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पिछले
सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
टी आर चमोली का व्यंग्य
निरख
सखी
फिर
फागुन
आया
°
घर
परिवार में
दीपिका जोशी बता रही हैं कि
कैसे
रंगों से
बदलें दुनिया
°
संस्मरण
में
नीरजा द्विवेदी के साथ
परदेस में
अटलांटा की
होली और वसंत
°
रसोइघर
में
इस बार घर पर बनाएं
होली के पकवान
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गौरवगाथा में
प्रेमचंद की ऐतिहासिक कहानी
राजा
हरदौल
फाल्गुन
का महीना था, अबीर और गुलाल से ज़मीन लाल
हो रही थी। कामदेव का प्रभाव लोगों को भड़का रहा
था। रबी ने खेतों में सुनहला फ़र्श बिछा रखा था
और खलिहानों में सुनहले महल उठा दिए थे। इन्हीं दिनों दिल्ली का नामवर फेकैती कादिरखां ओरछे
आया। बड़ेबड़े पहलवान उसका लोहा मान गए थे। ठीक
होली के दिन उसने धूमधाम से ओरछे में
सूचना दी,"खुदा का शेर दिल्ली का कादिरखां
ओरछे आ पहुंचा है। जिसे अपनी जान भारी हो, आ कर
अपने भाग्य का निपटारा कर ले।" ओरछे के
बड़ेबड़े बुंदेले सूरमा वह घमंडभरी वाणी
सुन कर गरम हो उठे। फाग और डफ की तान के बदले
ढोल की वीरध्वनि सुनाई देने लगी।
ं
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इस
सप्ताह
कहानियों में
यू के से कादंबरी मेहरा की कहानी
हिजड़ा
मेहमान नाश्ते पर जुटे
थे। स्त्रियां सजीसंवरी, रसोई से आंगन, आंगन
से रसोई नाप रही थीं। बेड़मी, कचौरी, हलवा,
मलाईपान, एकएक का नाम लेकर मनुहार करतीं,
"और लीजिए ना प्लीज़, आपने तो कुछ खाया ही
नहीं।"
लखनवी ख़ातिरदारी की मिसाल नहीं और फिर लड़के की
शादी। हफ्ते से
पूरा घर मेहमानों की चहलपहल से भरा था। आज ही
रात को रिसेप्शन होगा। घर में बहू की अगवानी, कंगना खेलने
आदि की रस्में अभी बाकी हैं, कि तभी ढोलक की तालबद्ध आवाज़ से
सब चौंक उठे। जो खापी चुके थे, बाहर
बरामदे में जा बैठे। राहुल की दादी जी, उर्फ़ 'बीबी'
का हुक्म हुआ, "दुल्हादुल्हन को बैठाकर हिजड़े से
नज़र उतरवा लो।"
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हास्य
व्यंग्य में
अशोक चक्रधर के साथ देखें
सपनों का होमरूम थिएटर
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विज्ञान
वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप की पड़ताल
बर्डफ्लूःक्या
वाकई ख़तरा है
°
आज
सिरहाने
संतोष दीक्षित का उपन्यास
शहर
में लछमिनिया
°
चिठ्ठापत्री
में
पंडित जी की दूर दृष्टि
फरवरी
माह के चिठ्ठों पर
1
सप्ताह का
विचार
सबसे
उतम विजय प्रेम की है जो
सदैव के लिए विजेताओं का हृदय बांध
लेती है। अशोक
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उदय प्रकाश,
सुनील साहिल, रामकृष्ण द्विवेदी, पंडित विद्या रतन और
राजेन्द्र तिवारी की
नयी रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
एक
बार फिर होलीतेजेन्द्र
शमा
नकेलडॉ फ़कीरचंद शुक्ला
गरमाहटगुरूदीप
खुराना
पिकनिकप्रत्यक्षा
बचपनउषा
महाजन
मोहभंगवीना विज उदित
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हास्य
व्यंग्य में
चुटकी गुलाल कीशैल अग्रवाल
कुछ कुछ होता हैअनूप कुमार शुक्ल
देवलोक से दिव्यलोकतेजेन्द्र
शर्मा
लंदन का कोटडा
नरेन्द्र कोहली
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पर्व
परिचय में
दीपक नौगाईं बता रहे हैं
शिवरात्रिपर्व
की महिमा
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प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव का आलेख
2005
के सर्वश्रेष्ठ
जालअनुप्रयोग
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संस्मरण में
शारदा पाठक की यादों में तलत महमूद
ऐ
मेरे दिल कहीं और चल
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दृष्टिकोण
में
विनोद अनुपम की पड़ताल
हिंदी सिनेमा कितना हिंदी
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चिट्ठापत्री
में
चिठ्ठा पंडित के नए पंचांग से
जनवरी
के चिठ्ठे
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आज
सिरहाने
सुकेश साहनी का लघुकथा संकलन
बीसवीं
सदीःप्रतिनिधि लघुकथाएं
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