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हास परिहास
२०२०

सड़क के किनारे भीड़ लगी हुई थी, लगता था कोई दुर्घटना हो गई है। कुछ लोग दुर्घटना को देखने के लिये उस तरह बेचैन हो उठते हैं जैसे बच्चे तमाशा देखने को। ऐसा ही एक व्यक्ति भीड़ में घुसने के लिये बेचैन हो गया। भीड़ बड़ी थी और उसमें घुसना आसान नहीं था। जब कोई हटा नहीं तो वह चिल्ल्ता हुआ बोला, जिसका एक्सिडेन्ट हुआ है मैं उस का पिता हूँ।
झट रास्ता मिल गया।
अदंर जाकर देखा तो एक गधा मरा पड़ा था।
१ दिसंबर २०२०

संता- 'मेरे पास रॉकेट हैं, पटाखे हैं, अनार हैं, चकरी हैं, बम हैं, तुम्हारे पास क्या है?
बंता- 'मेरे पास?'
मेरे पास 'मा..............................
चिस है। आग लगा दी तो तेरे पास कुछ भी नहीं बचेगा।

१ नवंबर २०२०

मंदिर में पप्पू ने कहा- पंडितजी, कोरोना वायरस से बड़ा डर लग रहा है। क्या करना चाहिए?
पंडित- डरने की बात नहीं है, हाथ आगे करो।
पप्‍पू- पंडितजी, आज चरणामृत थोड़ा कड़वा नहीं है?
पंडित- अरे मूर्ख, वह सैनेटाइजर था, सफाई के लिए दिया था।

१ अक्तूबर २०२०

एक व्यक्ति कोरोना से मर गया। उसने परलोक में प्रभु के सामने पेश किये जाने पर पूछा-
“प्रभु आप हमारी रक्षा भी न कर पाए, हमें बचाने क्यों न आए?”
प्रभु ने उत्तर दिया- “वत्स! कभी पीएम बनकर, कभी सीएम बनकर, कभी पुलिस बनकर कभी नगर निगम कर्मचारी बन कर बार-बार तुझे बताने के लिए आया था कि घर में बैठ जा, बच जाएगा। अब तू कौन सा अर्जुन है जो तुझेविराट रूप दिखाता!”

१ सितंबर २०२०

पहले एक कमाता था नौ खाते थे इसलिये उसे नौकरी कहते थे, बाद में एक कमाता था और चार खा लेते थे इसलिये उसे चाकरी कहते थे। इसके बाद जितना मिलता था वो खुद के तन के लिये ही पूरा पड़ता था इसलिये उसे तनखा कहते थे। अब तन को भी पूरा नहीं पड़ता इसलिये वेतन कहते हैं। और आजकल के लड़के लड़कियाँ सिर्फ सेल फोन लेने के लिये ही काम करते हैं इसलिये उसे सेलरी कहते हैं।

१ अगस्त २०२०
एक पड़ोसी दूसरे पड़ोसी से- भई, आज ऐसी चाय पिलाओ, जिसे पीकर मन झूम उठे और बदन नाचने लगे।
दूसरा पड़ोसी- भई, हमारे यहाँ भैंस का दूध आता है, नागिन का नहीं।
१ जुलाई २०२०
तरबूज वाले ने बड़ी बारीकी से इंच दर इंच तरबूज ठोक-ठोक कर दिया।
अपुन से रहा नहीं गया पूछ डाला -
"कमाल है भाई, तुम तो तरबूज ऐसे जाँच रहे हो जैसे कि सर्जन लोग मरीज की जाँच करते हैं!
तरबूज वाला बोला- "भाई, अब रुलाएगा क्या ? मैं सर्जन ही हूँ, कोरोना के कारण सर्जरी बंद है तो ये धंधा कर रहा हूँ!"
१ जून २०२०
एक कन्या गोलगप्पे वाले से- भैय्या, आज कल आपके गोल गप्पों में वो पहले वाली बात नहीं रही। मजा नहीं आ रहा, कुछ तो मिसिंग है। मसाला बदल दिया क्या?
गोलगप्पे वाला- नहीं मैडम, बस वो कोरोना के चक्कर में हाथ अच्छे से धोकर खिला रहे हैं ना...
१ मई २०२०
आज सुबह टीवी पर बता रहे थे कि .. बाहर जाते समय मास्क और हैंड ग्लव्स पहनकर जाना चाहिए...
गुप्ता जी ने ऐसा ही किया।
लेकिन जब बाहर गये तो देखा कि लोग मास्क और ग्लव्स के साथ साथ पैंट शर्ट भी पहने हुए थे।
बहुत नाराज हैं, कह रहे हैं कि झूठे हैं टीवी वाले... अब कभी भरोसा नहीं करूँगा।
१ अप्रैल २०२०
पत्नी ने गुस्से से पति को फोन किया- बोली कहाँ हो?
पति- अरे उसी ज्वेलरी शॉप के पास जहाँ तुमने हार पसंद किया था। पिछली होली को याद आई वो दूकान?
"हां याद है...
"माफ करना मैं उस समय तुम्हें दिला नहीं सका था पर मैंने वायदा किया था कि किसी दिन जरुर दिलाऊँगा।"
ये सुन पत्नी खुशी से बोली हाँ जी याद है। आप कितने अच्छे हैं मेरे लिए हार अभी खरीद रहे हैं! बताइए आज क्या बना दूँ आप के लिए!
पति- अरे भाग्यवान मेरी बात सुनो, मैं उसी गली से तुम्हारे लिए गोलगप्पे खरीद रहा हूँ, कितने ले लूँ तुम्हारे लिये... और तुम आज मटर पनीर बना लेना।
१ मार्च २०२०
तेज रफ्तार से गाड़ी चला रही युवती को रोककर चालान काटते हुए ट्रैफिक पुलिस ने कहा, "आपने पढ़ा नहीं कि इस जगह चालीस के ऊपर गाड़ी चलाना मना है?"
लेकिन मैं तो अभी २३ की हूँ लड़की ने उत्तर दिया।
१ फरवरी २०२०
"यार मैं एक लड़के से बहुत परेशान था लेकिन आज वह मेरी वजह से दहशत में है।"
"अच्‍छा, ऐसा क्‍या हो गया?"
"मैं जब भी ऑफिस में कम्‍प्‍यूटर पर बैठता था, वह मेरे पीछे खड़ा हो जाता था। आज जैसे ही वह आया, मैंने गूगल पर सर्च किया, 'अपने पीछे खड़े लड़के की हत्या कैसे करें?  ----------------------------
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१ जनवरी २०२०
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