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पिछले
सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी की कलम से
ऑपरेशन
मंजनू
और मुसीबत लैला की
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संस्मरण
में
रवींद्र स्वप्निल प्रजापति का आलेख
मनोहर
श्याम जोशी
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महावीरजयंती
के अवसर पर
हनुमान सरावगी का लेख
लोकउद्धारक
महावीर
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चिठ्ठापत्री
में
चिठ्ठापंडित की पैनी नज़र
मार्च
महीने के चिठ्ठों पर
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कहानियों में
भारत से भूपेन्द्र कुमार दवे की कहानी
जेबकतरे
वर्माजी गाड़ी में चढ़कर बैठने की एकदम कोशिश
कभी नहीं करते। पहले इधर उधर देखते। पी .डब्लू .डी .के
सुपरवाइज़र के पद पर होने के कारण इस तरह से
मुआयना करने की उनकी आदत पड़ गई थी। उन्होंने
मुझे छुआ और कहा, 'उधर बैठा जाए'। इस सीट के सामने तीन
लोग बैठे थे . . .अच्छी तरह पसरकर, ताकि कोई चौथा
आदमी वहीं आकर न बैठ जावे। उन दिनों देश की आज़ादी
का ज़्यादा असर लोगों पर नहीं पड़ा था। गांव के
लोगों में सभ्यता बाकी थी। वे शहरी लोगों को
धक्कामुक्की देकर जगह हथियाने की कोशिश नहीं करते
थे। अपनी मैली कुचैली पोटली से आपको धक्का देकर
आपको परेशानी महसूस नहीं होने देते थे।
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इस
सप्ताह
कहानियों में
भारत से ए असफल की कहानी
अब
कहां जाओगे
इस
बार सब्ज़ी मंडी में बम फटा था। काशी की रूह कांप गई। कोई दस मिनट पहले वह ऐन उसी
ट्रक से पीठ टिकाए खड़ा बोली बोल रहा था। तब उसने
कल्पना भी न की थी कि इसी तिरपाल से ढंके मिनी ट्रक
में बम रखा है! मौत की वह छुअन याद आते
ही वह बारबार कांप जाता है। उसकी आंखों से वह
दृश्य हटाए नहीं हटता। वह कितनी चौकस आंखों से दूसरे
कुंजड़ों को ताकता हुआ बोली बोल
रहा था। बोली टमाटर की पेटियों की लग रही थी। उसके
कानों में अब तक गूंज रही थी वह गिनती, 'साठ!
साठएक! साऽठदो साऽऽठतीन! और वह जैसे ही
एक हाथ में रूपए निकाल दूसरे से पेटी सरकाने लगा तो
अकस्मात एक धचकासा लगा और वो चूतड़ के बल पीछे को गिर पड़ा।
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हास्य
व्यंग्य में
गुरमीत बेदी की जांच पड़ताल
इतने पदक
कैसे?
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विज्ञान
वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप की पड़ताल
डी
एन ए फिंगर प्रिंटिंग:
पहचान की सबसे विश्वसनीय विधा
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आज
सिरहाने
अलका प्रमोद का कहानी संग्रह
सच
क्या था
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मंच
मचान में
अशोक चक्रधर बता रहे हैं
कवि
अनंत कविकष्ट अनंता
सप्ताह का
विचार
विद्या
युवकों का लक्ष्य है, बुढ़ापे का सहारा है, निर्धनता में
धन है और धनवानों के लिए आभूषण है।अज्ञात
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राधेश्याम
बंधु, अजय त्रिपाठी, मंजु महिमा, अमित कुमर सिंह,
नवनीत मिश्र, और लक्ष्मीशंकर वाजपेयी की नयी रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
टेढ़ी उंगली और
घीजयनंदन
एक दो तीन मथुरा कलौनी
हिजड़ाकादंबरी मेहरा
राजा
हरदौलप्रेमचंद
एक
बार फिर होलीतेजेन्द्र
शर्मा
नकेलडॉ फ़कीरचंद शुक्ला
°
हास्य
व्यंग्य में
पहली
अप्रैल का दिनअनूप कुमार शुक्ल
अकादमीअनुदानऔर लेखकसंजय
ग्रोवर
सपनों का होमरूम . . .अशोक चक्रधर
निरख सखी . . . टी आर चमोली
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पर्यटन में
गुरमीत खुराना के साथ सैर को चलें
चंबा
की घाटी
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संस्कृति
में
रोहिणी
कुमार बोथरा का आलेख
सा से सारंगी
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फुलवारी
में
ललित
कुमार से जानकारी की बातें
डेन्मार्क,
चीन और रूस
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प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव की
चेतावनी
सावधान! फिर
आया वायरस
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प्रेरक
प्रसंग में
सीमा खुराना की लघुकथा
अपना
अपना स्वभाव
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साहित्य
समाचार में
ओस्लो से माया भारती की रपट
नार्वे
ने मनाया हिंदी दिवस
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