पिछले सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
नरेन्द्र कोहली की व्यंग्य
रचना
खुदाई
°
दृष्टिकोण
में
दिनकर कुमार का आलेख
हिंदी
लेखक दयनीय क्यों
°
रचना
प्रसंग में
डा जगदीश व्योम का जानकारीपूर्ण लेख
हिन्दी
में हाइकु कविता
° फुलवारी
में
आविष्कार की
नई कहानियां
और
शिल्पकोना में मिल कर बनाएं
शेर
का मुखौटा
°
कहानियों
में
भारत से गुरूदीप खुराना की कहानी
अपने
को संभालना
चंदर अपने काम में बुरी तरह
मसरूफ़ था। वह एक स्लाइड उठाता, उसे रोशनी
के आगे
आकर देखता फिर अपनी कॉपी में कुछ नोट करता जाता। वह कल
होने वाली प्रस्तुति के लिए साथसाथ बोलने के
लिए वाक्य तैयार कर रहा था। यों तो
उसका पेपर और
पारदर्शियों की नकल,
एक पुस्तिका की शक्ल में तैयार हो
चुकी
थी लेकिन हर स्लाइड की प्रस्तुति के साथ जो कुछ
बोलना ज़रूरी होता है, उसका शब्दचयन वह पहले
से कर रहा था। वैसे भी यह मौका बरसों के बाद आ
रहा है। पिछले कई महीनों से वह इस तैयारी में जुटा
हुआ था। मीरा आई। बोली,
"खाना ठंडा हो रहा है।"
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इस
सप्ताह
कहानियों
में
भारत से कमल कुमार की कहानी
वेलेंटाइन
डे
ट्रैफिक धीमी गति से रूकरूक कर
खिसक रहा था। दुकानें अभी खुली थीं। दुकानों पर और
सड़कों की पटरियों पर अनेकानेक वस्तुएं सजी थीं।
ख़रीदने वालों और बेचने वालों की भीड़भाड़
और चहलपहल थी। दुकानों पर और सड़कों के
बीचोबीच दिल के आकार के गुब्बारों, रंगबिरंगे
चमकीले कागज़ों की लतरें बड़ेबड़े पोस्टर और
बैनर चिपकाए और लटकाए गए थे। छोटेबड़े रेस्तरां
में खूब भीड़ थी।युवा लड़केलड़कियां
हाथों में हाथ डाले और गलबहियां डाले चुस्त
कपड़ों में सजेसंवरे रेस्तरां के बाहर अंदर,
दुकानों पर सड़कों पर, पटरियों पर घूम रहे थें, या
रूके हुए थे एक दूसरे में खोए हुए। एक अजीबसा
अपरिचित वातावरण था।
°
महानगर
की कहानियां में
अंतरा करवड़े की लघुकथा
प्रेम
°
संस्मरण
में
अतुल अरोरा के साथ पहली
हवाई यात्रा
बड़ी
सड़क
की तेज़ गली में ° मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
शरद
जोशी : पानी में तेल की बूंद
°
रसोईघर
में
शाकाहारी मुगलई के अंतर्गत नया
व्यंजन
भरवां
टमाटर
°
!सप्ताह का विचार!
अनुभव
की पाठशाला में जो पाठ सीखे जाते हैं, वे पुस्तकों और विश्वविद्यालयों
में नहीं मिलते।
अज्ञात
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अनुभूति
में
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प्रेम
कविताओं के
दो विशेष
संकलन
और
युवा कवियों की
सहज रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
ईमेलइला प्रसाद
कोना
झरी केतलीसंतोष गोयल
अंतिम
यात्रानीलम जैन
हवन
शेषसुषम बेदी
रूख़सानाउषा राजे
सक्सेना
खरोंचसुकेश
साहनी
°
हास्य
व्यंग्य में
टाईनरेन्द्र कोहली
नया साल कुछ ऐसा होसूरज प्रकाश
नव
वर्ष का अभिनंदननीरज त्रिपाठी
°
सामयिकी
में
गणतंत्र दिवस के अवसर पर
विशेष
तूफ़ान
हूं मैं आज़ाद रहूंगा
°
प्रौद्योगिकी
में
रविश्ांकर
श्रीवास्तव का आलेख
आइए
यूनिकोड के साथ चलें
°
विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप की नज़र से
2004
की प्रमुख वैज्ञानिक
उपलब्धियां भाग1
°
परिक्रमा
में
दिल्ली दरबार से भारत की प्रमुख
घटनाओं पर बृजेश कुमार शुक्ला की रपट
पुनरावलोकन
2004
° आज सिरहाने
में
गौतम सचदेव के
व्यंग्य संग्रह सच्चा
झूठ से परिचय करवा
रहे हैं ललित
मोहन जोशी
°
संस्मरण
में
डा सत्यभूषण वर्मा की
डायरी से जापान
यात्रा का एक सरस अंश
हाइकु
कविताओं के देश में
° पर्व परिचय
में
भारतीय पर्वो की जानकारी के लिए
पर्व पंचांग2005
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