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१. ४. २०२०

इस माह-

अनुभूति में-
राम नवमी के अवसर पर श्री राम को समर्पित विविध विधाओं में विभिन्न रचनाकारों की अनेक रचनाएँ।

-- घर परिवार में

रसोईघर में- रामनवमी के विशेष अवसर पर हमारी रसोई संपादक शुचि प्रस्तुत कर रही हैं- फलाहारी व्यंजनों का अद्भुत संग्रह।

स्वास्थ्य के अंतर्गत- दिल की आवाज सुनो- बारह उपाय जो रखें आपके दिल की सेहत को दुरुस्त- ४- थकान से दूर रहें।

बागबानी- आयुर्वेद की दृष्टि से उपयोगी बारह पौधे जो हर घर में उगाए जा सकते हैं। इस अंक में प्रस्तुत है- ४- धनिये का पौधा

बचपन की आहट- शिशु-विकास के अध्ययन में संलग्न इला गौतम की डायरी के पन्नों से- नवजात शिशु- तेरह से सोलह सप्ताह तक

- रचना व मनोरंजन में

क्या आप जानते हैं- इस माह (अप्रैल) की विभिन्न तिथियों में) कितने गौरवशाली भारतीय नागरिकों ने जन्म लिया? ...विस्तार से

संग्रह और संकलन- में प्रस्तुत है- आचार्य संजीव वर्मा सलिल की कलम से शशि पुरवार के नवगीत संग्रह- भीड़ का हिस्सा नहीं का परिचय। 

वर्ग पहेली- ३२४
गोपालकृष्ण-भट्ट-आकुल और
रश्मि-आशीष के सहयोग से


हास परिहास
में पाठकों द्वारा भेजे गए चुटकुले

साहित्य एवं संस्कृति के अंतर्गत- 

समकालीन कहानियों में भारत से सुशांत सुप्रिय
की कहानी एक दिन अचानक

एक शाम आप दफ़्तर से घर आते हैं- थके-माँदे। दरवाज़े पर लगा ताला आपको मुँह चिढ़ा रहा है। सुमी कहाँ गई होगी- ज़हन में ग़ुब्बारे-सा सवाल उभरता है। बिना बताए? और पुलक? आप का तीन साल का आँखों का तारा? आप जेब में हाथ डाल कर चाभी निकालते हैं। ताले की एक चाभी आपके पास भी रहती है। चाभी आज पत्थर-सी भारी क्यों लग रही है? दरवाज़ा खोल कर आप भीतर आते हैं। वही जाने-पहचाने कमरे हैं। लगता है जैसे अभी रसोई के नल में से पानी गिरने की आवाज़ आएगी, बर्तन खड़केंगे और सुमी रसोई में से साड़ी के पल्लू से हाथ पोंछती हुई निकलेगी। कहेगी- बड़े थके हुए लग रहे हो आज। हाँ, आज कई मीटिंग्स थीं- आप कहेंगे। तुम हाथ-मुँह धो लो। मैं चाय बनाती हूँ- वह कहेगी। पुलक बेड-रूम के फ़र्श पर पड़े आज के अख़बार पर आड़ी-तिरछी रेखाएँ बना रहा होगा। आप उसे गोद में उठा कर चूम लेंगे। मेरे पापा- कह कर वह आपके गले में बाँहें डाल देगा। पर मकान आज सोया हुआ है। कहीं कोई आवाज़ नहीं। रसोई का नल ख़ामोश है। बर्तन बेसुध पड़े हैं। बेड-रूम में वीरानी छाई है। आगे...
*

मुक्ता का प्रेरक प्रसंग
श्रम का पुरस्कार
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डॉ. संजीव कुमार का दृष्टिकोण
तुलसी
का रामराज और वर्तमान में उसकी प्रासंगिकता
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महेशदत्त शर्मा का आलेख
शाश्वत राम हमारे
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ब्रज श्रीवास्तव का संस्मरण
पिता के साये में जीवन

पुराने अंकों-से---

साहित्यिक निबंध में-

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सूर के राम- डॉ. राजकुमार सिंह

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जैन रामायण में राम की परिकल्पना- योगेन्द्रनाथ शर्मा अरुण

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रोम रोम में बसने वाले राम- डॉ. मनोहर भंडारी

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तुलसी के राम की मर्यादा और उनका राज्यादर्श- कुमार रवीन्द्र

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पर्यटन में-

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श्रीराम वन-गमन मार्ग के प्रमुख स्थान- डा. राधेश्याम द्विवेदी

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राम का शरण स्थल चित्रकूट धाम- डॉ. विभा सिंह

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छत्तीसगढ़ में राम के वनवास स्थल- छत्तीसगढ़ पर्यटन

ललित निबंध में-

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राम का अयन वन- विद्यानिवास मिश्र

पर्व परिचय में-

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उल्लास और आदर्श का स्मरण रामनवमी पर्व- ज्योतिर्मयी पंत

कला दीर्घा में-

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श्री राम के पुरातात्विक कला-शिल्प- ललित शर्मा

संस्कृति में-

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दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों में बसी रामकथा- संकलित

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रामकथा की सांस्कृतिक यात्रा- महेश परिमल

बाल-कथा में-

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रामनवमी - पूर्णिमा वर्मन

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"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है
यह पत्रिका प्रत्येक सोमवार को प्रकाशित होती है।


प्रकाशन : प्रवीण सक्सेना -|- परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन

 
सहयोग : कल्पना रामानी
 

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