पिछले
सप्ताह
उपन्यास
अंश में
यू एस ए से सुषम बेदी के
धारावाहिक
उपन्यास अंश लौटना
का भाग2
°
बड़ी
सड़क की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
भाग
चलें पूरब की ओर ° मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
भवानीदादा
बोले
मज़ा
आ
गया
°
कला
दीर्घा में
नवरात्र के अवसर पर विशेष दीर्घा
दुर्गा
°
कहानियों में
भारत
से नवनीत मिश्र की कहानी
विश्वास
किसी गिरहर इमारत जैसी
वे
मेरे ठीक पीछे खड़ी थीं। सब तरफ़ से झूल गया बुढ़ापे
का शरीर। सामने के दांत टूटने लगे थे जिसके कारण
होंठ अपने टिके होने का आधार खो रहे थे और पूरा
चेहरा डोनाल्ड डक जैसा लगने लगा था। खिचड़ी बाल
कहींकहीं पर काफ़ी कम हो गए थे और गंजापन झलकने
लगा था। मदद की गुहार करतीसी आंखें जिनकी उपेक्षा
करके आगे बढ़ जाना संभव नहीं होता। दाहिने गाल पर
एक काला मस्सा था जो उनके गोरे रंग पर आज भी
दिठौनेसा दमकता लग सकता था लेकिन मस्से पर उगे
सफ़ेद बालों के गुच्छे ने उनके चेहरे को विरूपित कर
रखा था। उनके माथे पर गहरी सिलवटें थीं जिनमें
पसीने की महीन लकीरें चमक रही थीं।
°ं
|
|
इस
सप्ताह
दशहरा
विशेषांक में
यू
के से शैल अग्रवाल की कहानी
विसर्जन
कभी वे भी गौरी
के साथ सुबह शाम चारों दिन पूजा के पंडाल पर जाते थे।
नौ दिन बस पूजा पाठ, खाना पीना और सांस्कृतिक कार्यक्रम।
वह धनुचि नृत्य ढोल मृदंग पखवाज़, शंखनाद में
मिलकर बहती धूप, गूगल, कपूर और चंदन की महक, जो
कपड़ों और बालों में ही नहीं आत्मा तक में रची बसी है
आज भी याद है उन्हें सबकुछ। मां दुर्गा के बीसों रूपों
की भव्य पूजा होती हैं इन नौ दिनों में। तीन दिन दुर्गा
के अंदर के विकार नष्ट करने के लिए। फिर अगले तीन दिन लक्ष्मी
के, उनकी कृपा और समृद्धि के लिए। और अंतिम तीन दिन मां
सरस्वती के, ज्ञान अर्जन के लिए। और फिर मां की विदाई।
साल में बस इन्हीं नौ दिन के लिए ही तो आ पाती है मां
अपने मायके।
° हास्य
व्यंग्य में
गोपाल
प्रसाद व्यास का व्यंग्य
शूर्पनखा की नाक
° पर्व
परिचय में
मानोशी चैटर्जी का सजीव विवरण
बंगाल
की दुर्गा पूजा
° संस्मरण
में
डा अरूण अवस्थी से अनूप शुक्ला की
बातचीत मौरावां की रामलीला
जहां
रावण कभी नहीं मरता
° उपन्यास
अंश में
यू एस ए से सुषम बेदी के
धारावाहिक
उपन्यास अंश लौटना
का भाग3
°
सप्ताह का विचार
युद्ध
में हार को पार कर के मिलती है जीत और मृत्यु को पार कर
के मिलता है अमृत।
रवींद्रनाथ ठाकुर
|
|
|
अनुभूति
में
|
|
दशहरे और
दीपावली के अवसर पर नयी कविताएं
इस माह के कवि में पराग मांदले और
एक कवि स्ांमेलन
धारावाहिक
|
नाटक
में
साकेतडा
प्रेम जनमेजय
निबंध
में
विजयदशमी
पर शस्त्रपूजा
डा गणेशकुमार
पाठक
विजयोत्सव
डा
विद्यानिवास मिश्र
रामायण
की विश्व विजय
पूर्णिमा वर्मन
कुल्लू
का दशहरा
दीपिका
जोशी
कश्मीरी काव्य में रामकथा
डा
शिबन कृष्ण रैणा
फुलवारी
में बच्चों के लिये
°
° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
रोड
टेस्टइला प्रसाद
अठतल्ले
से गिर गए रेवत बाबूजयनंदन
लालटेन,
ट्यूबलाइटमोतीलाल जोतवाणी
अपराधबोध
का प्रेततेजेन्द्र शर्मा
चिठ्ठी
आई हैकमलेश भट्ट कमल
शौर्यगाथाराम गुप्ता
°
हास्य
व्यंग्य में
कैसे
कैसे शब्दजालरविशंकर श्रीवास्तव
वह
कहां हैनरेन्द्र कोहली
जिसे
मुर्दा पीटे . . .महेशचंद्र
द्विवेदी
देश
का विकास जारी हैगोपाल चतुर्वेदी
°
गांधी
जयंती के अवसर पर
राजेश कुमार सिंह का विशेष
लेख
डाक
टिकटों में गांधी
साथ में
अनूप शुक्ला के कुछ प्रश्न 'पहला गिरमिटिया' के लेखक गिरिराज
किशोर से
और उनकी डायरी के चुने हुए अंश
गांधी
की तलाश
के अंतर्गत
°
फुलवारी
में
ललित
कुमार के सहयोग से
भारत,
श्री लंका और ईरान
विषयक
जानकारी देशदेशांतर के अंतर्गत
|
|