नये
कीर्तिमान
गुज़रा
माह भारत के लिए नये विश्व कीर्तिमानों का रहा। नवंबर
के अंतिम सप्ताह में भारतीय उद्योगपति विजयपत
सिंघानिया ने गर्म हवा के गुब्बारे में सबसे ऊंची
उड़ान भरने का विश्व रेकार्ड बनाया। ६७
वर्षीय विजयपत
सिंघानिया भारत की विख्यात कपड़ा कंपनी रेमंड ग्रुप के
अध्यक्ष हैं। २६
नवंबर को उन्होंने गुब्बारे में उड़ान
भरते हुए दो घंटे के भीतर २१,०००
मीटर की ऊंचाई को
प्राप्त कर लिया। इससे पहले यह रेकार्ड स्वीडन के पेर
लिंडस्ट्रांड के नाम था जिन्होंने १९,८११
मीटर की
ऊंचाई का रेकार्ड १९८८
में बनाया था। श्री सिंघानिया
पहले और एकमात्र भारतीय हैं जिन्हें हवाई खेलों के
रिकार्डों को मान्यता देने वाले संघ 'फेडरेशन
एयरोनॉटिक इंटरनेशनल' ने स्वर्ण पदक से सम्मानित किया
है।
दूसरा
रेकार्ड बना क्रिकेट की दुनिया में। शतकवीर मास्टर
ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर ने दिल्ली के फिरोज़शाह कोटला
मैदान पर श्री लंका के ख़िलाफ़ ३५
वां शतक जड़कर सुनील
गावस्कर के ३४ शतकों के विश्व रिकार्ड को तोड़ दिया।
सचिन ने इस उपलब्धि से क्रिकेट इतिहास में मील का
पत्थर स्थापित कर समूचे विश्व में भारतीय क्रिकेट की
मिसाल कायम की है।
सुरक्षा
के सारे तामझाम पर भारी खर्च के बावजूद भारत के शहरों
में आतंकी खेल बदस्तूर जारी है। पहले दिल्ली का लाल
किला, फिर संसद भवन और इसके बाद जम्मू कश्मीर की विधान
सभा जैसे राष्ट्रीय अस्मिता के प्रतीकों से शुरू हुए
ये हमले अक्षरधाम मंदिर से होते हुए विज्ञान मंदिर तक
आ पहुचे हैं। हमलावरों ने २८
दिसंबर को बैंगलोर के
प्रतिष्ठित भारतीय विज्ञान संस्थान को अपना निशाना
बनाया, जहां टाटा आडीटोरियम में अंतर्राष्ट्रीय
सेमिनार चल रहा था। इसमें देश विदेश के अनेकों
वैज्ञानिक मौजूद थे। आतंकी हमले में आई आई टी दिल्ली
के प्रो एम सी राय की मौत हो गई तथा तीन अन्य
वैज्ञानिक घायल हुए।
पूर्व
प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सता की राजनीति से
संन्यास लेते हुए चुनाव न लड़ने का ऐलान कर दिया। उसके
साथ ही लालकृष्ण आडवाणी ने भाजपा के अध्यक्ष पद से
इस्तीफ़ा दे दिया है। इससे यह साफ़ हो गया कि भारतीय
जनता पार्टी की बागडोर द्वितीय पंक्ति के नेताओं के
हाथ में आ गई है। इन दो बड़े नेताओं के सता से दूर
होने पर भी पार्टी का मार्ग निष्कंटक नहीं दिखाई देता।
चारों ओर असफलताओं से घिरी पार्टी का जनाधार भी खिसकता
नजर आ रहा है। उमा भारती का पार्टी से निष्कासन किया
जाना भी उचित कदम नहीं ठहराया जा रहा। अब देखना यह है
कि अंतर्विरोधों से जूझती भाजपा को क्या नये राष्ट्रीय
अध्यक्ष राजनाथ सिंह स्थायित्व प्रदान करा पाएंगे।
अमीर
देशों के लिए गरीब देशों की जनता के जीवन की कीमत उनकी
प्रयोगशाला के चूहे के समान है। नेपाल के लोग इन दिनों
इस बात से आक्रोश में हैं कि अमेरिकी सेना ने शाही
नेपाली सेना के ३०००
सैनिकों पर हेपिटाइटस ई यानी
पीलिया के नये टीके का परीक्षण किया। परीक्षण संचालित
करने वाली कंपनी की रिपोर्ट के मुताबिक परीक्षण सफल
रहा। हांलांकि अभी इस बात का खुलासा नहीं हो पाया कि
यह टीका नेपाल मे वितरित किया जाएगा या नहीं।
अमेरिकी प्रतिरक्षा विभाग अपने उन फौजियों के लिए
हेपिटाइटस ई का टीका विकसित करना चाहता था, जिन्हें
भविष्य में दक्षिण पूर्व एशिया भेजा जा सकता है।
ग़ौरतलब है कि नेपाल को अरबों डालर की अमेरिकी मदद के
साथ ही फौज के प्रशिक्षण से लेकर हथियारों की सप्लाई
तक अमेरिका से होती है, ऐसे में सरकार की सहमति से ही
नेपाली फ़ौजियों को गिनी पिग की तरह इस्तेमाल किया गया।
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अकूत
पैसे की चाहत में अपनी सरज़मीं छोड़ ब्रिटेन पहुंचे
भारतीय डाक्टरों को इन दिनों बेरोज़गारी का सामना करना
पड़ रहा है। नौकरी की तलाश में ब्रिटेन आए इन पेशेवर
डाक्टरों की हालत इतनी बदतर है कि इनमें से कई हर रोज
पूर्वी लंदन स्थित श्री महालक्ष्मी हिंदू मंदिर में
मुफ्त भोजन की कतार में खड़े देखे जा सकते हैं। 'यू के
नेशनल हेल्थ सर्विसेस' की अपील पर ब्रिटेन पहुंचे इन
डाक्टरों को अच्छी नौकरी तो दूर छोटी–मोटी नौकरी के
लिए भी दर–दर भटकना पड़ रहा है। पी एल ए बी टेस्ट पास
करने के बावजूद इनमें से कइयों को नौकरी न मिल पाने के
चलते अपने वतन लौटना पड़ा। एन एच एस की सेवा के लिए आए
इन डाक्टरों को अव्यवस्था और दुश्वारियों से रूबरू
होना पड़ रहा है।
बंधे
हुए हाथों के साथ तैरना मौत को दावत देने के समान है।
पांडीचेरी के नवयुवक प्रभु ने इस हैरतअंगेज़ कारनामे
को अंजाम दिया। २२वर्षीय प्रभु ने सामने बंधे हुए
हाथों के साथ २०
किमी की दूरी तैरते हुए पार की। सुबह
८
बजकर ४५
मिनट पर पांडीचेरी के गांधी स्टेच्यू से
लगातार तैरते हुए वे शाम ६
बजे कुंडालोर पहुंचे।
"दि गाड ऑफ स्माल
थिंग्स" से रातों रात ख्याति के शिखर को छूने वाली
लेखिका अंरूधती राय ने भारत सरकार की अमेरिका परस्त
नीतियों के विरोध स्वरूप प्रतिष्ठित साहित्य अकादमी
पुरस्कार को ठुकरा दिया। साहित्य अकादमी ने वर्ष २००५
मे उनकी पुस्तक "दि अल्जेब्रा ऑफ इन्फाइनाइट जस्टिस"
को इस सर्वोत्कृष्ट साहित्यिक पुरस्कार के लिए चुना
था।
कथानक
से ही नहीं बल्कि शिल्प के क्षेत्र में अपने प्रयोगों
से हिंदी को समृद्धि प्रदान करने वाले मूर्धन्य
साहित्यकार मनोहर श्याम जोशी को साहित्य अकादमी
पुरस्कार से महिमा मंडित किया गया। यह पुरस्कार उनकी
रचना 'क्याप' के लिए दिया गया। क्याप एक कुमांऊनी शब्द
है जिसका मतलब होता है पता नही क्या। इस उपन्यास में
लेखक ने मौजूदा परिदृश्य की विडंबनाओं को फंतासी के
ज़रिये उकेरने की कोशिश की है।
संतान
हीनता से जूझ रहे विदेशियों में भारतीय नस्ल के बच्चों
के प्रति बढते क्रेज़ ने, बच्चों को गोद लेने के झंझट
से बचने का रास्ता खोज लिया है। बच्चे की चाह में अब
विदेशी दंपति भारतीय महिलाओं के डिंब हासिल कर रहे
हैं। जिनका इस्तेमाल परखनली शिशु तैयार करने के लिए
किया जा रहा है। भारत में इस बाबत कोई प्रभावी कानून
नहीं होने के कारण यह धंधा धीरे–धीरे पैर पसार रहा है।
संतानहीन दंपतियों के लिए परखनली शिशु तैयार करना अब
बेहद आसान हो गया है। देश मे परखनली शिशु और
'सेरोगेटेड मदर' का प्रचलन बढ़ रहा है। मेडिकल
टूरिज्म़ की आड़ में भारतीय महिलाओं के डिंब ब्रिटेन,
जापान और अमेरिका तक पहुँच रहे हैं। भारतीय बच्चे की
चाहत रखने वालों में भारतीय मूल के अलावा विदेशी भी कम
नहीं हैं।
छोटे
पर्दे के विज्ञापन पर 'ठंडा मतलब कोकाकोला' का अर्थ
समझाने वाले आमिर ख़ान की नये जीवन साथी की तलाश पूरी
हुई। आमिर ने किरण राव को अपना हमसफ़र चुना। आमिर और
किरण की मुलाकात 'लगान' के निर्माण के समय हुई थी।
लगान फ़िल्म को विदेशी फ़िल्मों की श्रेणी में ऑस्कर के
लिए भी नामांकित किया गया था। किरण इस फ़िल्म के सहायक
निर्देशकों में से एक थीं। २८
दिसंबर को वे
परिणय सूत्र में बंध गए।
हिंदी
फ़िल्म जगत ही नहीं, छोटे पर्दे और कॉरपोरेट जगत के
शहंशाह अमिताभ बच्चन को बीते माह कोलाइटिस की गंभीर
स्थिति के कारण मुंबई के लीलावती अस्पताल में ऑपरेशन
करवाना पड़ा। अपने महानायक की सलामती के लिए देश भर
में प्रार्थनाओं और दुआ मांगने का क्रम जारी रहा। १९
दिन के बाद बच्चन के सकुशल घर लौटते ही उनके प्रशंसकों
के चेहरे खिल उठे।
— बृजेश कुमार शुक्ला |