पिछले
सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
अनूप
कुमार शुक्ल के शब्दों में
कुछ कुछ होता है
पर्व
परिचय में
दीपक नौगाईं बता रहे हैं
शिवरात्रिपर्व
की महिमा
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प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव का आलेख
2005
के सर्वश्रेष्ठ
जालअनुप्रयोग
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संस्मरण में
शारदा पाठक की यादों में तलत महमूद
ऐ
मेरे दिल कहीं और चल
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कहानियों में
भारत से डॉ फ़कीरचंद शुक्ला की कहानी
नकेल
रसोई घर में से भैया को ड्राइंग रूम में बैठे देख रहा
हूं वही पुराना पहरावा, सफेद धोती कुर्ता, मगर कनपटियों पर बाल पहले की अपेक्षा कहीं ज्यादा सफेद हो गये
हैं। चेहरा भी काफी उतरा हुआ लगता है। गाल तो यूं चेहरे में धंसे हुए हैं जैसे किसी ने कच्ची गीली दीवार में घूसा मार दिया
हो। माथे पर बड़ी बड़ी लम्बी लम्बी और गहरी शिकनों से लगता है जैसे कोई बहुत ही गम्भीर बात सोच रहे
हों। भैया को न जाने क्यों धोती कुर्ता ही पसंद है।
मुझे कभी भी अच्छा नहीं लगा। कालेज के दिनों में अक्सर उन्हें टोक दिया करता
था,"क्या बड़े बूढ़ों की तरह धोती कुर्र्ता पहने रहते हो?
पैंट नहीं तो कम से कम पजामा तो पहन लिया करो।'
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होली
विशेषांक
कहानियों में
यू के से तेजेन्द्र शर्मा की कहानी
एक
बार फिर होली
दूरदूर से एक
दूसरे को देख कर ख़ुश हो जाने वाले चंदर और नजमा ने
धीरेधीरे भविष्य के सपने बुनने भी शुरू कर दिए थे।
चंदर वैसे तो डाक्टर बनना चाहता था लेकिन उसके मन में
एक कवि पहले से विद्यमान था। कृष्ण और राधा की होली के
नग़में वह इतनी तन्मयता से गाता था कि नजमा भाव
विभोर हो जाती। उसे होली के त्यौहार की प्रतीक्षा रहती। अपनी
सहेलियों के साथ मिल कर होली खेलती और अपनी मां से
डांट खाती। उसका होली के रंगों में रंग जाना उसकी
आवारगी का प्रतीक था। किंतु मां को उन रंगों का ज्ञान ही
कहां था जो नजमा के व्यक्तित्व पर चढ़ रहे थे। नजमा अब चंदर की सुधा बनने को व्यग्र
थी।
पर्व
परिचय में
मनोहर पुरी की झोली से
देश
विदेश की होली
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हास्य
व्यंग्य में
शैल अग्रवाल की चटपटी मसालेदार
चुटकी
गुलाल की
°
संस्मरण
में
रति सक्सेना के रंगभीने संस्मरण
आंगन
में उतरा इंद्रधनुष
°
ललित
निबंध में
जयप्रकाश मानस की कलम से
रंग
बोलते हैं
°
सप्ताह का
विचार
जैसे
जीने के लिए मृत्यु का अस्वीकरण ज़रूरी है वैसे ही
सृजनशील बने रहने के लिए प्रतिष्ठा का अस्वीकरण ज़रूरी है।
डा रघुवंश
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अनुभूति
में
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होली और वसंत
के रंगों से सराबोर
नये पुराने कवियों की
ढेर सी
नयी फागुनी रचनाएं
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होली विशेषांक समग्र °
उपहार में
कहानियों में
संस्मरण
फुलवारी
में बच्चों के लिए
हास्य
व्यंग्य में
कलादीर्घा
में
घर परिवार
में
पर्व
परिचय में
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