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उपन्यास में
स्वदेश राणा के नये अप्रकाशित उपन्यास
कोठेवाली
का तीसरा
भाग
चित्रा के घर पहुंचने में ताहिरा और
करन को करीबन दो घंटे लग गये। हैडन सैंट्रल से कैसिंगहन स्ट्रीट का
पूरा रास्ता अंडरग्राउंड में पैंतीसचालीस मिनट का था। ताहिरा चारिंग
क्रॉस पर ही उतर कर विंडोशापिंग में ऐसी लगी कि चलती कम और रूकती
ज़्यादा। रीजैंट स्ट्रीट, ब्रांड स्ट्रीट, आक्सफ़ोर्ड स्ट्रीट की साफ़ सुथरी बंद
दुकानों की सजी धजी विंडोज। न कीमत पूछने की जरूरत, न दाम चुकाने
की कैफ़ियत का एहसास। मन ही मन उसने बहुत सा सामान ख़रीदा
और बड़े सलीके से एक ख़ूबसूरत सा घर सजा
लिया।
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पिछले
सप्ताह
पर्व
परिचय में
कैलाश जैन का आलेख
पहली अप्रैल की कहानी
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मंच
मचान में
अशोक चक्रधर की कलम से
पहले बा से
पहले खा तक
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फुलवारी
में
बच्चों के लिए जानकारी के अंतर्गत
जंगल के पशु श्रृंखला में
गैंडा
गैंडे का एक सुंदर
चित्र
रंगने
के लिये
और कविता बड़ा सा गैंडा
° साहित्यिक
निबंध में
सुषम बेदी का आलेख
पीढ़ियों की सीढ़ियां
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कहानियों
में
भारत से उदय प्रकाश की कहानी
!टेपचू!
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इस
सप्ताह
कहानियों
में
भारत से महेश चंद्र द्विवेदी की कहानी
आई
एस आई एजेंट
उन्नीस दिसम्बर, 1971
की वह कोहरा से आच्छादित रात्रि मेरे मन व शरीर दोनों मे बर्फ
सी जम गई थी। उस समय मैं गहरी निद्रा में लीन थी कि इसी
प्रकार टिंग टिंग . . .की घंटी उस रात्रि भी बज उठी थी। मैं और
मेरे पति राजेश दोनों किसी अनहोनी की आशंका के साथ जाग उठे
थे। राजेश ने शीघ्रता से पलंग से उठकर खूंटी पर टंगा शाल ओढ़
लिया था और बिजली का स्विच आन कर दिया था। बल्ब की तेज़
रोशनी में मेरी आंखें उसी प्रकार चुंधिया गई थी जिस प्रकार 3
दिसम्बर को भारत द्वारा पूर्वी पाकिस्तान के स्वतंत्रता संग्राम में कूद
पड़ने की खबर पाकर मेरा मन चुंधिया गया था।
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वैदिक
कहानियों में
डा रति सक्सेना
की कलम से
इंद्र
की गाथाएं
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स्वाद और स्वास्थ्य
में
दीपिका जोशी बता रही हैं
फलों का फलित
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समाचार
में
यू के में
कथा सम्मान
यूके घोषित
और
जकार्ता में होली
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परिक्रमा में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत गये माह
भारत की घटनाओं का लेखा जोखा
शांति
के रंग
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!सप्ताह का विचार!
मुस्कान
पाने वाला मालामाल
हो जाता है पर देने वाला
दरिद्र नहीं होता।
अज्ञात |
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अनुभूति
में
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समस्यापूर्ति(2)
के परिणाम
साथ ही
माधवी गुप्ता
सरदार तुकतुक व
कल्याण सिह की
नयी कविताएं
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पिछले अंकों से°
कहानियों
में
टेपचूउदय प्रकाश
आते
समयडा कुसुम अंसल
सारांशशुभांगी
भड़भड़े
अलग
अलग तीलियांप्रभु जोशी
होली
मंगलमय होओम
प्रकाश अवस्थी
संकल्पनीलम शंकर
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत
शैल
अग्रवाल
की कलम से
मां और
मांसी दो बहनें
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विज्ञान
वार्ता में
'भूल
गया कुछ कुछ याद नहीं सब कुछ'
डा गुरूदयाल प्रदीप की
कलम से
स्मृति
विस्मृति का तानाबाना
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प्रौद्योगिकी
में
डा विजय मल्होत्रा का
आलेख
कंप्यूटर
नेटवर्क के क्षेत्र में क्रांतिइंटरनेट
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आत्मकथा
में
कृष्ण बिहारी की आत्मकथा का अगला
भाग विश्वजाल
पर पदार्पण
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संस्मरण में
सुप्रसिद्ध लेखिका शिवानी की पुण्य
तिथि 21 मार्च के अवसर पर श्रद्धांजलि
एक कथा अर्धशती को नमन
महेश दर्पण द्वारा
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प्रकृति
और पर्यावरण में
प्रभात कुमार का
आलेख
मानसून
: प्रकृति का जीवन संगीत
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आज
सिरहाने
में
सूर्यबाला के
कहानी संग्रह
इक्कीस कहानियां
का
परिचय सुमित्रा
अग्रवाल द्वारा
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हास्य
व्यंग्य में
डा
प्रेम जनमेजय की व्यंग्य रचना
पुरस्कारम
देहि
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