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                      एक बार एक भला आदमी नदी किनारे 
                      बैठा था। तभी उसने देखा एक बिच्छू पानी में गिर गया है। भले 
                      आदमी ने जल्दी से बिच्छू को हाथ में उठा लिया। बिच्छू ने उस 
                      भले आदमी को डंक मार दिया। बेचारे भले आदमी का हाथ काँपा और 
                      बिच्छू पानी में गिर गया। 
                       भले आदमी ने बिच्छू को 
                      डूबने से बचाने के लिए दुबारा उठा लिया। बिच्छू ने दुबारा उस 
                      भले आदमी को डंक मार दिया। भले आदमी का हाथ दुबारा काँपा और 
                      बिच्छू पानी में गिर गया। भले आदमी ने बिच्छू को 
                      डूबने से बचाने के लिए एक बार फिर उठा लिया। वहाँ एक लड़का 
                      उस आदमी का बार-बार बिच्छू को पानी से निकालना और बार-बार 
                      बिच्छू का डंक मारना देख रहा था। उसने आदमी से कहा, "आपको यह 
                      बिच्छू बार-बार डंक मार रहा है फिर भी आप उसे डूबने से क्यों 
                      बचाना चाहते हैं?"भले आदमी ने कहा, "बात यह है बेटा कि बिच्छू का स्वभाव है 
                      डंक मारना और मेरा स्वभाव है बचाना। जब बिच्छू एक कीड़ा होते 
                      हुए भी अपना स्वभाव नहीं छोड़ता तो मैं मनुष्य होकर अपना 
                      स्वभाव क्यों छोड़ूँ?"
 मनुष्य को कभी भी अपना 
                      अच्छा स्वभाव नहीं भूलना चाहिए।  
                      २४ मार्च २००६ |