इस
सप्ताह
दीपावली विशेषांक
कहानियों
में
सुप्रसिद्ध कथाकार शिवानी की
कहानी
पिटी
हुई गोट
दिवाली का दिन। चीना
पीक की जानलेवा चढ़ाई को पार कर जुआरियों का दल
दुर्गमबीहड़ पर्वत के वक्ष पर दरी बिछाकर बिखर गया था। एक ओर
एक बड़ेसे हंडे से बेनीनाग की हरी पहाड़ी चाय के भभके उठ रहे
थे, दूसरी ओर पेड़ के तने से सात बकरे लटकाकर आग की धूनी
में भूने जा रहे थे। जलते पशम से निकलती भयानक दुर्गन्ध,
सिगरेट व सिगार के धुएं से मिलकर अजब खुमारी उठ रही थी।
नैनीताल से चार मील दूर, एक बीहड़ पहाड़ी पर जमा यह अड्डा
अवारा रसिकजनों का नहीं था।
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सामयिकी
में
उर्दू
के मुसलमान शायरों की दिवाली पर
सरदार अहमद 'अलीग' का आलेख
दिया
दिवाली का
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संस्मरण
में
डा
रति सक्सेना का भावभीना संसार
पीपल
के पात और भीत पर उगा चांदआस की कथा प्यास की व्यथा
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पर्व
परिचय में
दीपिका
जोशी बता रही हैं
गोवर्धन और अन्नकूट
के
विषय में
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फुलवारी
में
रंग
भरने के लिए
दीपावली का सुंदर चित्र
और
शिल्पकोना में बना कर देखें
काग़ज़ की कंदील °°°
1सप्ताह का विचार1
जहां
मूर्ख नहीं पूजे जाते, जहां अन्न
की सुरक्षा की जाती है और
जहां
परिवार में कलह नहीं होती, वहां
लक्ष्मी निवास करती
है।
1अथर्ववेद1 |
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