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अनुभूति

24. 7. 2006

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पिछले सप्ताह

हास्य व्यंग्य में
यू एस ए से प्रतिभा सक्सेना हिला रही हैं
भगौने में चम्मच

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आज सिरहाने में
अशोक चक्रधर के संस्मरणों का संग्रह
मंच मचान

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प्रकृति में
राजेन्द्र तिवारी का आलेख
सुकेती जीवाश्म पार्क

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संस्मरण में
अशोक चक्रधर पूरन पंकज की यादों में
श्याम ज्वालामुखी

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नाटक में
भारत से नितिन उपाध्ये का प्रहसन
रक्तदान

आपके द्वारा किया गया रक्तदान अमूल्य है तथा इससे किसी ज़रूरतमंद की ज़िंदगी बच सकती है। स्वस्थ एवं अठारह वर्ष से अधिक आयु का कोई भी व्यक्ति तीन महीने के अंतराल पर अपना रक्त दान कर सकता है। स्वेच्छा से रक्तदान करने की व्यवस्था बहुत से देशों में सभ्यता और प्रगति का प्रतीक मानी जाती है। आपको स्वयं रक्तदान कर के गांव के सामने उदाहरण प्रस्तुत करना चाहिए ताकि उन्हें स्वेच्छा से रक्तदान की प्रेरणा मिले। रक्तदान के लिए शिविरों का आयोजन इसीलिए किया जाता है कि लोगों को रक्तदान के महत्व की जानकारी हो और उन्हें इसके विषय में फैली हुई विभिन्न प्रकार की भ्रांतियों और भय से मुक्ति मिल सके।

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इस सप्ताह

कहानियों में
कैनेडा से डॉ शैलजा सक्सेना की कहानी
चाह

वह झटके से उठ बैठी। दोनों कुछ देर पहले उस पार्क में आए थे। पार्क बड़ी झील के किनारे था। शाम धीरे–धीरे पक्षियों के झुंडों के रूप में पेड़ों पर उतर कर चहचहा रही थी। इतना शोर हो रहा था कि पहले उसे लगा कि यहां से चली जाए, पर यह सोचकर कि लोगों के शोर से तो चिड़ियों का शोर अच्छा, वे दोनों कुछ दूर टहलते से निकल गए थे। नवंबर के शुरूआत की शाम, बहुत से पेड़ों के पते झर चुके थे, जो शेष थे अपना पीलापन लिए हवा के रूख के सामने अड़ियल से खड़े थे। आज हवा में ठंडक कुछ कम थी, लोग केवल हल्के कोट से काम चला सकते थे।

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हास्य व्यंग्य में
गुरमीत बेदी ने पाए विश्वकप फुटबॉल में
इटली के लड्डू

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संस्कृति में
अर्बुदा ओहरी लेकर आई हैं
कॉफ़ी का प्याला

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विज्ञान वार्ता में
गुरूदयाल प्रदीप खोज लाए हैं
ऊर्जा का वैकल्पिक स्रोतः जैव ईंधन यानि बायोडीज़ल

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प्रौद्योगिकी में
रविशंकर श्रीवास्तव सिखा रहे हैं
इनस्क्रिप्ट की–बोर्ड
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 सप्ताह का विचार
प्रत्येक कार्य अपने समय से होता है उसमें
उतावली ठीक नहीं, जैसे पेड़ में कितना ही पानी डाला जाय पर फल वह अपने समय से ही देता है।  —वृन्द

 

प्रेमशंकर रघुवंशी के गीत, मुरली मनोहर श्रीवास्तव और राजा करैया की कविताएं, और ढेर सी ग़ज़लें  

–° पिछले अंकों से °–

कहानियों में
ज़िंदगी जहां शुरू होती है–रवींद्र बत्रा
फुटबॉल–पद्मा सचदेव
राजधानी में हार–असग़र वजाहत
यादों के गुलमोहर–शैल अग्रवाल
गुलमोहर–डॉ शांति देवबाला
शहादत–सुषमा जगमोहन

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हास्य व्यंग्य में
भोंपू–डा नरेन्द्र कोहली
मैच के समय . . .–रविशंकर श्रीवास्तव
सपने में साक्षात्कार–गुरमीत सेठी
है किसी का नाम गुलमोहर–अनूप शुक्ल
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पर्व परिचय में
सतीश गुप्त का आलेख
पुरी की रथयात्रा
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घर परिवार में
हिंदी ब्लॉगर की कलम से
दुनिया को बदलता भारत
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रसोईघर में
सबसे जल्दी तैयार होने वाला
मटर पुलाव

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दृष्टिकोण में
फुटबॉल पर ओशो के विचार
सभ्य समाज की हिंसा का निकास
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सामयिकी में
अर्बुदा ओहरी से रोचक जानकारी
फुटबॉल की दुनिया
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फुलवारी में
फुटबॉल से संबंधित जानकारी, रंग भरने के लिए चित्र, शिशुगीत और शिल्पकोना–
खिलाड़ी फुटबॉल का

 

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© सर्वाधिकार सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरूचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
यह पत्रिका प्रत्येक माह की 1 – 9 – 16 तथा 24 तारीख को परिवर्धित होती है।

प्रकाशन : प्रवीन सक्सेना  परियोजना निदेशन : अश्विन गांधी
संपादन, कलाशिल्प एवं परिवर्धन : पूर्णिमा वर्मन 
 सहयोग : दीपिका जोशी
फ़ौंट सहयोग :प्रबुद्ध कालिया

     

 

 
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