कथा
महोत्सव
2003
भारतवासी
हिन्दी लेखकों की कहानियों
के संकलन माटी
की गंध
में प्रस्तुत है इलाहाबाद
से
राजेन्द्र यादव की कहानी
अक्षय
धन
अधिकारी ने कहा महोदय, मैं
रोशनलाल हूं। आप को याद
होगा, कई
वर्षों पूर्व आप पूरा कुर्थी गांव में
विद्यालय के
निरीक्षण में गये थे। उस
समय मैं कक्षा पांचवी का छात्र था।
आपने मेरा नाम और पिताजी का नाम
पूछा था। मेरे द्वारा
पिताजी का नाम
मुसद्दीलाल बताये जाने पर पूरी कक्षा
हंस पड़ी थी। मुंशी निरंजन लाल को
पूरी कहानी
परत दर परत याद आने
लगी। उनके मन मस्तिष्क में मुसद्दीलाल
ठेलियां वाले के चित्र उभरकर सामने
आ गये। उन्हें बाबू नारायण
सिंह के वे
शब्द भी याद आ गये कि मुसद्दीलाल
स्कूली बच्चों को
रोशन लाल की तरह
निःशुल्क सामान दे देता है। वे बोले
महोदय, पिताजी के क्या हालचाल है।
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अहमदाबाद
से
आस्था की कहानी
मोहभंग
दोनों परिवार अपनी
अपनी तरह से सुखी थे दुख बस इस एक बात का था कि वह
सब एक साथ नहीं रह पाये
थे।
साल
बीतते गये
अक्षय और आरती की
चिठ्ठियां आती रहतीं थी सो मन बहल
जाया करता था।
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चंडीगढ़
से
डा नरेश की कहानी
ममता
ताई बचनी ने कथा पर जाने के लिए
अपने
घर का
दरवाजा खोला तो
उसकी भवें तन
गईं। एक बीमार
पिल्ला
उसकी
दहलीज़ से सिर
टिकाए पड़ा
था।
(अगली कहानी
: प्रत्यक्षा की दंश)
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इस
सप्ताह
हास्यव्यंग्य
में
अलका चित्रांशी का आलेख
दाद ए बगदाद
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पर्यटन
में
भारतीय विश्व के कोनेकोने में बसे
हैं। कभी पर्यटन, कभी
साहस, तो
कभी रोज़ी की तलाश में।
कैनेडा में भारतीयों के बसने की कहानी प्रस्तुत है डा सत्येन्द्र
नाथ राय
की कलम से
कैनेडा में
भारतीय मूल के निवासी
°
1
अनुभूति
में
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ज्ञानप्रकाश
विवेक
की ग्यारह गज़लें
और
चंद्र शेखर की
लंबी कविता
अर्जुन का मानसिक द्वंद्व
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आज
सिरहाने में
कृष्ण बिहारी द्वारा परिचय
गिरिराज किशोर के उपन्यास
जुगलबंदी
का
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प्रेरक
प्रसंग में
मानस त्रिपाठी की कलम से
एक प्रेरणाप्रद प्रसंग
लालच
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सप्ताह
का विचार
जंजीरें,
जंजीरें ही हैं, चाहे वे लोहे
की हों या सोने की, वे समान रूप से
तुम्हें गुलाम बनाती हैं।
स्वामी रामतीर्थ
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पिछले अंकों से°
सामयिकी
में
लंदन में गौतम सचदेव का
आलेख
तृतीय अंतर्राष्ट्रीय
हिंदी सम्मेलन यूरोप
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विज्ञान
वार्ता में
डा गुरूदयाल प्रदीप
का आलेख
जैविक घड़ी:
जीवन की नियामक
°
धारावाहिक में
कृष्ण बिहारी की
आत्मकथा का अगला भाग
दुविधाओं
में
गिनगिनकर गुज़रे दिन
°
रसोईघर
में
शाकाहारी मुगलई के मस्त ज़ायके में
इस बार प्रस्तुत है
करारी
कमाल भिन्डी
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संस्मरण
में
पहली अप्रैल के अवसर
पर
महेश कटरपंच का आलेख
सावधान! आज पहली अप्रैल है
°
फुलवारी
में
दिविक रमेश का बाल
नाटक बल्लू हाथी का
बालघर
और कविता ध्यान रखेंगे
°
पर्व
परिचय में
गणगौर पर्व का
परिचय प्रमिला कटरपंच की कलम
से म्हाने खेलण दो
गणगौर
°
शिवानी से
संब्ांधित विशेष पृष्ठः
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समकालीन
कहानियों
में तेजेन्द्र
शर्मा की कहानी
गंदगी का बक्सा
°
साक्षात्कार
में
कमलेश्वर से बातचीत
कर रहे हैं
कृष्ण बिहारी
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परिक्रमा
में
दिल्ली दरबार के अंतर्गत भारत से
बृजेश कुमार शुक्ला का लेख
प्रस्तुत हुआ नया
बजट
लंदन
पाती में
यूरोप इराक और
दुनिया भर की परख
शैल अग्रवाल
द्वारा दिल और
दिमाग़ से
नार्वे निवेदन में डा सुरेशचंद्र शुक्ल
'शरद आलोक' का लेख
विश्व
में
उथल पुथल
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