हरियाला
ताज परिसर—
ताजमहल के संरक्षण के
लिए १२ करोड़ रूपए मंजूर करते
हुए पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जगमोहन ने यूनेस्को की
विश्व विरासत सूची में शामिल इस स्मारक के आसपास चल
रही निर्माण परियोजना की नए सिरे से छानबीन का गुरूवार
को उत्तर प्रदेश के अधिकारियों को निर्देश दिया।
उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव डी एस बग्गा के साथ अपने
कार्यालय में बैठक के दौरान जगमोहन ने कहा कि ताज के
आसपास हरियाली लाने और पैदल चलने के रास्ते बनाने के
लिए इस धनराशि का उपयोग किया जाएगा।
भारत–पाकिस्तान के बीच
बनते बिगड़ते रिश्तों के बीच भारत में पाकिस्तान के
नवनियुक्त राजदूत अजीज अहमद खान आगामी १० जुलाई को
राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम को अपने पद के परिचय
पत्र पेश कर दिया। देखना है कि नये राजदूत इस रिश्ते
को कितनी मज़बूती और क्या दिशा दे पाते हैं।
हिन्दी के प्रख्यात
कथाकार एवं नाटककार भीष्म साहनी का ११जुलाई की शाम
निधन हो गया। वह पांच दिन से एस्कार्टस अस्पताल के गहन
चिकित्सा कक्ष में मौत से जूझ रहे थे। उनकी दिमाग की
नस फटने के कारण सोमवार को अस्पताल में भर्ती कराया
गया था और वह कोमा में चले गए थे। दिवंगत फिल्म
अभिनेता बलराज साहनी के छोटे भाई भीष्म साहनी ने पिछले
दिनों अपनी जीवनी 'आज के अतीत' पूरी की थी। 'तमस'
उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित
साहनी के इस उपन्यास पर फिल्म भी बन चुकी हैं।
भारतीय सिनेमा के
इतिहास और वर्तमान पर विहंगम दृष्टि डालने वाला
संग्रहालय मुंबई में स्थापित किया जाएगा। एशिया में
अपनी तरह का यह अनूठा संग्रहालय फिल्म प्रभाग के परिसर
में खुलेगा जिसमें सिनेमा के उद्भव के जरिए भारत की
सामाजिक– सांस्कृतिक यात्रा को दर्शाया जाएगा तथा यह
इंसान के दिमाग और समाज पर फिल्मों के प्रभाव के
अध्ययन के लिए शोध केन्द्र का काम करेगा। संग्रहालय
में विभिन्न भाषाओं में बनी पुरानी मशहूर फिल्में, मूक
फिल्में, नए जमाने की फिल्में, बॉक्स ऑफिस पर हिट
फिल्में, पुरानी और नई फिल्मों के पोस्टर और तस्वीरें,
फिल्म पटकथाओं और गानों की हस्तलिखित पांडुलिपियां,
सिनेमा पर पुस्तकें, लेख और समीक्षाएं, अभिलेख महत्व
की फिल्में, ट्रेलर, सेट, वेशभूषा, प्रचार सामग्री तथा
पुराने फिल्म उपकरण आदि प्रदर्शित किए जाएंगे। इसमें
विभिन्न खंड होंगे जैसे, सिनेमा में तकनीकी प्रगति,
भारतीय सिनेमा का बहुलवादी चरित्र, फिल्म पुरोधाओं की
स्मृति, सेंसर नीति का चलन, फिल्म निर्माण कला का
प्रशिक्षण, गीत– संगीत की विकास यात्रा इत्यादि।
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गुजराती कवि राजेन्द्र
केशवलाल शाह को वर्ष २००१ का
ज्ञानपीठ पुरस्कार दिया जाएगा। वे इस पुरस्कार से
सम्मानित होने वाले ४० वें और गुजराती भाषा के तीसरे
लेखक हें। शाह के पहले १९६७
में गुजराती के साहित्यकार उमाशंकर जोशी और १९८५ में
पन्नालाल पटेल को यह सम्मान मिल चुका है। इस पुरस्कार
के तहत प्रशस्ति पत्र, वाग्देवी की कांस्य प्रतिमा और
पांच लाख रूपए की सम्मान राशि भेंट की जाती है।
अपने जमाने के मशहूर
हास्य अभिनेता जॉनी वॉकर का लंबी बीमारी के बाद २९
जुलाई को मुंबई में निधन हो गया। १५ मई १९२३
को कश्मीर में जन्मे जॉनी शिक्षा पूरी करने के
बाद जॉनी मुंबई आ गए और बस कंडक्टर बन गए। जॉनी के
मज़ाकिया अंदाज के कारण वरिष्ठ अभिनेता बलराज साहनी की
नज़र उन पर पड़ी। उसके कुछ दिन बाद ही जॉनी एक
पियक्कड़ बनकर गुरू दत्त से मिले। गुरू दत्त ने उन्हें
तुरंत फिल्म में भूमिका दे दी। विस्की के मशहूर ब्रांड
जॉनी वॉकर के नाम पर उनका फिल्मी नाम रखा गया।
पेंसिल सी बारीक
मूछों वाले जॉनी वॉकर संवाद अदायगी के अपने अनोखे
अंदाज के कारण दर्शकों को भा गए और फिल्म 'सी आइ डी'
से वह स्टार कामेडियन बन गए। 'छू मंतर' जैसी फिल्मों
में उनकी भूमिका फिल्म के नायक से भी बड़ी हुआ करती
थी। लगभग तीन दशक तक लोगों को हंसाकर उनके दिलों पर
जॉनी ने राज किया। पिछले कई सालों से वह फिल्मी चकाचौध
से दूर थे।
एशिया के नोबेल
पुरस्कार माने जाने वाले रमन मैग्सेसे पुरस्कार से इस
वर्ष मुख्य चुनाव आयुक्त जे•एम•लिंगदोह और सामाजिक
कार्यकर्ता शांता सिन्हा को सम्मानित किया जाएगा।
लिंगदोह ने सरकारी सेवा में रहते हुए भारत में
लोकतांत्रिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए स्वतंत्र
और निष्पक्ष चुनाव कराकर अपनी उत्कृष्टता का परिचय
दिया गया है। शांता सिन्हा को यह पुरस्कार आंध्रपदेश
में उनके द्वारा बच्चों के लिए किए गए काम के लिए दिया
गया है। उन्होंने बच्चों को स्कूल भेजने और बाल श्रम
की प्रथा को समाप्त करवाने में आंध्रपदेश के लोगों का
मार्गदर्शन किया।
खेलों की दुनिया में
इस वक्त कोलकाता का नाम पूरी आन, बान और शान के साथ
छाया हुआ है। क्रिकेट में पहले सौरव गांगुली और अब
फुटबॉल में ईस्ट बंगाल के सितारों ने धूम मचाकर रखी
हुई है। जब जकार्ता में ईस्ट बंगाल की टीम आशियन कप
विजेता का सेहरा बांध रही थी, वहीं सुदूर स्पेन में
कोलकाता का एक और सितारा भारतीय शतरंज की नई इबादत लिख
रहा था। यह सितारा था संदीपन चंदा। २० साल के संदीपन
ने भारत के सबसे कम उम्र के ग्रेंड मास्टर बनने का
सम्मान अर्जित किया है।
— संकलित |