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अनुभूति

24. 2. 2006 

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पिछले सप्ताह

हास्य व्यंग्य में
यू के से तेजेन्द्र शर्मा की कलम से
देवलोक से दिव्यलोक

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दृष्टिकोण में
विनोद अनुपम की पड़ताल
हिंदी सिनेमा कितना हिंदी

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चिट्ठा–पत्री में
चिठ्ठा पंडित  के नए पंचांग से
जनवरी के चिठ्ठे

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आज सिरहाने
सुकेश साहनी का लघुकथा संकलन
बीसवीं सदीःप्रतिनिधि लघुकथाएं

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कहानियों में
भारत से गुरूदीप खुराना की कहानी
गरमाहट

उस मखमली रजाई को याद करते ही ध्यानसिंह को अपनी गुदड़ी का ध्यान हो आया जिसे वह गांव से साथ लेकर आया था। उसे याद आया कि आज उसने उस गुदड़ी को गोल बनाकर खिड़की के आगे रखा था जिसकी टेक बनाकर वह पुरानी फ़िल्मी पत्रिका को पलटता रहा था, उसी पत्रिका को जिसमें कि इस फ़िल्म का ज़िक्र था जो उसने अभी–अभी देखी। क्या उसने खिड़की बंद कर दी थी आते हुए? शायद नहीं? कहीं इस धुआंधार बारिश में उसकी गुदड़ी पर बौछार न पड़ रही हो, उसे चिंता हुई। लेकिन अब चिंता करने से क्या लाभ? उसने सोचा, जो होना होगा सो तो हो चुका होगा।

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इस सप्ताह

कहानियों में
भारत से डॉ फ़कीरचंद शुक्ला की कहानी
नकेल

रसोई घर में से भैया को ड्राइंग रूम में बैठे देख रहा हूं– वही पुराना पहरावा, सफेद धोती कुर्ता, मगर कनपटियों पर बाल पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा सफेद हो गये हैं। चेहरा भी काफी उतरा हुआ लगता है। गाल तो यूं चेहरे में धंसे हुए हैं जैसे किसी ने कच्ची गीली दीवार में घूसा मार दिया हो। माथे पर बड़ी बड़ी लम्बी र्लम्बी और गहरी शिकनों से लगता है जैसे कोई बहुत ही गम्भीर बात सोच रहे हों। भैया को न जाने क्यों धोती कुर्ता ही पसंद है। मुझे कभी भी अच्छा नहीं लगा। कालेज के दिनों में अक्सर उन्हें टोक दिया करता था,"क्या बड़े बूढ़ों की तरह धोती कुर्र्ता पहने रहते हो? पैंट नहीं तो कम से कम पजामा तो पहन लिया करो।'

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हास्य व्यंग्य में
अनूप कुमार शुक्ल के शब्दों में
कुछ कुछ होता है

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पर्व परिचय में
दीपक नौगाईं बता रहे हैं
शिवरात्रि–पर्व की महिमा

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प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव का आलेख
2005 के सर्वश्रेष्ठ
जाल–अनुप्रयोग

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संस्मरण में
शारदा पाठक की यादों में तलत महमूद
ऐ मेरे दिल कहीं और चल

सप्ताह का विचार
पृथ्वी पर तीन रत्न हैं। जल, अन्न और सुभाषित लेकिन अज्ञानी पत्थर के टुकड़े को ही रत्न कहते हैं।
कालिदास

 

अनुभूति में

राधेश्याम बंधु, आचार्य सारथी, आशा बीर, अजय त्रिपाठी, इंद्रजीत पाल और सुनील जोगी की नयी
रचनाएं

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में
पिकनिक–प्रत्यक्षा
बचपन–उषा महाजन
मोहभंग–वीना विज उदित
बच्चा–ज्ञानप्रकाश विवेक
बाज़ार बाज़ार–राजनारायण बोहरे
पासपोर्ट के रंग–तेजेन्द्र शर्मा
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1
हास्य व्यंग्य में
लंदन का कोट–डा नरेन्द्र कोहली
पुलिसियाने में क्या हर्ज़ है–अतुल चतुर्वेदी
गधा विवाद में नहीं पड़ता–गुरमीत बेदी
शकुनी मामा–रामेश्वर कांबोज 'हिमांशु'
°
1
मंच मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
आई कविताई की बाढ़
°
1
महानगर की कहानियां में
रविशंकर श्रीवास्तव की लघुकथा
गति सीमा
°
1
रसोईघर  में
माइक्रोवेव अवन में तैयार करें
भरवां बंदगोभी
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1
साहित्य समाचार में
बल्गारिया की राजधानी में मनाया गया
हिंदी दिवस
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1
ललित निबंध में
डॉ श्रीराम परिहार का आलेख
सम्मान के चीते पर सवार
°
1
फुलवारी में
स्वीडन, नीदरलैंड और नार्वे से पहचान
साथ ही शिल्प कोना में
फोटो फ्रेम में सजाएं गैंडा
°
1

साहित्य समाचार में
नयी दिल्ली में धूमधाम से मनाया गया
चतुर्थ प्रवासी हिंदी उत्सव

 

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखक अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

   

 

 
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