दुनिया को बदलता भारत
हिंदी ब्लागर
दुनिया
भर की शायद ही कोई प्रतिष्ठित पत्रिका बची हो जिसने पिछले
दिनों में भारत से आ रही अच्छी ख़बरों पर केंद्रित विशेषांक न
निकाला हो। सारे प्रतिष्ठित अख़बार भी इस मुद्दे पर दूसरे
तीसरे महीने विशिष्ट परिशिष्ट निकालते रहते हैं। अमरीकी
साप्ताहिक 'टाइम' के तीन जुलाई के अंक में तेज़ी से बदल रहे
भारत पर नज़र डाली गई है। इस अंक की एक छोटी सी प्रस्तुति घर
परिवार के सभी सदस्यों को मज़ेदार लग सकती है। इसमें भारत के
बारे में ज्यादातर तथ्य अच्छे ही हैं।
'टाइम' द्वारा जुटाए गए आँकड़ों के स्रोत भी कुल मिला कर
अत्यंत विश्वसनीय कहे जा सकते हैं, ये हैं- संयुक्त राष्ट्र,
विश्व बैंक, भारत सरकार, ब्रिटेन का राष्ट्रीय संाख्यिकी
कार्यालय, फ़ोर्ब्स, मैकेंज़ी एंड कंपनी और प्राइस वाटरहाउस
कूपर्स
दुनिया को १०
तरह से बदलता भारत
१ अर्थव्यवस्था :
भारत का सकल घरेलू उत्पाद जीडीपी
२००५ में ८०० अरब डॉलर से ज़्यादा रहा। भारत की अर्थव्यवस्था
पिछले तीन वर्षों से सालाना ८ प्रतिशत की दर से बढ़ रही है।
मतलब भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया भर में दूसरी सबसे तेज़ गति
से बढ़ती अर्थव्यवस्था है।
२ इंटरनेट
:
भारत के इंटरनेट प्र्रौद्योगिकी उद्योग अन्य आउट सोर्सिंग
सेवाएं शामिल ने वर्ष २००५ में ३६ अरब डॉलर का व्यवसाय किया।
साल भर पहले के मुकाबले यह २८ प्रतिशत ज़्यादा है।
३ धनकुबेर :
शेयर बाज़ार में तेज़ी के कारण भारत में अरबपतियों की संख्या
बढ़ कर २३ हो गई है। इनमें से १० व्यक्ति इस साल भारतीय अरबपति
क्लब में शामिल हुए। चीन में अरबपतियों की संख्या मात्र आठ है।
भारत में अरबपतियों के पास हैं कुल ९९ अरब डॉलर। साल भर की
तुलना में यह ६० प्रतिशत ज़्यादा है।
४ उपभोक्ता :
वर्ष १९९६ के बाद से भारत में
विमान यात्रियों की संख्या में छह गुना बढ़ोतरी हुई है। मतलब
हर साल भारत में करीब पांच करोड़ यात्री हवाई मार्ग का उपयोग
करते हैं। इन दस वर्षों में भारत में मोटरसाइकिल और कारों की
बिक्री दोगुनी हो चुकी है।
५ मनोरंजन
उद्योग :
भारत का फिल्म उद्योग डेढ़ अरब
डॉलर का है। निर्मित फिल्मों की संख्या और टिकट बिक्री दोनों
ही लिहाज़ से भारतीय फिल्म उद्योग दुनिया में पहले नंबर पर है।
भारत में सालाना हॉलीवुड के मुकाबले पांच गुना ज़्यादा यानि
करीब १,००० फिल्में बनती हैं।
६
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन :
पिछले दो वर्षों में भारतीय
पर्यटन उद्योग में २० प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। पिछले साल
ब्रिटेन, फांस और जर्मनी के ९,९३,००० पर्यटक भारत पहुँचे। यानि
भारत पहुँचे कुल विदेशी पर्यटकों में से २४ प्र्रतिशत इन देशों
से थे।
७ प्रतिभा
निर्यात :
भारतीय मूल के करीब २० लाख
व्यक्ति अमरीका में और क़रीब १० लाख ब्रिटेन में रहते हैं।
अमरीका में भारत प्रवासियों की औसत घरेलू आय वहाँ किसी जातीय
समूह में सबसे ज़्यादा है।
८ जनपूर्ति :
भारत में एक अरब से ज़्यादा लोग
रहते हैं। दूसरे शब्दों में दुनिया का हर छठा व्यक्ति भारत में
रहता है। अनुमान है कि दस वर्षां के भीतर भारत दुनिया का सबसे
ज़्यादा आबादी वाला राष्ट्र होगा।
९ संकट केंद्र :
एड्स से जुड़े वायरस एचआईवी से
संक्रमित सबसे ज़्यादा लोग भारत में हैं। विभिन्न अनुमानों के
अनुसार कोई ५७ लाख।
१० चीन को
चुनौती :
भारत सकल घरेलू उत्पाद और
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के मामलों में चीन से पीछे है। लेकिन
भारतीय समाज ज़्यादा मुक्त है और अर्थव्यवस्था सरपट आगे भाग
रही है ऐसे में लंबी अवधि में वह चीन से आगे जा सकता है।
(देश दुनिया के सौजन्य से) |