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अनुभूति

16. 2. 2006 

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पिछले सप्ताह

मंच मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
आई कविताई की बाढ़

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महानगर की कहानियां में
रविशंकर श्रीवास्तव की लघुकथा
गति सीमा

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रसोईघर  में
माइक्रोवेव अवन में तैयार करें
भरवां बंदगोभी

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साहित्य समाचार में
बल्गारिया की राजधानी में मनाया गया
हिंदी दिवस

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कहानियों में
भारत से प्रत्यक्षा की कहानी
पिकनिक

अभी निरंजन आएंगे वापस। थोड़ा खीजते हुए, "कहां अटक जाती हो, जिया। चलो न आगे उस पहाड़ी के पीछे। यहीं रूक जाओगी क्या?" नहीं जिया को आज भागना नहीं है। आज अपने हिसाब से जिया चलेगी। जितनी देर जहां रूकना है वहां रूकेगी। और अगर आगे नहीं जाना तो बस नहीं जाएगी। आज निरंजन वाली भागदौड़ नहीं। आज जिया का ठहराव होगा। धीरे–धीरे इत्मीनान से जिया चल रही है। पीछे लटके झोले से एक चॉकलेट निकालकर खाते हुए, हल्की नर्म धूप में यों चलते जाना, बिना किसी गंतव्य पर पहुंचने की हड़बड़ाहट में। जिया के अंदर एक खुशी कांपती है, दिये की लौ सी। 
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इस सप्ताह

कहानियों में
भारत से गुरूदीप खुराना की कहानी
गरमाहट

उस मखमली रजाई को याद करते ही ध्यानसिंह को अपनी गुदड़ी का ध्यान हो आया जिसे वह गांव से साथ लेकर आया था। उसे याद आया कि आज उसने उस गुदड़ी को गोल बनाकर खिड़की के आगे रखा था जिसकी टेक बनाकर वह पुरानी फ़िल्मी पत्रिका को पलटता रहा था, उसी पत्रिका को जिसमें कि इस फ़िल्म का ज़िक्र था जो उसने अभी–अभी देखी। क्या उसने खिड़की बंद कर दी थी आते हुए? शायद नहीं? कहीं इस धुआंधार बारिश में उसकी गुदड़ी पर बौछार न पड़ रही हो, उसे चिंता हुई। लेकिन अब चिंता करने से क्या लाभ?

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हास्य व्यंग्य में
यू के से तेजेन्द्र शर्मा की कलम से
देवलोक से दिव्यलोक

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दृष्टिकोण में
विनोद अनुपम की पड़ताल
हिंदी सिनेमा कितना हिंदी

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चिट्ठा–पत्री में
चिठ्ठा पंडित  के नए पंचांग से
जनवरी के चिठ्ठे

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आज सिरहाने
सुकेश साहनी का लघुकथा संकलन
बीसवीं सदीःप्रतिनिधि लघुकथाएं

सप्ताह का विचार
धर्म की सेना का सेनापति झूठ है।
जहां झूठ पहुंच जाता है वहां अधर्म–राज्य की विजय–दुंदुभी अवश्य बजती है। 
—सुदर्शन

 

अनुभूति में

राजेन्द्र पासवान 'घायल', रामेश्वर दयाल, प्रिया सैनी और कुंतल कुमार जैन सहित अनेक कवियों की नयी
रचनाएं

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में
बचपन–उषा महाजन
मोहभंग–वीना विज उदित
बच्चा–ज्ञानप्रकाश विवेक
बाज़ार बाज़ार–राजनारायण बोहरे
पासपोर्ट के रंग–तेजेन्द्र शर्मा
पापा तुम कहां हो–अलका प्रमोद

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हास्य व्यंग्य में
लंदन का कोट–डा नरेन्द्र कोहली
पुलिसियाने में क्या हर्ज़ है–अतुल चतुर्वेदी
गधा विवाद में नहीं पड़ता–गुरमीत बेदी
शकुनी मामा–रामेश्वर कांबोज 'हिमांशु'
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ललित निबंध में
डॉ श्रीराम परिहार का आलेख
सम्मान के चीते पर सवार
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फुलवारी में
स्वीडन, नीदरलैंड और नार्वे से पहचान
साथ ही शिल्प कोना में
फोटो फ्रेम में सजाएं गैंडा
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साहित्य समाचार में
नयी दिल्ली में धूमधाम से मनाया गया
चतुर्थ प्रवासी हिंदी उत्सव
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प्रौद्योगिकी में
रमण कौल समझा रहे हैं कि कैसे
चेन मेल की चेन खींच दें
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पर्यटन में
सूरज जोशी का यात्रा विवरण
न्यूज़ीलैंड का नैसर्गिक सौंदर्य
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परिक्रमा में
बृजेश कुमार शुक्ला का आलेख 
नये कीर्तिमान
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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखvअथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

   

 

 
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