पिज़ा स्वाद में तो
मज़ेदार होता ही है, पौष्टिकता में भी इसका जवाब
नहीं। रोम में किए गए एक सर्वेक्षण के अनुसार
पिज़ा खानेवालों के लिए ज़बरदस्त खुशख़बरी है -
पिज़ा यदि नियमित रूप से खाया जाय तो अनेक किस्मों
के कैंसर से दूर रहा जा सकता है। 'ला रिपब्लिका'
नामक इटालियन दैनिक में दी गई ख़बर के अनुसार
सर्वेक्षण के दौरान पेट, आंत या पाचन तंत्र के
कैंसर से पीड़ित ३००० इतालवी लोगों की, ५००० दूसरे
रोगियों से तुलना की गई। इस तुलनात्मक अध्ययन में
पाया गया कि जिन लोगों ने पिज़ा का सप्ताह में एक
या अधिक बार सेवन किया था उन्हें, पिज़ा न
खानेवाले लोगों की तुलना में कैंसर की शिकायत कम
रही। फॉर्माकोलॉजी इंस्टीट्यूट, मिलान के अनुसार
पिज़ा खाने वालों को मुँह के कैंसर में ३४
प्रतिशत, पेट के कैंसर में ५९ प्रतिशत और आंत के
कैंसर में २६ प्रतिशत तक कमी की संभावना होती है।
सिल्वॅनो गॅलस के
नेतृत्व में किए गए इस सर्वेक्षण में यह तथ्य
प्रकाश में आया कि पिज़ा में टमाटर के गुण अत्यंत
लाभकारी हैं। टमाटर की चटनी या सॉस को कुछ प्रकार
के ट्यूमरों के लिए प्रतिरोधक माना गया है लेकिन
कैंसर पर भी इसका इतना असर हो सकता है यह बात अभी
ही प्रकाश में आई। मिलान के एपिडरमॉलॉजिस्ट कारलो
ला वेशिया ने बताया कि पिज़ा के प्रेमियों को यह
नहीं समझ लेना चाहिए कि सिर्फ़ पिज़ा खाने से ही
कैंसर से दूर रहा जा सकता है। उन्होंने आगे कहा कि
टमाटर के गुणों के बारे में तो सभी जानते हैं।
आजकल खान-पान में, पिज़ा में इसका ज़्यादा प्रयोग
किया जाता है। दूसरे शब्दों में यह एक इटालियन
मेडेटेरेनियन आहार है। परंपरागत मेडेटेरेनियन खाना
जैतून तेल, फायबर, फल सब्ज़ियाँ और हमेशा ताज़ा
बने हुए पदार्थों से लेस होता है।
डॉमिनो के अनुसार
भारत में अदरक, महीन मटन और टोफू, जापान में
मायोनीज, बेकन और आलू और ब्राजील में हरे मटर वाला
पिज़ा अधिक लोकप्रिय हैं। रूस में अलग-अलग तरह की
मछली और प्याज़, फ्रांस में फ्लम्बी और बेकन के
साथ ताज़ी मलाई वाला पनीर पिज़ा की ऊपरी सतह पर
पसंद किया जाता है। नीदरलैंड में "डबल डच" नामक
पिज़्ज़ा सर्वाधिक लोकप्रिय है। इसमें चीज़,
प्याज़, मटन सभी कुछ दुगना डाला जाता है। पिज़ा
बनाने वाली कंपनियों ने अलग-अलग मक्खन, जेली, अंडे
या मसले हुए आलू का पिज़ा में प्रयोग किया है।
दुनिया के अलग-अलग जगहों पर पिज़ा के बदलते हुए
स्वाद का मज़ा लिया जा सकता है।
विश्व का सबसे
बड़ा पिज़ा ११ अक्तूबर १९८७ को लोरेन्ज़ो अमॅटो और
लुईस पियानकोन ने बनाया था। यह पिज़ा १४० फीट
चौड़ा और १०,००० वर्ग फुट में बना हुआ था। उसका
वज़न ४४,४५७ पाउंड था। इसे बनाने में १८,१७४ पाउंड
आटा, १,१०३ पाउंड पानी, ६,४४५ पाउंड सॉस, ९,३७५
पाउंड चीज़ और २,३८७ पाउंड पेपरोनी का इस्तेमाल
हुआ था। इसे ९४,२४८ टुकड़ों में काटा गया और
३०,००० लोगों ने हवाना, फ्लोरीड़ा में खाया था।
बाद में इस रेकार्ड को १९९५ में नॉरवुड, साउथ
अफ्रीका में ३७.४ मीटर्स चौड़ा (१२,१५९ वर्ग फुट)
पिज़ा बना कर तोड़ा गया। यह रेकार्ड गिनीज़ बुक
में दर्ज़ है।
पिज़ा का इतिहास
१००० साल पुराना है। प्रारंभिक रूप में इसकी रोटी
को आटा गूँध कर हाथ से फैलाकर घर के बाहर बने
चूल्हे पर सेंका जाता था। इस पर जंगल में
मिलनेवाली जड़ी बूटी या हरे पत्ते डाल कर सजाया
जाता था और भूख बढानेवाला या हल्का-फुल्का खाना
समझकर खाया जाता था। नेपल्स, इटली में शुरू हुए इस
भोजन को बाद में टमाटर डालकर पिज़ा का रूप दिया
गया। रेफ्रीजेरेटर का ज़माना आने से पहले
स्त्रियाँ गूँधे हुए आटे की पतली रोटी सेंककर रखती
थीं। इसके ऊपर मन पसंद चटनी या सब्ज़ियाँ डालकर
हाथ में ले कर खाया जा सकता था। खाने के लिए
तश्तरी की ज़रूरत न होने के कारण यह शीघ्र
लोकप्रिय हो गया। १६०० इस्वी से पहले पिज़ा के
बारे में किसी को पता नहीं था। टमाटर की खोज तो
हुई थी लेकिन, यह ज़हरीला तो नहीं? इसी शक के घेरे
में टमाटर बहुत दिनों तक भोजन में शामिल नहीं हो
पाया। १६०० शताब्दी के अंत मे यूरोपीय लोगों ने
टमाटर खाने में पहल की और तब इसकी जोड़ी बनी पिज़ा
के साथ।
आधुनिकतम पिज़ा
की शुरुआत १८८९ में हुई जब रानी मार्गारीटा टेरेसा
और इटली के राजा ने नेपल्स की यात्रा को आए। उनके
सम्मान में अच्छा खाना बनाने का हुक्म दिया गया।
विशिष्ट अतिथियों के लिए टमाटर, मोज़रेला चीज
(इसके पहले पिज़्ज़ा में दूध के किसी भी व्यंजन का
इस्तेमाल नहीं किया गया था) और बासिल, जिसमें
इटालियन ध्वज के समान लाल, सफ़ेद और हरा रंग होत
हैं, से पिज़ा को सजाया गया। इस पिज़ा का नाम
मार्गारीटा रखा गया जो आज भी अत्यंत लोकप्रिय है।
अमेरिका में
पिज़ा का प्रचलन तब बढ़ा जब दूसरे विश्व युद्ध से
जवान, सैनिक अपने घरों को लौट। उन्होंने अपने-अपने
शहरों में पिज़ा को 'मशहूर इटालियन खाना' का नाम
दिया। और तब से इसे रेस्तराँ में और घरों में
बनाना शुरू किया गया। आज पिज़ा के व्यवसाय में हर
साल ५ से ६ प्रतिशत की वृद्धि हो रही है। ९३
प्रतिशत अमेरिकी लोग हर महीने कम से कम एक पिज़ा
ज़रूर खाते हैं।
इस विश्वविख्यात
भोजन ने टेलीविजन और सिनेमा में भी अपना स्थान
बनाया है। बॉलीवुड की फ़िल्मों, टीवी सीरियलों और
विज्ञापनों में नायक नायिका को पिज़ा खाते हुए
देखा जा सकता है। पिज़ा की दुकानों का उद्घाटन
करने वालों में जैकी श्रॉफ और करिश्मा कपूर का नाम
चर्चा में रहा है। |