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रवीन्द्र
कालिया का
नवीनतम व अप्रकाशित
लघु उपन्यास
ए बी सी डी
धारावाहिक (पांचवीं
और अंतिम किस्त)
"हलो
नैंसी हाऊ आर यू?'' शील ने पूछा
"मॉम, निक कहता है कि उसकी मां तो सौतेली है, उसकी असली
मां तो आप ही हैं।''
"ठीक ही तो कहता है।'' शील ने
कहा, "पहले निक हमारा सन इन ला था, अब सन है। मैं ही करूंगी
उसकी शादी। मैंने तुम्हें देखा तो नहीं मगर चिल्डे्रन आर वेरी फांड
आफ यू और जहां तक निक का सवाल है, वह तो तुम पर फिदा है।''
"मॉम, निक इज वैरी स्वीट एंड काईंड हार्टेड। इससे लगता है,
वह आप ही का बेटा है।''
कथा
महोत्सव 2003
भारतवासी
हिन्दी लेखकों की कहानियों
का संकलन
'माटी
की गंध'
चुनाव
चौखाना
पाठकों से
निवेदन है वे 'माटी की गंध'
की दस कहानियों को ध्यान से
पढ़ें और
अपनी पसंद की कहानी का चुनाव करें।
चुनाव करने से पहले ठीक तरह से
निश्चित कर लें कि
किस कहानी को
अपना मत देना है क्यों कि आप केवल
एक ही मत दे
पाएंगे।
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गौरव
गाथा में
भीष्म साहनी की बहुचर्चित
कहानी
चीफ़ की दावत
जब मेहमान बैठ गये और मां पर से
सबकी आंखें हट गयीं, तो मां धीरे से कुर्सी पर से उठीं, और
सबसे नज़रें बचाती हुई अपनी कोठरी में चली गयीं।
मगर कोठरी में बैठने की देर थी कि
आंखों में छलछल आंसू बहने लगे। वह दुपट्टे से बारबार
उन्हें पोंछतीं, पर वह बारबार उमड़ आते, जैसे बरसों का बांध
तोड़कर उमड़ आये हों। मां ने बहुतेरा दिल को समझाया, हाथ
जोड़े, भगवान का नाम लिया, बेटे के चिरायु होने की
प्रार्थना की, बारबार आंखें बन्द कीं, मगर आंसू बरसात के पानी
की तरह जैसे थमने में ही न आते थे।
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हास्य व्यंग्य में
महेश चंद्र द्विवेदी का चुटीला
व्यंग्य
प से पोटा
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आज सिरहाने में
अमरीक सिंह दीप का कहानी संग्रह
चांदनी
हूं मैं
का परिचय कृष्ण बिहारी के द्वारा
° रसोई
घर में
'शाकाहारी
मुगलई का मस्त ज़ायका'
के अंतर्गत
आलू दो प्याज़ा !°!
!सप्ताह का विचार!
जीवन
का महत्व तभी है जब वह
किसी महान ध्येय के लिये समर्पित हो।
यह समर्पण ज्ञान और न्याययुक्त हो।
इंदिरा गांधी |
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अनुभूति
में
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करूणा
लाल,
रति सक्सेना, सुनील साहिल
व
अन्य कवियों की
24 नयी कविताएं
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पिछले अंकों से°
कहानियों
में
मन्ना
जल्दी आनादयानंद
पांडेय
भटकावतरूण भटनागर
खुशबूग़ज़ाल ज़ैग़म
यह तो कोई खेल न हुआनवनीत मिश्र
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संस्मरण में
गोविन्द मिश्रा का यात्रा
संस्मरण
उजाले की
चलतीदौड़ती लकीर
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देश
विदेश
में
नेपाल से धीरेन्द्र प्रेमर्षि
का आलेख
भारतीय
सहयोगसिंचन से
उर्वर नेपाल
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कलादीर्घा
में
कला और कलाकार के
अंतर्गत
जहांगीर
सबावाला
का परिचय
उनके चित्रों के साथ
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फुलवारी में
चांद तारों की दुनिया के
अंतर्गत
इला प्रवीन से जानकारी
हमारी
पृथ्वी
और कहानियों के अंतर्गत
नीलम जैन
की पद्य कथा
चिड़िया रानी
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विज्ञान
वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप से
नये विज्ञान समाचार
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पर्यटन
में
महेश कटरपंच की कलम से
अनोखा
आकर्षण आम्बेर
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कृष्ण बिहारी की
आत्मकथा
का
अगला भाग
किसे
आवाज़ दूं मैं
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परिक्रमा
में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत बृजेश शुक्ला
का आलेख
गंगा
की बेटी स्पेन में
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लंदन पाती के अंतर्गत शैल
अग्रवाल
का आलेख
बर्मिंघम
में
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नार्वे निवेदन के अंतर्गत ओस्लो से
सुरेश चंद्र शुक्ला 'शरद आलोक' का
आलेख
वसंत
आगमन से पहले
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