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साक्षात्कार

कमलेश्वर से कृष्ण बिहारी का साक्षात्कार 

 

कमलेश्वर की सौवीं फिल्म 'इन्दिरा गांधी' पर 
संक्षिप्त बातचीत


कमलेश्वर

टीवी  के समाचारों में जब मैंने यह ख़बर सुनी कि कमलेश्वर 'इन्दिरा गांधी ' फिल्म की स्क्रिप्ट लिखेंगे तो सहज प्रश्न यह उभरा था कि तो फिर 'आंधी' किसकी कहानी पर बनी फिल्म थी , साहित्य की दुनिया के कई प्रतिष्ठित नाम सिनेमा से जुड़े लेकिन राही मासूम रज़ा और कमलेश्वर उंगलियों पर गिने जाने वाले उन कुछ नामों में से प्रमुख हैं जिनको बेहतर पहचान मिली।

कमलेश्वर की 'आंधी' और 'मौसम' बहुचर्चित फिल्में हैं , कुछ दिन पहले उन्हें लिखे अपने पत्र में 'कितने पाकिस्तान' के बारे में लिखते हुए मैंने उनसे यह सवाल पूछा था कि सैकड़ों चरित्रों को उपन्यास में जगह देते हुए आप श्रीमती गांधी को कैसे भूल गए साथ ही कुछ और प्रश्न जिनके जवाब प्रस्तुत हैं इस साक्षात्कार में —

  • आपने तीस से कुछ ऊपर फिल्में लिखी हैं, आपकी अगली फिल्म 'इन्दिरा गांधी' को मुख्य पात्र बनाकर आ रही है ,इसकी कहानी क्या है?
    – मैंने इससे पहले 99 फिल्मों में सहयोग दिया है , कुछ की कहानी लिखी है तो शेष की पटकथा और संवाद में अपना योगदान दिया है, 'इन्दिरा गांधी' पर बनने वाली यह सौवीं फिल्म है, जिसमें मेरा योगदान है, इस फिल्म में मैं इसकी पटकथा और संवाद लिख रहा हूं, कहानी का श्रेय तो स्वयं श्रीमती गांधी को जाता है।
  • आपकी पहली फिल्म कौन सी थी जिसमें आपने लेखन कार्य किया?
    – पहली फिल्म एक लो बजट की कला फिल्म थी। राजेन्द्र यादव के उपन्यास 'सारा आकाश' की कहानी थी और बासु चटर्जी ने इस फिल्म को निर्देशित किया था। मैंने इस फिल्म के संवाद लिखे थे। कुछ संवाद मूल से लिए गए थे।
  • आपने ऐसी कौन–कौन यादगार फिल्में दी हैं जिनसे सामान्य जन मानस और कलात्मक रूचि वालों के साथ–साथ आपको भी संतुष्टि मिली?
    – 'आंधी' और 'मौसम' के अलावा जो फिल्में लिखीं उनमें 'अमानुष', 'बर्निंग ट्रेन', 'सौतन', 'बाज़ी' 'मि0 नटवरलाल', 'पति पत्नी और वह', 'छोटी सी बात', 'राम–बलराम', 'आनंद–आश्रम', 'आंखें', हम तेरे आशिक हैं', 'बदनाम बस्ती', 'डॉक बंगला', 'आज का एम एल ए' आदि फिल्में लिखीं मगर 'अमानुष', 'सौतन', 'बर्निंग ट्रेन' और 'पति पत्नी और वह'  आदि फिल्में लोगों को पसंद आईं और मुझे भी संतोष मिला।

  • आपकी आगामी फिल्म ‘इन्दिरा गांधी’ किसके निर्देशन में बन रही है?
    – 'इन्दिरा गांधी' के निर्देशक एन चन्द्रा हैं जिनकी 'तेज़ाब' बहुचर्चित फिल्म रही है। 'आंधी' में भी एन चन्द्रा ने सह निर्देशन किया था।

  • यह फिल्म कबतक दर्शकों तक पहुंचेगी?
    – इस फिल्म की शूटिंग मार्च 2003 में शुरू होगी। जनवरी 2004 में इसके दर्शकों तक पहुंचने की संभावना है।

  • चरित नायकों या जन मानस में स्थापित चरित्रों पर कुछ लिखना या उन्हें पर्दे पर उतारना बहुत जोखिम भरा काम है। आपको कभी कोई ख़तरा ऐसा नहीं लगता कि भूल चूक होने पर सुधार का मौका नहीं मिलेगा और जन आक्रोश भी झेलना पड़ सकता है ?
    – ऐसे ख़तरे हर उस काम में होते हैं जिसमें लीक से हटकर कुछ करना होता है, यही चुनौतियां कहलाती हैं जिनसे हर युग के रचनाकारों और कलाकारों को जूझना पड़ता है, मुझे विश्वास है कि मैं न्याय कर सकूंगा। अपना काम ठीक से कर सकूं , इसका ध्यान मैं बराबर रखता हूं। यह फिल्म केवल एक फारमूलाबद्ध सिनेमाई प्रस्तुतीकरण ही नहीं है बल्कि इसमें भारत का इतिहास भी है। एडिनबरॉ ने जैसे 'गांधी' बनाई थी वैसे ही यह भी अपनी प्रामाणिकता के साथ पर्दे पर उतरेगी, यह फिल्म हिन्दी और अंग्रेजी –दोनों भाषाओं में बन रही है।

  • क्या 'इन्दिरा गांधी' के अलावा भी कुछ और चरित्र ऐसे हैं जिनपर लिखने और उन्हें भी बडे पर्दे पर देखने का आपका मन हो?
    –हां, तीन अन्य महानायक मन में हैं जिनपर लिखने का मन है , वे हैं— सुभाष चंद्र बोस, ख़ान अब्दुल गफारख़ॉ और विवेकानंद।

एन0 चन्द्रा द्वारा निर्देशित 'इंदिरा गांधी' में श्रीमती गांधी की भूमिका मनीषा कोइराला कर रही हैं कमलेश्वर की आगामी फिल्म इन्दिरा गांधी को भी सफलता मिलेगी ऐसी आशा है।

 
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