कथा
महोत्सव
2002
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प्रवासी भारतीय लेखकों
की कहानियों के संकलन
वतन से दूर
में प्रस्तुत है
कुवैत से दीपिका जोशी की कहानी
सदाफूली
दिन
के पंछी उड़ते देर तो लगती नहीं, दो महीने बीत गये . . .आज कल
तृष्णा ज्यादा नज़र नहीं आती थी। वासंती भी थोड़ी अलग– थलग रहने
लगी थी। राजन से इस का जिक्र तो नहीं किया लेकिन यह बात जुही को
खलती जरूर थी। शांति–सी छा गयी थी।
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त्रिनिडाड से प्रेम जनमेजय की कहानी
क्षितिज पर उड़ती
स्कार्लेट आयबिस
श्रुति ने काटने को आते अकेले घर की
चुप्पी पर ताला जड़ा। गॅरेज में खड़ी अपनी मन पसन्द कार, होंडा
एकार्ड का दरवाजा खोला, उसे बैक गेयर में डाला। रिमोट से मेन गेट
खोला और कार को धीरे–धीरे सड़क पर सरका दिया।
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सामयिकी
में
दो अक्तूबर गांधी जयंती के अवसर
पर प्रणय पंडित का लेख
गांधी जी के
अहिंसक परमाणु बम का
परीक्षण स्थल
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत
यूरोप की आब–ओ–हवा में लिपटे
शैल अग्रवाल के
चलते चलते–शब्द चित्र
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धारावाहिक में
अभिज्ञात की आत्मकथा
तेरे बगैर
की अगली किस्त
शाप मुक्ति के लिये
हिन्दी दिवस
पर
यू के से आशीष गर्ग की प्रतिक्रिया
भारतीय भाषाओं के विकास के लिये हम और सूचना प्रौद्योगिकी क्या कर सकते हैं
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सप्ताह
का विचार
कष्ट
ही तो वह प्रेरक शक्ति है जो मनुष्य को कसौटी पर परखती है और आगे
बढाती है ।
— सावरकर
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फुलवारी में
सितारों की दुनियां के
अंतर्गत
बुद्ध ग्रह
के बारे में बता रही हैं इला प्रवीन
साथ में कविता
भरे पटाखे रावण में
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अनुभूति
में |
राष्ट्रपिता को
समर्पित
कविताओं का संक्षिप्त संकलन 'तुम्हें नमन'
रोज एक नयी कविता के साथ |
पिछले
अंक से-
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परिक्रमा में —
दिल्ली दरबार
के अंतर्गत भारत से
बृजेशकुमार शुक्ल कानया
करिश्मा
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कनाडा कमान के अंतर्गत सुमन घई
की कलम से
टोरोंटो में "पैनोरामा"
का उत्सव
— हिन्दी दिवस —
के अवसर पर विशेष आलेखों में
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यू एस ए से अजय कुलश्रेष्ठ का लेख
भारत की भीषण भाषा
समस्या और
उसके संभावित समाधान
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भारत से सुधा अरोड़ा का लेख
'राजभाषा' को 'राज' के
चंगुल से
आजाद कर उसे 'जन' भाषा बनाइए
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हास्य
व्यंग्य में
त्रिनिडाड से प्रेम जनमेजय का व्यंग्य
माथे की बिंदी
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उन्नीसवें अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन की विस्तृत रपट
त्रिनिडाड में
त्रिदिवसीय अंतर्राष्ट्रीय हिन्दी सम्मेलन
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कहानियों में
गौरव गाथा में
डा सूर्यबाला की
कहानी
आखिरवीं विदा
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महानगर की कहानियाँ में
सूरज प्रकाश की लघुकथा
बीच का रास्ता
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रसोईघर में
सदाबहार
खीर और
उपमा
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संस्मरण में
हिमालय की यात्रा और
आध्यात्म की तलाश में
सुनंदा भाभी
के संस्मरण अम्बरीश मिश्रा द्वारा
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