मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


परिक्रमा दिल्ली दरबार

पुनरावलोकन २००४

सन २००४की चंद सांसे अभी बाकी थी कि सूनामी का भयंकर थपेड़ा नववर्ष की तैयारी में मशगूल लोगों को आंसू, ग़म और दर्द भरी चीखें दे गया समय के क्रूर चक्र ने भीषण समुद्री भूकंप के रूप में दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में कुदरत का कहर इस कदर ढाया कि तमाम बस्तियां नेस्तनाबूद हो गई, चारों तरफ़ लाशों का ढेर और मौत का ख़ौफ़नाक मंज़र छा गया इंडोनेशिया के तट से लेकर भारत और श्रीलंका के दक्षिणी तटीय क्षेत्रों में भूकंप के कारण उठी सुनामी लहरों ने लाखो लोगों को अपने आगोश में समेट लिया भारत के दक्षिण पूर्वी तटवर्ती शहरों पर पहली बार कहर ढाती ३० से ४० फुट ऊंची सुनामी लहरों ने लाखों जन और अरबों की संपदा को बरबाद कर दिया।

विकासशील देश और समाज के लिए एक वर्ष का अरसा काफ़ी महत्वपूर्ण होता है त्रासदी का कलेवर ओढे़ सन २००४ में भारत के राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक परिदृश्य के लेखे–जोखे के लिए विभिन्न पहलुओं से गुज़रना होगा।

सन २००४ के राजनीतिक परिदृश्य मे केंद्रीय सता के लिए हुए आम चुनाव में सोनिया गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस गठबंधन ने अप्रत्याशित सफलता अर्जित कर सतारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के मंसूबो पर पानी फेर दिया कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी का प्रधान मंत्री बनना तय माना जा रहा था लेकिन विपक्ष के हंगामे और अंतरात्मा की आवाज़ के चलते सोनिया गांधी ने ऐन मौके पर प्रधानमंत्री के पद को ठुकरा कर अपने विश्वसनीय वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनमोहन सिंह को प्रधान मंत्री का दायित्व सौंपा।

आतंकी गतिविधियों को कानून की जद में लाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार द्वारा लाए गए विधेयक पोटा को समाप्त कर नव गठित सरकार ने 'ग़ैर कानूनी गतिविधियां रोकथाम' विधेयक पारित किया 'रोकथाम' का इस्तेमाल केवल आतंकवादी गुटों और उन संगठनो के विरूद्ध किया जाएगा जो देश को तोड़ने की कारवाई में लिप्त हैं पोटा की तरह इसका इस्तेमाल राजनीतिक दलों और धार्मिक संगठनों के विरूद्ध नहीं होगा

कुछ नए कानूनों ने जनता के हित में जन्म लिया पैतृक संपति में लड़कियों को बराबरी का अधिकार मिला विदेश में किसी भारतीय द्वारा किए जाने वाले अपराध के लिए पीड़ित पक्ष द्वारा न्याय के लिए देश के किसी भी हिस्से में मामला दर्ज़ कराए जाने की सुविधा मिली और सोना गिरवी रखकर विदेशी मुद्रा अर्जित करने वाले देश भारत का विदेशी मुद्रा भंडारण सन २००४ में १३५ अरब डालर तक पहुँच गया।

बीस वर्ष पूर्व भोपाल में यूनियन कार्बाइड रसायन कंपनी के कीटनाशक कारखाने से ज़हरीली गैस रिसने से पीड़ित लोगों के लिए, मुआवज़े के नाम पर चली एक लंबी कानूनी लड़ाई के पश्चात सुप्रीम कोर्ट के आदेश से १५०० करोड़ रूपए से भी ज्यादा रकम बँटने का रास्ता साफ़ हो गया।

सूचना संचार के इस दौर में इस वर्ष भी भारत ने तेज़ प्रगति की और फ़ोन उपभोक्ताओं की संख्या बढ़ कर १० करोड़ तक पहुँच गई जिसमें से मोबाइल धारकों की संख्या ५ करोड़ से ऊपर पहुँच आंकी गई है।

इस वर्ष की घटनाओं में देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने रिलायंस समूह पर स्वामित्व के मुद्दे को लेकर मुकेश अंबानी और अनिल अंबानी के बीच मिल्कीयत के विवाद को भी महत्वपूर्ण समझा जा सकता है देश की तरक्की में अपना बहुमूल्य योगदान देने वाले इस समूह को विवादों से बचाने के सभी प्रयासों की नाकामी निवेशकों की चिंता का कारण बनी रही।

 

कांची कामकोटि के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती की गिरफ्तारी इस वर्ष की ख़ास घटनाओं में से रही मठ के लेखाकार शंकररामन की हत्या के अभियोग में फंसे शंकराचार्य के पक्ष और विपक्ष में अनेक राजनीतिज्ञों और सितारों ने अपनी बातें कहीं लेकिन इस विषय में पुलिस और न्यायपालिका अभी तक किसी निर्णय पर नहीं पहुंची है

आई .पी .एस .के विजय कुमार के नेतृत्व में गठित विशेष कार्यबल ने ३० वर्ष से आतंक के पर्याय बने चंदन तस्कर वीरप्पन को पुलिस मुठभेड मे मारकर आतंक के एक युग का अवसान कर दिया विजय कुमार के इस सराहनीय कार्य के लिए उन्हें देश के कोने–कोने से प्रशंसा मिली।

दिल्ली पुलिस को उसके उत्कृष्ट कार्य क्षमता के लिए अंतर्राष्ट्रीय 'बेवर सीवे' अवार्ड से पुरस्कृत किया गया अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार पाने वाली यह भारत की पहली पुलिस फोर्स है जिसे अमेरिका के लास एंजिल्स में 'हाई क्वालिटी इंर्फोसमेंट थ्रू कम्युनिटी पुलिसिंग' के लिए सम्मानित किया गया

प्रतिष्ठित चिंतक एवं रचनाकार यशदेव शल्य को सन २००४ के १६वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से विभूषित किया गया अपने सशक्त अभिनय से भारतीय सिनेमा जगत के दृढ़ स्तंभ माने जाने वाले ओम पुरी बीते वर्ष अपने कार्यक्षेत्र में एक और उपलब्धि जोडने में सफल रहे उन्हें 'आर्डर ऑफ ब्रिटिश इंपायर' सम्मान से नवाज़ा गया इस सम्मान से सम्मानित होने वाले वह पहले भारतीय हैं

खेल परिदृश्य में बीता वर्ष भारत के लिए बहुत खुशनुमा साबित नहीं हुआ हालांकि पाकिस्तान के ऐतिहासिक दौरे में भारतीय क्रिकेट टीम ने सफलता की एक नई इबारत लिखी 'खेल ही नहीं दिल भी जीता' पर इसके बाद पतन की राह आरंभ हो गई। ऐथेन्स २००४ के ओलंपिक खेलो में भारतीय चुनौती एक के बाद एक धड़ाम होती रही और साल के अंत में भारतीय क्रिकेट टीम को ढाका में बांगलादेश के खिलाफ़ सनसनीखेज पराजय का दंश झेलना पड़ा हां राज्यवर्धन राठौर ने ओलंपिक के निशानेबाजी मुकाबले में रजत पदक हासिल कर भारतीय गौरव को कायम रखने की अच्छी कोशिश की मास्टर माइंड विश्वानाथन आनंद ने भी भारतीय शतरंज के ध्वज वाहक का कर्तव्य निभाया।

वास्तुकला के अदभुत नमूने मदुराई के मीनाक्षी मंदिर को दुनिया के सात अजूबो में शामिल करने के लिए 'न्यू सेवन वंडर्स ऑफ दि वर्ल्ड' सेलेक्शन कमेटी द्वारा आयोजित आन लाइन सर्वे में शामिल किया गया सात आश्चर्यों के चयन के लिए नियुक्त स्विटजरलैंड की यह कमेटी ६६ में से २१ आश्चर्यो को चुनेगी इस सर्वेक्षण में मीनाक्षी मंदिर को २५वां स्थान प्राप्त है प्रथम चरण मे मंदिर के पक्ष मे ढाई लाख मत पड़ चुके हैं अंतिम चयन के लिए २७ फरवरी २००५ तक वोट दिया जा सकता है।

बीते बरस में कुछ रत्नों को हमने खोया जो आज भी हमारी स्मृतियों मे रचे बसे हैं भारत रत्न से विभूषित सुर कोकिला, कर्नाटक संगीत को दुनिया में पहचान दिलाने वाली एस .एस . सुब्बु लक्ष्मी ११ दिसंबर २००४ को चिर निद्रा में लीन हो गई हिन्दी फिल्म जगत में मां की भूमिका निभाने में सिद्धहस्त सुप्रसिद्ध अभिनेत्री निरूपा राय भी नहीं रहीं भारत के पूर्व प्रधान मंत्री आर्थिक सुधारों के पितामह, १७ भाषाओं के ज्ञाता पी .वी .नरसिंह राव का ८३ वर्ष की आयु में २३ दिसंबर २००४ को देहावसान हो गया।

अश्रुपूरित नेत्रों से हम इन महान विभूतियों तथा सुमानी की गोद में समाए लाखों हुतात्माओं को भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं साथ ही नया साल भारत और भारतवासियों को विकास और समृद्धि की दिशा में ले चले यह मंगल कामना करते हैं।

— बृजेश कुमार शुक्ला

 
1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।