आयुर्वेद की दृष्टि से उपयोगी बारह पौधे
जो हर
घर में उगाए जा सकते हैं।
(संकलित)
४- धनिये का पौधा
भारतीय व्यंजनों में धनिये का बहुत ज्यादा प्रयोग होता
है। इसे डायटरी फाइबर (पौधों से मिलने वाला एक प्रकार का
कार्बोहाइड्रेट) का अच्छा स्रोत माना जाता है। इसके अलावा
धनिये में कई तरह के औषधीय गुण भी पाए जाते हैं। पारंपरिक
उपचार और खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए विभिन्न सभ्यताओं
के लोग अत्यंत प्राचीन काल से धनिये का प्रयोग करते रहे
हैं। धनिये का पूरा पौधा लिपिड का अच्छा स्रोत
माना जाता है क्योंकि इसमें पेट्रोसेलिनिक एसिड और
एसेंशियल ऑयल होता है।
धनिया न तो बहुत अधिक ठण्ड सहन कर सकता है न ही बहुत अधिक
गर्मी। धनिये की खेती शुरू करने के लिए सबसे अच्छा समय
मार्च और मई के महीने के बीच, आखिरी वसंत ऋतु में होता है!
धनिया शुष्क समय के दौरान बेहतर विकसित होता है। जब मौसम
बहुत गर्म होता है, धनिया के पौधों में बीज का निर्माण
होने लगता है इसलिए आप सही समय चुनना जरूरी है। धनिये के
बीजों को हल्का दरोटकर दो टुकड़े कर दें और रात भर के लिये
पानी में भिगो दे। इसके बाद उन्हें मिट्टी में आधा इंच
गहरे और छह से आठ इंच की दूरी पर बोएँ। बीजों को नम रखें
लेकिन उसमें पानी का भराव न हो। दो से तीन सप्ताह में
उनमें अंकुर आ जाता है। उसे छह इंच तक ऊँचा होने दें फिर
आवश्यकता के अनुसार काट लें। काटते समय इस बात का ध्यान
रखना चाहिये कि एक तिहाई से ज्यादा पत्तियाँ न निकाली जाएँ
क्योंकि अधिक पत्तियाँ निकाल लेने से धनिये की बढ़वार रुक
जाती है।
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