यकाल २५ जुलाई २००२ से २५ जुलाई २००७
१५ अक्तूबर, १९३१, रामेश्वरम, तमिलनाडु में जन्मे अब्दुल कलाम ने १९५८ में मद्रास इंस्टीट्यूट आफ टेकनालजी से अंतरिक्ष विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की १९६२ में वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन में आये रोहिणी उपग्रह के सफल प्रक्षेपण, अग्नि व पृथ्वी मिसाइल के निर्माण तथा पोखरण के परमाणु परीक्षण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है


प्रतिभा पाटिल २५ जुलाई २००७ से ५ जुलाई २०१२ तक
१९ दिसंबर १९३४ को महाराष्ट्र के जलगांव जिले में जन्मी प्रतिभा देवीसिंह पाटिल ने मुंबई के गवर्नमेंट लॉ कालेज से कानून की पढाई की वे टेबल टेनिस की अच्छी खिलाड़ी थीं महाराष्ट्र सरकार में वे राज्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री रहीं १९८६ में वे राज्यसभा की उपसभापति, १९८९-१९९० में महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस की प्रमुख तथा २००४ में राजस्थान की राज्यपाल बनीं २५ जुलाई २००७ को वे भारत की राष्ट्रपति चुनी गईं।


प्रणव मुखर्जी २५ जुलाई २०१२ से
११ दिसंबर १९३५ को जन्मे प्रणव मुखर्जी ने कोलकाता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान तथा इतिहास में स्नातकोत्तर उपाधि प्राप्त की तथा कानून की पढ़ाई भी की उन्होंने वकील और कॉलेज प्राध्यापक और पत्रकार के रूप में भी काम किया है १९७३ में वे औद्योगिक विकास विभाग के केंद्रीय उप मन्त्री के रूप में मन्त्रिमण्डल में शामिल हुए १९८४ में भारत के वित्त मंत्री बने उन्होंने राव के मंत्रिमंडल में १९९५ से १९९६ तक विदेश मन्त्री के रूप में भी कार्य किया

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