मुखपृष्ठ

पुरालेख-तिथि-अनुसार -पुरालेख-विषयानुसार -हिंदी-लिंक -हमारे-लेखक -लेखकों से


हास्य व्यंग्य

मैच के समय ध्यान रखें
-रविशंकर श्रीवास्तव 


पत्नियों के लिए टीप : 'फुटबाल विश्व कप 2006 जर्मनी'-
1 : '9 जून' से लेकर '9 जुलाई 2006' तक आपको अख़बार के खेल पृष्ठों को ध्यान से पढ़ते रहना होगा ताकि विश्वकप में क्या चल रहा है इसकी जानकारी आपको रहे और आप अपने पति के साथ वार्तालाप (या आप चाहती हैं कि आपके पति आपके साथ कुछ वार्तालाप करें तो) में शामिल हो सकें। यदि आपने इस टीप को अनदेखा किया और विश्वकप के बारे में पर्याप्त जानकारियाँ हासिल न कीं, तो आपके साथ बहुत बुरा होगा आपके पति आपको अनदेखा करेंगे तब फिर आप यह शिकायत न करिएगा कि आपके पति आपसे बात ही नहीं करते।
2 : विश्वकप के दौरान, टीवी पर पति का पूर्ण अधिकार रहेगा। बिना किसी अपवाद के, सारे समय। यदि आपने टीवी के रिमोट कंट्रोल की तरफ़ नज़र भी डाली तो आप उसे खो सकती हैं (अपनी नज़र)।
3 : यदि आप खेल के दौरान टीवी के सामने से गुज़रती हैं तो ध्यान रखिए कि आप झुककर या रेंगते हुए गुज़रें - यानी देखने में बिना किसी व्यवधान डाले गुज़रें। उत्तम तो यह होगा कि आप किसी व्यवसायिक अंतराल का इंतज़ार कर लें या फिर इस दौरान सामने से गुज़रें ही नहीं।
4 : खेलों के दौरान आपके पति अंधे, बहरे और गूंगे हो जाएँगे, जब तक कि खेल के उत्तेजक क्षणों में उन्हें अचानक भूख और प्यास का दौरा न पड़ जाए। ऐसे में आप निरी बेवकूफ़ ही होंगी जो यह सोचेंगी कि आपके पतिदेव किसी के आने पर दरवाज़ा खोल सकते हैं, टेलिफ़ोन उठाकर जवाब दे सकते हैं या आपकी किसी बात का जवाब दे सकते हैं।
5 : यह उत्तम होगा कि इस दौरान आप फ्रिज को खाने-पीने की चीज़ों से पूरा का पूरा भर कर रखें। ख़ासतौर पर ऐसी चीज़ों से जिन्हें मैच देखते-देखते चबाया-चुभलाया जा सके। और आपके पति के दोस्तों के मैच देखने के लिए कुसमय घर आने पर कुपित तो कतई मत होइए। मैच देखने का आनंद जितनी संख्या में मित्र साथ होते हैं उतना गुना बढ़ जाता है - और, यह बात आपको भी पता होनी चाहिए। आपकी इस दयालुता के बदले हो सकता है कि आपके पतिदेव आपको दोपहर में टीवी देखने दे सकते हैं बशर्ते उस समय किसी छूटे खेल का कोई पुन:प्रसारण नहीं हो रहा हो।
6 : प्लीज़, प्लीज़, प्लीज़!! यदि आपके पति की प्रिय टीम हार रही हो तो कभी भी अपने पति से यह न कहें कि "कोई बात नहीं, खेल में तो हार जीत लगी ही रहती है" या "कोई बात नहीं, लीग के अगले मैच में तो वे जीतेंगे ही"। ऐसी बातें कह कर आप अपने पति की नाराज़ी, अप्रसन्नता और ख़राब मूड़ को बढ़ाएँगी ही, और इसके प्रतिफल में आपके प्रति उनके मन में प्यार में कमी भी हो सकती है। यह याद रखिए की फुटबाल के बारे में आप उनसे ज़्यादा न तो जानती हैं, न कभी जान सकती हैं। अत: इस तरह के सांत्वना भरे शब्द हो सकता है कि बाद में तलाक़ के 'कारण' भी न बन जाएँ।
7 : पूरे विश्वकप के दौरान आप अपने पति के साथ बैठकर कोई एक (1) मैच देख सकती हैं। और अगर आपके पति की पसंदीदा टीम जीत रही हो तो आप उनसे इस दौरान कुछ वार्तालाप भी कर सकती हैं जैसे कि गोल होने पर हुर्रे वाह क्या बढ़िया गोल किया है व़गैरह। परंतु वह भी हाफ़टाइम से पहले तक।
8 : आपके पति, इस दौरान हो सकता है कि सारा समय घर पर टी.वी. के साथ ही रहें, मगर इसे आप यह बिलकुल न समझें कि वे आपके साथ कुछ समय बिताएँगे। वे सशरीर आपके बगल में होंगे, परंतु उनकी आत्मा फुटबाल के मैदान में विचर रही होगी। आपको उनकी आत्मा और शरीर के बीच में व्यवधान बनने की कतई कोशिश नहीं करनी चाहिए।
9 : गोल खाने व गोल बचाने के रीप्ले खेलों से भी ज़्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। भले ही वे कई बार, कई एंगल से पहले ही देखे-दिखाए जा चुके होते हैं, मगर उन्हें आपके पति हर बार, बार-बार, प्रत्येक बार देखना चाहेंगे। इस बारे में आपके द्वारा की गई कोई भी टीप उन्हें असहनीय होगी।
10 : अपने दोस्तों-रिश्तेदारों से यह बोल बताकर रखिए कि इस दौरान वे कोई सामाजिक कार्यक्रम और पार्टी-शार्टी न रखें क्यों कि ऐसे किसी भी कार्यक्रम में :
अ) आपके पति नहीं जाएँगे,
ब) आपके पति नहीं ही जाएँगे तथा
क) आपके पति किसी सूरत नहीं जाएँगे।
11 : परंतु यदि आपके पति के कोई मित्र उन्हें कोई मैच देखने के लिए किसी रविवार अपने घर पर सपरिवार आमंत्रित करता है तो वे आपकी सहमति के बिना आपको भी लेकर वहाँ तुरंत जाएँगे। अत: ऐसी स्थिति के लिए पहले से ही तैयार रहिए।
12 : प्रत्येक रात्रि को विश्वकप के सारांश भी उतने ही महत्वपूर्ण होते हैं जितने कि खेले गए मैच। मैच का विशेषज्ञों द्वारा विश्लेषण-विवेचन मैच से भी ज़्यादा आनंददायी होता है अत: यह कभी न कहें कि आपने मैच तो पहले ही देख रखा है, अभी कोई दूसरा प्रोग्राम देख लेते हैं। हो सकता है कि टीप 'क्रमांक 2' में दिए अनुसार आपके साथ कोई विकराल समस्या पैदा हो जाए।
13 : और, अंत में कृपा कर यह कभी न कहें कि - शुक्र है कि विश्वकप चार साल में एक बार ही आता है। आपके पति पर इन शब्दों का कोई असर नहीं होगा। क्यों कि आगे आने वाले दिनों में चैंपियन लीग, इटालियन लीग, क्रिकेट विश्वकप इत्यादि-इत्यादि आने वाले हैं।
(इंटरनेट पर विचर रहे ईमेल, फॉरवर्ड का हिंदी रूपांतर)

1 जुलाई 2006

1

1
मुखपृष्ठ पुरालेख तिथि अनुसार । पुरालेख विषयानुसार । अपनी प्रतिक्रिया  लिखें / पढ़े
1
1

© सर्वाधिका सुरक्षित
"अभिव्यक्ति" व्यक्तिगत अभिरुचि की अव्यवसायिक साहित्यिक पत्रिका है। इस में प्रकाशित सभी रचनाओं के सर्वाधिकार संबंधित लेखकों अथवा प्रकाशकों के पास सुरक्षित हैं। लेखक अथवा प्रकाशक की लिखित स्वीकृति के बिना इनके किसी भी अंश के पुनर्प्रकाशन की अनुमति नहीं है। यह पत्रिका प्रत्येक
सोमवार को परिवर्धित होती है।