तीसरे जन्मदिवस पर
प्रिय पाठकों,
आपके स्नेहपूर्ण स्वीकार का आभार जिसके कारण
अभिव्यक्ति आज चौथे वर्ष में कदम रख रही है। हर
वर्ष की तरह इस वर्ष भी हमने संजोये हैं कुछ नये
स्तंभ आपकी सलाह से, आपके पत्रों के आधार पर।
कंप्यूटर के क्षेत्र में हिन्दी के बढ़ते हुए कदम
पर आधारित विशेष लेखमाला 'प्रौद्योगिकी' शीर्षक से
इसी अंक से प्रारंभ हो रही है जिसे अभिव्यक्ति के
लिये विशेष रूप से लिख रहे हैं भारत के जाने माने
कंप्यूटर विशेषज्ञ श्री विजय कुमार मल्होत्रा।
देश विदेश में रचे जा रहे समकालीन साहित्य को
विश्वमंच पर लाने के लिये प्रारंभ कर रहे हैं—
'देशांतर' जिसमें प्रकाशित होंगे विदेशों में
प्रकाशित हिन्दी पत्र पत्रिकाओं के अंश। फोटो रूपक
होगा दृश्य–साहित्य के प्रेमियों के लिये और
फुलवारी में बच्चों के लिये वन्य पशुओं की जानकारी
से युक्त लेखमाला होगी 'जंगल में मंगल'।
घर परिवार के लिये दो नयी रचनात्मक लेखमालाएँ
होगी, 'सुंदर घर' और 'सफल पकवान'। सुंदर घर में घर
की सजावट के नये अंदाज़ होगे और सफल पकवान में फलों
पर आधारित स्वादिष्ट व्यंजन। सभी पुराने स्तंभ और
महोत्सव जारी रहेंगे नयी सजधज के साथ। आशा है ये
आयोजन आपको पसंद आएँगे और सदा की तरह अपने पत्रों
से पत्रिका को नया रूप देने के सुझाव मिलते रहेगे।
अंत में एक जबरदस्त निमंत्रण प्रवासी हिन्दी
प्रेमियों के नाम
साहित्य
में रूचि रखने वालो के लिये खुला निमंत्रण है, जिस
देश में आप बसे हुए हैं उसकी पृष्ठभूमि पर आधारित
कहानी लिख कर हमें भेजें। यह कहानी अप्रकाशित होनी
चाहिये। कहानी की लम्बाई ३००० से ५००० शब्दों के
बीच होनी चाहिये। चुनी हुयी कहानियों को कहानी
महोत्सव २००४ में शामिल किया जाएगा। साथ ही आप जीत
सकते हैं कुछ आकर्षक ईनाम। विस्तृत सूचना अगले
किसी अंक में प्रकाशित करेंगे।
हिन्दी भाषा और साहित्य के प्रति हमारा प्रेम इसी
प्रकार बना रहे और देश–विदेश में बढ़ता रहे ऐसी
शुभकामनाओं के साथ,
पूर्णिमा वर्मन
टीम अभिव्यक्ति |