इस
कार्यक्रम के अंतर्गत सोफिया स्थित
इंदिरा गांधी स्कूल में दो वर्गों
में आयोजित कविता पाठ प्रतियोगिता
के कनिष्ठ वर्ग में स्वेतलाना राश्कोवा
ज़ाइकोवा प्रथम, मार्गरिता
वेन्सिस्लावोवा गेओर्गिएवा द्वितीय,
और एलिज़ाबेथ वासिलेवा तुएच्का
तृतीय स्थान पर रहीं और वरिष्ठ वर्ग
में जूना अस्परूहोवा प्रथम,
मिरोस्लावा निकोलाएवा वल्दाश्का
द्वितीय, रादोस्तिना रादकोवा मुतफचीस्का
तृतीय स्थान पर रहीं।
सोफिया
विश्वविद्यालय में आयोजित कविता पाठ
प्रतियोगिता में दिल्पाना नेइकोवा ने
प्रथम, मग्दलेना दिमित्रोवा ने द्वितीय,
स्वेतोस्लावा स्वेतोस्लावोवा ने
तृतीय तथा एकातेरिना कोज़ेवाशेवा
और मरीना मिंकोवा ने सांत्वना
पुरस्कार प्राप्त किया तथा अनुवाद
प्रतियोगिता में आलीना दिमित्रोवा
ने प्रथम, निकोलाई यांकोव ने
द्वितीय, पॉवेल नैनोव ने तृतीय
और एलेना श्तेरेवा तथा
मग्दलेना दिमित्रोवा ने सांत्वना
पुरस्कार प्राप्त किया। कविता पाठ
प्रतियोगिता में हिंदी के कवियों
धर्मवीर भारती, अज्ञेय, दुष्यंत
कुमार, रघुवीर सहाय, गोपालदास
नीरज, केदारनाथ सिंह, मंगलेश
डबराल, आनंद वर्धन, ज्योत्स्ना
मिलन आदि की कविताओं के साथ ही
अनेक बल्गरियाई कवियों की कविताओं
के हिंदी अनुवाद भी पढ़े गए।
उसी दिन
आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में
भारतीय दूतावास द्वारा हिंदी भाषा में
शुरू की गई मासिक दीवार पत्रिका 'मैत्री'
के प्रथम अंक का विमोचन भारतीय
राजदूत दिनकर खुल्लर ने किया और भारत
शास्त्र विभाग, सोफिया विश्वविद्यालय
को 'रामायण तथा महाभारत' की संपूर्ण
सी डी और हिंदी के नये कंप्यूटर
सॉफ्टवेयर तथा इंदिरा गांधी स्कूल को
हिंदी के नये कंप्यूटर सॉफ्टवेयर उपहार
स्वरूप प्रदान किए।
प्राचीन
और आधुनिक भाषा संकाय की उप
अधिष्ठाता डॉ .तात्याना एवतिमोवा ने
अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि सोफिया
विश्वविद्यालय में भारत शास्त्र विभाग
की स्थापना के इक्कीस वर्ष पूरे हो चुके
हैं और हिंदी का अध्यापन उससे भी
पहले से यहां पर किया जा रहा है। यहां
पढ़ चुके पूर्व छात्र विश्व के अन्य अनेक
देशों में हिंदी विषय का अध्यापन कर
रहे हैं।
सांस्कृतिक
कार्यक्रम की एक झलक
अपने
उद्घाटन वक्तव्य में भारत के राजदूत
श्री दिनकर खुल्लर ने प्रथम विश्व हिंदी
दिवस के अवसर पर बधाई देते हुए भारत
शास्त्र विभाग की सराहना की। उन्होंने
बताया कि प्रतिवर्ष भारत सरकार की
छात्रवृति पर हिंदी का विशेष अध्ययन
करने के लिए बल्गरियाई विद्यार्थी
आगरा स्थित केंद्रिय हिंदी संस्थान
जाते हैं। पहले छात्रवृति की संख्या
केवल एक थी लेकिन अब यह संख्या चार
हो गई है। उन्होंने बताया कि
सांस्कृतिक विनिमय के अंतर्गत भारत
सरकार द्वारा नियुक्त हिंदी विषय के एक
भारतीय अतिथि प्राध्यापक भारत शास्त्र
विभाग में कार्यरत हैं। इसी कार्यक्रम
में अनुवाद तथा कविता पाठ
प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी
पुरस्कार के रूप में नगद राशि के साथ ही
सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र और
हिंदी की पुस्तकें प्रदान की गईं।
विशिष्ट
अतिथि के रूप में बोलते हुए सोफिया
विश्वविद्यालय के उप रेक्टर प्रो
.अलेक्जे़ंडर फदोतोफ ने कहा कि यह
बड़ी महत्वपूर्ण बात है कि वर्ष 2006
में विश्वविद्यालय में आयोजित पहला
कार्यक्रम प्रथम विश्व हिंदी दिवस का
है। हमें आशा है कि यह पूरा वर्ष हिंदी
और भारत को समर्पित रहेगा। उन्होंने
प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बल्गारिया को
भारत भक्त देश बताया।
भारतीय
प्राध्यापक डॉ .आनंद बर्धन शर्मा ने
कहा कि यहां का भारत शास्त्र विभाग
पूर्वी योरोप के विश्वविद्यालयों में
स्थित भारत शास्त्र विभागों में सबसे
बड़ा है और सबसे अधिक सक्रिय भी।
यहां के अध्यापकों और विद्यार्थियों
ने अनेक भारतीय लेखकों की रचनाओं
के अनुवाद बड़ी मात्रा में किए हैं।
यहां दर्शकों की व्यापक उपस्थिति भारत
और हिंदी के प्रति प्रेम का प्रमाण है।
पुरस्कार
वितरण के बाद रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम
हुआ जिसमें कु .आसिया त्स्वेतानोवा
ने कबीरदास के दोहे, सोनिया
बिंदल ने
ईवान वाज़ोव और डोंका
कोस्तादिनोवा ने मिहाइल वेल्वेव की
कविताओं के अनुवाद प्रस्तुत किए,
एलेना गओर्गिएवा और पावेल
निकोलाएव ने निर्मल वर्मा की कहानी
'डेढ़ इंच ऊपर' का वाचन किया,
राजुनिका बैले समूह द्वारा तुलसीदास
के पद 'ठुमुकि चलत रामचंद्र' पर नृत्य
प्रस्तुत किया गया और भारत शास्त्र
विभाग की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत समूह
गीत और नागार्जुन की कविता 'मेघ
बजे' पर आधारित नृत्य प्रस्तुति ने
दर्शकों को सम्मोहित कर दिया। इंदिरा
गांधी स्कूल की छात्राओं ने भी नृत्य
और कविताएं प्रस्तुत की।
सांस्कृतिक
कार्यक्रम की एक झलक
कार्यक्रम
के अंत में विभाग की अध्यक्ष डॉ
.गलीना सोकोलोवा ने आभार व्यक्त
किया। कु .इलियाना आंगेलोवा और
श्रीमती सोनिया बिंदल ने कार्यक्रम
का सफल संचलन किया।
प्रस्तुति
: डॉ .उषा शर्मा |