'ऑफ़िस और
घर के बीच भाग दौड़' आम बात है आजकल के कामकाजी लोगों के
लिए। अपने लिए वक्त कम और तेज़ रफ़्तार जिंदगी। ऐसे में १६
घंटे लगातार दमदार दिल और दिमाग़ से काम में लगे रहना . .
.बिलकुल असंभव। तो फिर लंबे दिन और आफ़िस ड्यूटी पर खुद को
दिन भर दमदार कैसे रखा जाए? सवाल टेढ़ा है पर ये हैं कुछ
आसान तरीके जिनको आज़माने पर तरोताज़गी की नयी दुनिया को
पाया जा सकता है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ
रास्ते ऐसे ज़रूर हैं
जिन पर चल कर हम अपना दमख़म बढ़ा सकते हैं।
आत्मविश्वास की ओर :
दिन
के १६ घंटे ताज़गी भरे बिताना है तो यकीन मानिए कि सोचने
मात्र से भी ऐसा किया जा सकता हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि
यदि हम अपने बाल्यकाल में तंदुरुस्त और स्फूर्त थे तो इसकी
याद हमारे अवचेतन मन
में सुप्त अवस्था में रहती है। तो बस थोड़ी कसरत कर इस याद
को जगाएँ और फिर से वैसे ही बन जाएँ।
आराम का अभ्यास :
दमदारी को बढ़ाने का यह सबसे अच्छा तरीका है। जिम में कसरत
के समय कार्डियो उपकरण पर ध्यान दें। कसरत के बीच आराम का
अभ्यास करें। कसरत और आराम के बीच का अनुपात १:२ का होना
चाहिए। उदाहरण के लिए यदि ३० सेकंड तेज़ साइकिल चलाते हैं
तो १ मिनट तक धीमी साइकिल चलानी चाहिए।
वज़न घटाएँ :
वज़न घटाने से चुस्ती–फुर्ती महसूस होती है। रोज़
व्यायाम करें और साथ ही साथ कुछ वज़न उठाने का भी अभ्यास,
सीढ़ियाँ चढ़ें या घर का कुछ काम खुद निबटा लें। इससे
निश्चित रूप से ज़्यादा कैलोरी नष्ट होंगी और आप खुद को
महसूस करेंगे दमदार।
बिना पके फल और सब्ज़ियाँ :
बिना पकी सब्ज़ियों
में एंजाइम होते हैं जो हमारे शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए
रखते हैं। खाद्य विशेषज्ञ गिलियन मेकेथ के
अनुसार कच्चे भोजन
पदार्थ शरीर में कार्य करने की क्षमता को बढ़ाते हैं। गाजर,
टमाटर, खीरा और तरबूज़ कम कैलोरी वाले होते हुए भी
विटामिनों से भरपूर हैं। तो खाने में सलाद होना ज़रूरी है।
पानी पानी रे :
पानी की कमी होते ही शरीर का ऊर्जा स्तर बुरी तरह से
प्र्रभावित होता है। इसलिए खूब पानी पीते रहें। और हाँ,
यदि ४५ मिनट से ज़्यादा व्यायाम करते हैं तो पानी के अलावा
कुछ 'स्पोर्ट ड्रिंक' भी पीने वाली सूची में शामिल करें।
जल्दी सोएँ जल्दी उठें :
सप्ताह भर की भागदौड़ का असर छुट्टी पर पड़ता है इसलिए जल्दी
सोएँ, अपनी नींद की खुराक़ हर रोज़ पूरी करें और छुट्टी के
दिन आलस छोड़ कर दिन भर को मस्ती के नाम कर दें।
तरोताज़ा दिमाग़ :
याद रखें— दिमाग़ की ताकत ही सबसे बड़ी है। इस ताकत का भान
हमको तब होता है जब हमारा शरीर तो थका हो पर दिमाग़ अपने
काम में एकाग्र हो। अपनी एकाग्रता बढ़ाने के लिए ध्यान और
प्राणायाम को व्यायाम में शामिल करें।
तनाव से दूर :
देर तक कंप्यूटर पर
काम करने से सिर या कंधों के दर्द की शिकायत रहना आम बात
है। आप अपनी मांसपेशियों पर थोड़ी मालिश करें। हर दो घंटे
के बाद ५ मिनट को कंप्यूटर पर से उठ जाएँ और बैठते समय पीठ
ठीक से कुर्सी की पीठ के साथ सीधी रखें, निश्चित रूप से
राहत मिलेगी।
'भारी भोजन' ना भई ना :
भोजन पचाने में बहुत ऊर्जा लगती है। मेकेथ के अनुसार भारी
भोजन को पेट में रखना बदहज़मी जैसी बीमारियों को जन्म देता
है, साथ ही शरीर का ऊर्जा स्तर भी गिरता है। इसलिए दिन में
तीन बार भोजन करने से बेहतर छः बार हल्का नाश्ता करने की
सलाह दी जाती है। ऐसा करने से शरीर का शर्करा स्तर भी
स्थिर रहता है।
आराम भी
ज़रूरी : जी हाँ, यह
कुंजी है आपकी क्षमता की। सोना ही काफ़ी नहीं। उसके
अतिरिक्त भी शरीर को आराम की ज़रूरत होती है इसलिए बेयर्ड
की सलाह है कि आप सप्ताह में एक या दो दिन कसरत बंद रखें।
अपने शरीर को आराम दें।
रोज़ परीक्षा :
अपनी क्षमताओं पर नज़र रखें। हो सके तो एक हार्ट रेट मॉनीटर
ख़रीदें। जिम में ट्रेनर बता सकता है कि आप ज़्यादा तेज़ी
से व्यायाम कर रहे या धीमे हैं पर इस छोटे उपकरण से अपना
रेकार्ड खुद रखा जा सकता है। यह आमतौर पर फिटनेस वाली
दूकानों पर आसानी से मिल जाता है।
दमदार भोजन
:
शर्करा, वसायुक्त
मांस, डिब्बाबंद भोजन व कृत्रिम मिठास वाले पदार्थों से
जितना संभव हो, बचें क्योंकि ये सब हमारे शरीर की सुरक्षित
ऊर्जा को ख़त्म करके असंतुलन पैदा करते हैं। इसलिए जहाँ तक
हो सके भोजन को उसके प्र्रकृतिक रूप में ही ग्र्रहण करें
और कुछ मसाले जैसे दालचीनी व मेथी रोेज़ खाएँ ये
रक्त–शर्करा को संयमित रखेंगे और शरीर में ऊर्जा को भी
बनाए रखेंगे। साबुत दालों और चोकर वाले आटे की रोटी को
भोजन में स्थान दें।
बाहरी सहयोग
:
बूट्स हेल्थ क्लब व
सप्लिमेंट की विशेषज्ञ डा .एन वाकर की सलाह है कि मिनरल के
साथ मल्टी विटामिन लेने से हमारे शरीर के विभिन्न तंत्रों
को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। यदि हमारे भोजन से कुछ
आवश्यक पोषक हमें नहीं मिल रहे तो मल्टी विटामिन उसकी कमी
को पूरा कर देते हैं। इसलिए अपने डाक्टर की सलाह से इन्हें
भोजन में शामिल करें।
व्यायाम के
बाद :
सब्ज़ियों का रस पिएँ
क्योंकि व्यायाम के तुरंत बाद हमारी कोशिकाएँ ग्लूकोज़ व
कार्बोहाइड्रेट को स्वीकार करने के लिए तैयार हो जाती हैं।
हालांकि व्यायाम के बाद कुछ भी खाने पीने की इच्छा नहीं
होती पर फिर भी थकान दूर करने वाले ताज़े रस पीने की सलाह
दी जाती है। चाहें तो थोड़ा सा पानी मिला कर मिक्सी में
स्मूदी बना लें। हल्का नमक और काली मिर्च स्वाद के लिए
मिला लें। हाँ, मीठे की बजाय नमकीन भोजन करें जिससे शरीर
में सोडियम व पोटेशियम का संतुलन बना रहे।
नाश्ते में
:
फल और मेवा खाएँ। फल
ऊर्जा का बहुत अच्छा स्रोत हैं। व्यायाम से पहले और बाद
में फल खाकर ऊर्जा को नष्ट होने से बचाया जा सकता हैं।
फलों द्वारा मिली ऊर्जा लगभग एक घंटे तक शरीर में रहती है
और इसको पचाने में भी शरीर की ज़्यादा शक्ति खर्च नहीं
होती। सामान्यतः फलों को पचाने में २० से ३० मिनट का समय
लगता है। सूखे फल और केला थोड़ा ज़्यादा समय लेते हैं इन्हें
पचाने में एक घंटा लग जाता है।
चाय,
काफी व एल्कोहल की जगह हर्बल चाय व काफी पिएँ। एल्कोहल
महत्त्वपूर्ण विटामिन 'बी' व 'सी' को तोड़ता है। एल्कोहल के
सेवन से शरीर में पानी की कमी हो सकती है। हर्बल चाय मिनरल
प्रदान करती है। डेंडेलियन व नेटल चाय पोषक भी होती है।
व्यायाम के बाद कुछ घंटो के अंदर ही प्रोटीन युक्त मगर
सुपाच्य भोजन जैसे मछली या सोयाबीन लेना चाहिए क्योंकि
व्यायाम करने से शरीर की मांसपेशियों को क्षति पहुँचती है
और प्रोटीन उस क्षति को ठीक करके मज़बूत बनाता है।
९ अगस्त
२००६ |