पिछले सप्ताह
संस्मरण
में
अतुल अरोरा के साथ पहली
हवाई यात्रा
बड़ी
सड़क
की तेज़ गली में °
महानगर
की कहानियां में
अंतरा करवड़े की लघुकथा
प्रेम
°
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
शरद
जोशी : पानी में तेल की बूंद
°
रसोईघर
में
शाकाहारी मुगलई के अंतर्गत नया
व्यंजन
भरवां
टमाटर
°
कहानियों
में
भारत से कमल कुमार की कहानी
वेलेंटाइन
डे
ट्रैफिक धीमी गति से रूकरूक कर
खिसक रहा था। दुकानें अभी खुली थीं। दुकानों पर और
सड़कों की पटरियों पर अनेकानेक वस्तुएं सजी थीं।
ख़रीदने वालों और बेचने वालों की भीड़भाड़
और चहलपहल थी। दुकानों पर और सड़कों के
बीचोबीच दिल के आकार के गुब्बारों, रंगबिरंगे
चमकीले कागज़ों की लतरें बड़ेबड़े पोस्टर और
बैनर चिपकाए और लटकाए गए थे। छोटेबड़े रेस्तरां
में खूब भीड़ थी।युवा लड़केलड़कियां
हाथों में हाथ डाले और गलबहियां डाले चुस्त
कपड़ों में सजेसंवरे रेस्तरां के बाहर अंदर,
दुकानों पर सड़कों पर, पटरियों पर घूम रहे थें, या
रूके हुए थे एक दूसरे में खोए हुए। एक अजीबसा
अपरिचित वातावरण था।
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इस
सप्ताह
कहानियों
में
भारत से श्रीनाथ की कहानी
उपहार
तभी सुधा की आहट
सुनाई दी। वह सीढ़ियों से बाहर निकलकर खामोशी से
मेरी बगल में आकर खड़ी हो गई। अंधेरेउजाले की
आंखमिचौनी पलभर के लिए थमसी गई। सुधा ने बड़ी
आत्मीयता से मेरी ओर देखकर कहा, "अरे, यहां अंधेरे
में बैठेबैठे क्या कर रहे हैं? शाम को भी उखड़ेउखड़े
नज़र आ रहे थे। यह आपको अचानक क्या हो जाता है?"
फिर, जैसे उसे मेरे जवाब की ज़रूरत न हो, हाथ बढ़ाकर
लाल रंग का डिब्बा मेरे आगे करती हुई बोली, "ज़रा
इसे खोलकर तो देखिए। बाज़ार में एक चीज़ पसंद आ गई
थी।" सुधा के स्निग्ध स्वर का जादुईपन मेरे लिए
सर्वथा अपरिचित था।
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हास्य
व्यंग्य में
महेश
चंद्र द्विवेदी की कलम से
कुते
का गला
°
रचना
प्रसंग में
दीपिका जोशी के बहुमूल्य सुझाव
टाइप
करते समय याद रखें
°
आज
सिरहाने
अमरीकी भारतीय लेखकों का संकलन
दिशांतर
°
साहित्यिक
निबंध
के अंतर्गत डा सत्यव्रत वर्मा का आलेख
केरल
का हिन्दी कविः
स्वाति तिरूनाल
°
!सप्ताह का विचार!
जिस
प्रकार थोड़ी सी वायु से आग भड़क उठती है, उसी प्रकार
थोड़ी सी मेहनत से किस्मत चमक उठती है।
अज्ञात
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अनुभूति
में
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दो
नए प्रवासी कवि
यूके और आस्ट्रेलिया से
साथ ही हाइकू तथा
काव्यसंगम में नई रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
अपने
को संभालनागुरूदीप खुराना
ईमेलइला प्रसाद
कोना
झरी केतलीसंतोष गोयल
अंतिम
यात्रानीलम जैन
हवन
शेषसुषम बेदी
रूख़सानाउषा राजे
सक्सेना
°
हास्य
व्यंग्य में
खुदाईनरेन्द्र कोहली
नया साल कुछ ऐसा होसूरज प्रकाश
नव
वर्ष का अभिनंदननीरज त्रिपाठी
°
दृष्टिकोण
में
दिनकर कुमार का आलेख
हिंदी
लेखक दयनीय क्यों
°
रचना
प्रसंग में
डा जगदीश व्योम का जानकारीपूर्ण लेख
हिन्दी
में हाइकु कविता
° फुलवारी
में
आविष्कार की
नई कहानियां
और
शिल्पकोना में मिल कर बनाएं
शेर
का मुखौटा
°
सामयिकी
में
गणतंत्र दिवस के अवसर पर
विशेष
तूफ़ान
हूं मैं आज़ाद रहूंगा
°
प्रौद्योगिकी
में
रविश्ांकर
श्रीवास्तव का आलेख
आइए
यूनिकोड के साथ चलें
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विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप की नज़र से
2004
की प्रमुख वैज्ञानिक
उपलब्धियां भाग1
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