पिछले
सप्ताह
1
हास्य व्यंग्य में
डा नरेन्द्र कोहली का
जनतंत्र
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संस्मरण
में
अनूप शुक्ल व शोभा स्वप्निल की रचना
पार्षद
और झंडा गीत
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सामयिकी
में
कन्हैयालाल चतुर्वेदी का आलेख
क्रांतिकारी
घटना का साक्षी
वह
बरगद
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फिल्मइल्म
में
अजय
ब्रह्मात्मज की पड़ताल
हिंदी
फिल्मों
में
राष्ट्रीय
भावना
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कहानियों में
भारत से अलका पाठक की कहानी
फोकस
जब सारे मुल्क पर आज़ादी
का पचासवां साल मियादी बुखारसा लगा हो, ऐन
उसी मौके पर ज्ञान बाबू की आंखें मैदान में लगी
मूर्ति पर जा डटीं। ठीक पहाड़ के बीच,
नदी-घाटी-झरने के संयोग वाले चाय के खोखे पर
गरमागरम चाय सुड़कते हुए। जो मूर्ति वहां
वर्षों से थी, बस ज्ञान बाबू ने तभी देखी थी।
मूर्ति के बारे में कबूतर और कौओं की तरह चाय वाला
छोकरा
बहादुर भी अनजान था। ज्ञान बाबू ठहरे
मीडिया के आदमी, गिद्ध से भी तेज़ निगाह के मालिक
हैं। चाय का कुल्हड़ बहुत दूर फेंक मारा। दूर की कौड़ी
जो हाथ लगी थी। कैमरा, वीड़ियो के ताम-झाम के
संग उसी पहाड़ी गांव में घुस गए।
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इस
सप्ताह
1
कहानियों में
भारत से दीपक शर्मा की कहानी
गुलाबी
हाथी
"देखिए" स्त्रीस्वर ने
कहा, "अभी दो दिन पहले की बात है। घड़ी में ऐसे ही
बारह बज कर तेरह मिनट हो रहे थे जब इसी हावड़ा मेल में
एक हादसा हुआ था।"
"कैसा हादसा?" मैं कांपने लगा।
धामपुर से एक दंपति हावड़ा मेल में सवार हुए थे,
पंद्रह और सत्रह नंबर वाले . . .
"वे दोनों बर्थ उस दिन खाली गए थे," मैं मुकर
गया, मेरे पास रिकार्ड है, पूरा रिकार्ड "आप याद
करिए। पुरूष के पास एक रिवाल्वर था और लेडी सवारी के हाथ
का बटुआ सुनहरा था सोने की तरह चमकीला . . ."
"कतई नहीं," मैं फिर मुकर लिया।
"मैं नहीं मानती," स्त्रीस्वर ने परिचिता की
आकृति धारण कर ली . . .
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हास्य व्यंग्य में
गुरमीत बेदी ने पता लगाया कि
बंदरों
ने किताबें क्यों फाड़ी!
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साहित्य
समाचार में
जापान से विशेष रपट
टोक्यो
में अंतर्राष्ट्रीय हिंदी सम्मेलन
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चिठ्ठापत्री
में
चिठ्ठापंडित की पैनी नज़र
जुलाई
माह के चिठ्ठों पर
°
श्रद्धांजलि
में
उस्ताद
बिस्मिल्लाह खां से परिचय
और
एक
महत्वपूर्ण साक्षात्कार
सप्ताह का
विचार
जैसे
जलता हुआ एक सूखा पेड़ पूरा वन जला देता है, वैसे ही एक
कुपुत्र पूरा कुल नष्ट कर देता है।चाणक्य
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नचिकेता,
प्रियव्रत चौधरी, राजेन्द्र चौधरी, सजीवन मयंक और
भूपेंद्र कुमार दवे की नयी रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
मुंबई
टु सतपुड़ापुष्यमित्र
तुम
सच कहती होअभिरंजन कुमार
चाहडॉ शैलजा सक्सेना
रक्तदाननितिन
उपाध्ये
ज़िंदगी
जहां शुरू होती हैरवींद्र बत्रा
फुटबॉलपद्मा
सचदेव
°
हास्य
व्यंग्य में
राजनीति
और मूंछराजेन्द्र त्यागी
धूप
का चश्मासंतोष खरे
इटली
के लड्डूगुरमीत बेदी
भगौने
में चम्मचप्रतिभा
सक्सेना
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पर्व परिचय में
9 अगस्त रक्षाबंधन के
अवसर पर
मनोहर पुरी की कलम से बंधा
प्यारा
सा बंधनरक्षाबंधन
°
घर
परिवार में
अर्बुदा ओहरी के सुझाव
दमदार
रहें दिनभर के लिए
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रसोईघर
में
माइक्रोवेव अवन में पकाएं
आलू
टमाटर हरे प्याज वाले
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महानगर
की कहानियों में
सुभाष नीरव की लघुकथा
मकड़ी
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पर्यटन
में
मनीष कुमार के साथ चलें
सिक्किम
के सफ़र पर
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फुलवारी
में
देश देशांतर में जानकारी की बातें
अर्जेन्टीना,
ब्राज़ील और पेरू
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