पिछले
सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
डा नरेन्द्र कोहली का व्यंग्य
कुतुबमीनार
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रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
पंद्रहवां भाग
तस्कीन
विधि
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दृष्टिकोण
में
महेशचंद्र द्विवेदी का
मन्थन
आस्तिकता
या नास्तिकता
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फुलवारी
में
आविष्कारों
की नयी कहानियां
और शिल्पकोना में बनाएं
बाघ
का नया मुखौटा
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कहानियों में
भारत से विजय शर्मा की
कहानी
सुहागन
गायत्री ब्याह कर
नारायण दत के घर आ गई। नए घर के कठोर नियमकायदों से
नारायण दत ने उसे जल्दी परिचित करा दिया। खिड़की का परदा उठाकर या सरका कर नहीं रखना
दरवाजे पर खड़ी होना अच्छा नहीं। आर्य समाजी होने के कारण वे परदे के सख्त खिलाफ थे पर पत्नी किसी पर
पुरूष से बात करे
यह वे सहन नहीं कर सकते थे। वे हिदायत देते आंख नीची करके बात किया करो भले घर की स्त्रियां आंख में
आंख डाल कर बात नहीं करतीं। घर में पढ़ने के लिये सत्यार्थ प्रकाश स्वामी दयानन्द सरस्वती की जीवनी थी। पंडित
देवीदत
भी समझाते गायत्री मंत्र का जाप किया करो इससे चित शांत रहता है।
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इस
सप्ताह
कहानियों में
यू एस ए से नीलम जैन की
कहानी
प्रश्न
दोपहर के खाने के बाद से
ही स्त्रियां घर आने लगीं थीं। मां ने सबको चेता
दिया था कि गाना गाने को तैयार लड़कियों को ही
झूले पर पींग की प्राथमिकता मिलने वाली है। तीज के
इस झूले पर दोदो व्यक्ति एक साथ आमने सामने
अपने पैर सामने वाले की पटड़ी पर सटा कर बैठ सकते
हैं। दोनों तरफ़ एकएक लड़की खड़ी हो कर सावन के
गीत गाते हुए झुला देतीं। बाकी सभी मेहमान घेरे
में खड़ी हंसी ठिठोली करती गा रहीं थीं और बीचबीच
में चाट, भजिया, शरबत और चाय का दौर चलता। कुछेक
स्त्रियां गानों पर नाच रहीं थी। मां को यह सब
धूमधाम बहुत भाती है और वो खुद भी बढ़ चढ़ कर
गीत गाने की इस रूमानी ऋतु का श्रीगणेश करतीं।
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मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
अंतिम
विदाई हो तो ऐसी
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बड़ी
सड़क की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
एन
आर आई होने का अहसास
°
रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
सोलहवां भाग
रूबाई
°
रसोईघर
में
पुलावों की सूची में नया
व्यंजन
ज़ाफ़रानी
पुलाव
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सप्ताह का विचार
समय
परिवर्तन का धन है। परंतु घड़ी उसे केवल परिवर्तन के रूप
में दिखाती है, धन के रूप में नहीं।
रवींद्रनाथ ठाकुर
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अनुभूति
में
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स्वतंत्रता दिवस के
अवसर पर
देशभक्ति की भावना से भरपूर कविताओं का संकलन
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
चीजू
का पातालप्रमोद कुमार तिवारी
गुनहगारसुषम बेदी
फर्कसूरज
प्रकाश
मुक्तिप्रत्यक्षा
शर्ली
सिंपसन शुतुर्मुर्ग हैउषा राजे सक्सेना
बदल
जाती है ज़िन्दग़ीअर्चना पेन्यूली
°
हास्य
व्यंग्य में
कुताअरूण राजर्षि
प्रवासी
से प्रेमडा प्रेम जनमेजय
बहुसंख्यक
होने का अर्थडा नरेन्द्र कोहली
हे
निंदनीय व्यक्तित्वअशोक स्वतंत्र
मानवाधिकारडा नरेन्द्र कोहली
°
महानगर
की कहानियों में
कमल चोपड़ा की लघुकथा
खेलने
के दिन
°
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव ने परखा
'भारत संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय' के
हिन्दी
सॉफ्टवेयर उपकरण
°
सामयिकी
में
प्रेमचंद जयंती के अवसर पर
डा जगदीश व्योम की जांचपड़ताल
प्रेमचंद
'मुंशी' कैसे बने
°
आज
सिरहाने
कृष्णा सोबती का उपन्यास
समय
सरगम
°
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव के
सहयोग से
लिनक्स आया हिंदी में
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प्रकृति
और पर्यावरण में
आशीष गर्ग द्वारा
नवीनतम जानकारी
वर्षा के पानी का संरक्षण
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