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स्वतंत्रता
दिवस के अवसर पर
डा सी पी त्रिवेदी की
कलम से
सांस्कृतिक
विरासत का अंग
अशोक स्तंभ
तथा
सुनील मिश्र की कलम से
महेन्द्र
कपूर : देशराग के अनूठे गायक
° उपहार
में
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं
के साथ
नया जावा आलेख
सारे
जहां से अच्छा
हिन्दोस्तां हमारा
और
पुराने अंक से
विजयी
विश्व तिरंगा प्यारा
°
वैदिक
कहानियों में
डा रति सक्सेना बता रहीं हैं
उषा
और मरूत
के विषय में
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कहानियों में
भारत से देवेन्द्र सिंह की कहानी
मौखिकी कैलाश सिंह के पिता बाबू बमशंकर
सिंह की बहुत इच्छा थी कि उनका बेटा अंग्रेजी बोलने वाला ठेकेदार
बने, क्योंकि वह स्वयं ठीक से हिंदी भी नहीं बोल सकते थे और
यही कारण है कि उन्होंने अपनी मातृभाषा अंगिका को ही अंगिया
लिया था। यह दीगर बात है कि इससे उनको लाभ ही हो गया था। वह
जब ऑफिसोंअफसरों से खांटी, मुहावरेदार तथा गालियों से
अलंकृत अंगिका में 'डील' करते थे तो काम दनादनदनादन निकलता
जाता था। मगर यह तो उपरली बात है। भीतरली बात यह है कि उनको
अंग्रेजी बोलने वाले ठेकेदार अधिक भाते थे और इसीलिए वे
कैलाश सिंह को बचपन से ही वैसी शिक्षा दिलाने के लिए सचेष्ट
थे।
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अभिव्यक्ति चार
साल की
अनहद खुशी है
अभिव्यक्ति पांचवे वर्ष में
प्रवेश कर रही है
आशा है
उम्मीद है
ये कारवां
हंसता हुआ
खुशी के गीत गाता हुआ
बढ़ता रहे . . .
जन्मदिन
मुबारक . अभिव्यक्ति ! |
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कहानियों में
भीष्म
साहनी की कहानी
झूमर
क्या मालूम उस रोज अर्जुनदास,
बंगाल के दुर्भिक्ष से जुड़े अभिनय को देखने हॉल में अचानक
प्रवेश नहीं कर जाता तो कभी इस रास्ते आता ही नहीं। क्या मालूम
हॉल में
अर्जुनदास के सामने बैठी युवती ने अगर सोने के
झूमर उतारकर उस अभिनेता की झोली में नहीं डाल दिए होते तो उसकी
जिंदगी का कांटा नहीं बदलता। कौन जाने? क्या मालूम जिंदगी का
कांटा बदलने के लिए कोई और कारण बन जाता।
सामयिकी
में
मधुलता अरोरा का आलेख
डाकटिकटों में बखानी
तिरंगे की कहानी
हास्य
व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी का की रचना
लॉ एण्ड आर्डर
आज
सिरहाने में
एस आर हरनोट के नये उपन्यास
हिडिम्ब
का परिचय दीपिका जोशी
के शब्दों में
सप्ताह का विचार
सर्वसाधारण जनता की उपेक्षा एक
बड़ा राष्ट्रीय अपराध है।
स्वामी
विवेकानंद |
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अनुभूति
में
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संकलन
' मेरा देश',
चंद्रसेन विराट,
विजय प्रभाकर कांबले, चांद शेरी और हलीम आईना की
नई रचनाएं
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° पिछले अंकों से°
कहानियों में
कोसी
का घटवारशेखर जोशी
अनोखी
रातविद्याभूषण धर
एक
और कुआनासंतोष गोयल
सलाखों
वाली खिड़कीविनीता अग्रवाल
कनुप्रियाशैल अग्रवाल
दफ्तर(उपन्यास
अंश)विभूति नारायण राय
°
नगरनामा
में
त्रिवेन्द्रम से रति सक्सेना का नगर वृतांत
आसमान
की ओर
बाहें
उठाए
सागरी झीलों का शहर
°
स्वास्थ्य संदर्भ में
स्वाद और स्वास्थ्य के
अंतर्गत,
स्वास्थ्य से भरपूर
सुगंधित
पत्तियों का
संसार
दीपिका जोशी की कलम से
°
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के
मंच संस्मरण
धूमिल
ने पूछा भूख क्या होती है
°
फुलवारी में
जंगल के पशु श्रृखला के अंतर्गत
भेड़िये के विषय में जानकारी,
कविता
भेड़िया
और
रंगने लिए
चित्र
°
विज्ञान वार्ता में
मोबाइल और माइक्रोवेव
अॅवन के
बारे में
डा गुरूदयाल प्रदीप की चेतावनी
सावधान! खतरों की भी है संभावना
°
प्रौद्योगिकी में
विश्वजाल पर हिंदी चिठ्ठों के
विषय में रविशंकर श्रीवास्तव का आलेख
अभिव्यक्ति का नया माध्यम : ब्लॉग
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महानगर की
कहानियों में
डा सुरेशचंद्र शुक्ल
'शरद आलोक'
की लघुकथा
दोहरा दान
°
परिक्रमा
में
लंदन पाती के अंतर्गत
यूके की साहित्यिक गतिविधियों पर शैल अग्रवाल
सुर
सावन
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