पिछले
सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी का
आलेख
कौन
किसका बाप
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रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
दूसरा भाग
काफ़ियों
के दोष व निराकरण
°
प्रौद्योगिकी
में
विजय प्रभाकर कुंबले द्वारा
जानकारी
मशीनी
अनुवाद
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विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप का नया लेख
रोबॉट्स
और अंतरिक्ष की खोज
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कहानियों
में
भारत से विनीता अग्रवाल की कहानी
खाल
परिवार में
मेरे साथ मां रहती है। वह मुझे बेहद चाहती है प्राण
समान हृदय से लगाकर रखती है। चार दिन पहले की दोपहर
मैंने
उस मकान को छोड़ दिया। मैं जूठी थाली बिस्तर पर
छोड़ कर चला आया था। भोजन के वक्त मेरा जाहिलों
सा आचरण प्रदर्शित करते सागभात के अधखाए कण बिस्तर की
चादर पर बिखरे होंगे। उस वक्त मां ने मुझको रोका
नहीं था पर अब भीगी आंखों से वह उन्हें समेट रही
होगी। वह उन्हें इकठ्ठा कर एक संकरे मुंह और गहरे पेंदे
वाले एक मर्तबान में भरेगी और बाहर 'पोर्टिको' में
बारजे पर रख देगी। फिर पड़ौसियों से कहती फिरेगी,
"अगर झूठन पक्षी नहीं खाते हैं तो सुधाकर वापस आ
जाएगा . . ."
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इस
सप्ताह
साहित्य
संगम में
मीना काकोडकर की कोंकणीं कहानी
का
हिंदी रूपांतर
ओ
रे चिरूंगन मेरे
रात
को अकेले ही बिछौने पर लेटा और मुझे रूलाई आ
गई। अंधेरे में हाथ लंबा कर के मैंने यूंही इधर
उधर टटोल कर देखा, मां नहीं थी। कम से कम पिताजी
तो मुझे अपनी बगल में सुला लें, इस आशा से
पिताजी को पुकारने के लिए मैंने मुंह खोला। पर
मुझे उनके रोने की सी आवाज़ आई। उन्हें भी मां
की याद आती होगी, यह सोच कर मैं हिचकहिचक कर
रोने लगा। मांऽऽ ऐसा आक्रोश कर के मैं धम्म से
पिताजी के बिछौने पर आ धमका। उन्होंने मुझे कस के
गले लगाया। मैंने भी उन्हें बांहों में जकड़ा।
उनके आंसू मेरे गालों पर टपकने लगे। वे मुझे
सहलाते रहे। जैसे कि मेरी मां सहलाती थी।
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हास्य
व्यंग्य में
डा नरेन्द्र कोहली का
फंदा
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रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
तीसरा भाग
अंदाज़े
बयां
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प्रकृति और
पर्यावरण में
राजेंद्र प्रसाद सिंह
का आलेख
भोजपुरी
में नीम, आम और जामुन
°
फुलवारी
में
आविष्कारों
की कहानी में : वायुयान
और शिल्पकोना में
मां
के लिए सपनों का नगर
°
सप्ताह का विचार
अच्छी
योजना बनाना बुद्धिमानी का
काम है पर उसको ठीक से पूरा
करना
धैर्य और परिश्रम का।
कहावत
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अनुभूति
में
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कमलेश भट्ट
'कमल'
प्रमोद कुमार कुश 'तनहा' तथा
सुनील जोगी की
नयी
कविताएं
साथ ही संकलन
ममतामयी
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
बहुरि अकेला मालती जोशी
वापसीसुरेशचंद्र शुक्ल
हीरोसूर्यबाला
यादों की अनुभूतियांकमला सरूप
हो लीस्वदेश राणा
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हास्य
व्यंग्य में
हमारी साहित्य गोष्ठियांविजय ठाकुर
कानूननप्रमोद राय
कट्टरताडा नरेन्द्र कोहली
दौराडा निशांत कुमार
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हास्य
व्यंग्य में
रामेश्वर दयाल काम्बोज
'हिमांशु' का
ट्यूशन
पुराण
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नगरनामा
में
वाराणसी का नगर वृतांत
प्रो .य .गो .जोगलेकर की कलम से
कुल्हड़,
कसोरा और पुरवा
°
रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के
धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
पहला भाग ज़मीने
शे'र
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आज
सिरहाने
गिरिराज किशोर का उपन्यास
पहला
गिरमिटिया
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चित्र लेख में
आकाश की छवियों पर आधारित लेख
दिन की अगवानी
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साक्षात्कार में
कथाकार तेजेन्द्र शर्मा
की मधुलता अरोरा से बातचीत
°
बड़ी
सड़क की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
गड्डी
जांदी है छलांगा मारती
°
रसोईघर
में
शाकाहारी मुगलई के अंतर्गत नया
व्यंजन
शामी
कवाब
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