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कलम
गही नहिं हाथ
होली वही जो हो ली। यानी जो भी
बुरा हुआ उसे भूलकर नवजीवन प्रारंभ करने का अवसर देती हुई होली
नव-वर्ष में नए अवसरों के द्वार खोलती है।
होलिका होली की अग्नि है। होलिका में
स्थित ''हो'' संभावना और परिवर्तन को प्रकट करता है। संभावना वह, जो हो सके और परिवर्तन वह,
जो तप कर प्राप्त होता है। अग्नि का सूचक होने के कारण ''हो'', होम में भी है। होम
सहयोगी होता है तप में ताकि आकार ले सकें संभावनाएँ- पर्यावरण को
पवित्र करने की, मनोकामनाओं को पूर्ण करने की। असीमित संभावनाएँ जो
हमारा जीवन बदल दें। होलिका भी एक होम है। पूरे साल हम जो श्रम करते
हैं उसकी थकान को होलिका में तपा कर नव वर्ष में हर प्रकार की
खुशहाली लाने वाली संभावनाओं के लिए किया जाने वाला होम।
होलिका का एक अर्थ जलाने की लकड़ी भी
है। कोई भी चीज़ जलती है तो दुख देती है लेकिन जलाने वाली
लकड़ी सुख देती है। इस सुख का ही दूसरा नाम प्रह्लाद है। दूसरे
शब्दों में होलिका जलती है तो प्रह्लाद बना रहता है। सर्दियों के अंत की भीगी सुबह जब
होलिका जलती होगी तो नाच गाने और खाने पीने के साथ कैसे आह्लाद की
सृष्टि होती होगी इसकी कल्पना करना मुश्किल नहीं। इस होली पर हर
प्रकार के दुख-दर्द की होलिका जल जाए तथा प्रेम व
उल्लास का प्रह्लाद (आनंद) सबके मन में बना रहे, इसी मंगल कामना के
साथ,
-पूर्णिमा वर्मन (टीम अभिव्यक्ति)
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