पिछले सप्ताह
परिक्रमा
में
दिल्ली दरबार से भारत की प्रमुख
घटनाओं पर बृजेश कुमार शुक्ला की रपट
पुनरावलोकन
2004
°
हास्य व्यंग्य में
सूरज प्रकाश का समसामयिक व्यंग्य
नया साल कुछ ऐसा हो
° आज सिरहाने
में
गौतम सचदेव के व्यंग्य संग्रह
सच्चा
झूठ
से परिचय करवा रहे हैं ललित
मोहन जोशी
°
संस्मरण
में
डा सत्यभूषण वर्मा की डायरी से जापान
यात्रा का एक सरस अंश
हाइकु
कविताओं के देश में
° पर्व परिचय
में
भारतीय पर्वो की जानकारी के लिए
पर्व पंचांग2005
°
कहानियों
में
भारत से संतोष गोयल की कहानी
कोना
झरी केतली
असल में कल सारा दिन
बेहद थका देने वाला साबित हुआ था। कल नववर्ष की
पूर्व संध्या थी। कितनी भी कोशिश करे अपना
रोज़मर्रा का रूटीन छोड़ देने का मोह वह त्याग नहीं
पाती हालांकि हमेशा थक चूर कर अहद करती कि अगली बार
पार्टी अपने घर नहीं रखेगी पर अक्तूबर में दिवाली का
हंगामा ख़त्म होने के बोरियत भरे दिनों को
बितातेबिताते वह नववर्ष पर पुनः कमर कसकर तैयार
हो गई थी। नतीजा वही . . .बच्चे अपनी दुनिया में
व्यस्त रहे और किचन, घर की सजावट सभी काम उसे स्वयं
करने पड़े।
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इस
सप्ताह
कहानियों
में
यू एस ए से इला प्रसाद की कहानी
ईमेल
आज अचानक, पहली बार, जय का मेल अपने मेलबॉक्स में
पा कर वह मुस्कराई। तो जय ने भी अब ईमेल करना सीख
लिया! ज़रूर वंदना ने ही सिखाया होगा। अच्छा है। इस
तरह वह जय से वंदना की भी ख़बर लेती रहेगी। कुछ इस
तरह परेशान है लड़की कि मेल ही नहीं लिखती। पता नहीं
उसकी शादी की बात कितनी आगे बढ़ी। जय बता सकेगा।
वह भी जय को कुछ पते भेज सकेगी। उसने एक
सरसरी निगाह से सारे पते पढ़ डाले। यह उसकी पुरानी
आदत है। पहले सारे पते पढ़ेगी, फिर तय करेगी कि किस क्रम
में उसे अपने ईपत्र पढ़ने हैं। पढ़ने हैं या बिना पढ़े
मिटा देने है। लेकिन आज तो जय का मेल है। पहले
उसे देख ले।
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हास्य
व्यंग्य में
नीरज त्रिपाठी की
रचना
नव
वर्ष का अभिनंदन
°
सामयिकी
में
गणतंत्र दिवस के अवसर पर
विशेष
तूफ़ान
हूं मैं आज़ाद रहूंगा
°
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर
श्रीवास्तव का आलेख
आइए
यूनिकोड के साथ चलें
°
विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप की नज़र से
2004
की प्रमुख वैज्ञानिक
उपलब्धियां भाग1
!सप्ताह का विचार!
विश्वास
वह पक्षी है जो प्रभात के
पूर्व अंधकार में ही प्रकाश का
अनुभव
करता है और गाने लगता है।
रवींद्रनाथ ठाकुर |
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अनुभूति
में
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नवोदित
कवियों की
18 कविताओं का संकलन 'मौसम'
साथ ही
5 नई कविताएं और
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
अंतिम
यात्रानीलम जैन
हवन
शेषसुषम बेदी
रूख़सानाउषा राजे
सक्सेना
खरोंचसुकेश
साहनी
आज
सोमवार हैपरशु प्रधान
काहे
को ब्याही विदेशउत्कर्ष राय
°
हास्य
व्यंग्य में
टाईनरेन्द्र कोहली
°
संस्मरण
में
अतुल अरोरा की कलम से
अमेरिका के खट्टे मीठे संस्मरणों की दौड़
बड़ी
सड़क
की तेज़ गली में
°
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
तालियों
के बीच पसरा सन्नाटा
°
प्रेरक
प्रसंग में
सारिका कल्याण की लघुकथा
निजी
बदलाव
°
रसोईघर
में
स्वाद और सुविधा से भरपूर
चटपटी
चटनियां
°
ललित
निबंध में
दुर्गा प्रसाद शुक्ला की कलम से
समय
बहता हुआ
°
सामयिकी
में
नव वर्ष के अवसर पर बृजेश का आलेख
नई
कविता में नया साल
° फुलवारी
में
आविष्कार की
नई कहानियां
और
शिल्पकोना में नए साल का
शुभकामना पत्र
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