पिछले
सप्ताह
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
अंतिम
विदाई हो तो ऐसी
बड़ी
सड़क की तेज़ गली में
अतुल अरोरा के साथ
एन
आर आई होने का अहसास
रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
सोलहवां भाग
रूबाई
रसोईघर
में
पुलावों की सूची में नया
व्यंजन
ज़ाफ़रानी
पुलाव
कहानियों में
यू एस ए से नीलम जैन की
कहानी
प्रश्न
दोपहर के खाने के बाद से
ही स्त्रियां घर आने लगीं थीं। मां ने सबको चेता
दिया था कि गाना गाने को तैयार लड़कियों को ही
झूले पर पींग की प्राथमिकता मिलने वाली है। तीज के
इस झूले पर दोदो व्यक्ति एक साथ आमने सामने
अपने पैर सामने वाले की पटड़ी पर सटा कर बैठ सकते
हैं। दोनों तरफ़ एकएक लड़की खड़ी हो कर सावन के
गीत गाते हुए झुला देतीं। बाकी सभी मेहमान घेरे
में खड़ी हंसी ठिठोली करती गा रहीं थीं और बीचबीच
में चाट, भजिया, शरबत और चाय का दौर चलता। कुछेक
स्त्रियां गानों पर नाच रहीं थी। मां को यह सब
धूमधाम बहुत भाती है और वो खुद भी बढ़ चढ़ कर
गीत गाने की इस रूमानी ऋतु का श्रीगणेश करती हैं।
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अभिव्यक्ति
पांच साल की
अनहद खुशी है
अभिव्यक्ति छठे वर्ष में
प्रावेश कर रही है
आशा है
उम्मीद है
ये कारवां
हंसता हुआ
खुशी के गीत गाता हुआ
बढ़ता रहे।
जन्मदिन
मुबारक,
अभिव्यक्ति !
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कहानियों में
यू एस ए से राम गुप्ता की
कहानी
शौर्यगाथा
जब उमड़घुमड़
कर कजरारे बादल छा जाते हैं, लोग चौपाल पर जमा
हो कर नगाड़े की चोट पर आल्हा अलाप उठते हैं। जैसेजैसे
बादलों का गर्जन बढ़ता है वैसेवैसे ही उनकी
तान ऊंची उठती जाती है, यहां झमझम कर बौछारें
हो रही होती हैं वहां सुनने वाले पूरे जोश में
भरे आल्हा के शौर्य में डूब उतरा रहे होते हैं।
हास्य
व्यंग्य में
गोपाल चतुर्वेदी बता रहे हैं
देश
का विकास
जारी है
साहित्यिक
निबंध में
मिथिलेश श्रीवास्तव का आलेख
कला
में आज़ादी के सपने
रचना
प्रसंग में
आर पी शर्मा 'महर्षि' के धारावाहिक 'ग़ज़ल लिखते समय' का
सत्रहवां भाग
मराठी
ग़ज़लों में छंद1
उपहार
में
जन्मदिन की शुभकामनाएं
जन्मदिवस
मंगलमय होवे
सप्ताह का विचार
संतोष
का वृक्ष कड़वा है लेकिन इस पर लगने वाला फल मीठा होता
है।
स्वामी शिवानंद
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अनुभूति
में
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वर्षा महोत्सव
का शुभारंभ हर रोज नयी वर्षा कविताओं के साथ
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
सुहागनविजय
शर्मा
चीजू
का पातालप्रमोद कुमार तिवारी
गुनहगारसुषम बेदी
फर्कसूरज
प्रकाश
मुक्तिप्रत्यक्षा
शर्ली
सिंपसन शुतुर्मुर्ग हैउषा राजे सक्सेना
हास्य
व्यंग्य में
कुतुबमीनारडा नरेन्द्र कोहली
कुताअरूण राजर्षि
प्रवासी
से प्रेमडा प्रेम जनमेजय
हे
निंदनीय व्यक्तित्वअशोक स्वतंत्र
दृष्टिकोण
में
महेशचंद्र द्विवेदी का
मन्थन
आस्तिकता
या नास्तिकता
फुलवारी
में
आविष्कारों
की नयी कहानियां
और शिल्पकोना में बनाएं
बाघ
का नया मुखौटा
महानगर
की कहानियों में
कमल चोपड़ा की लघुकथा
खेलने
के दिन
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर श्रीवास्तव ने परखा
'भारत संचार और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय' के
हिन्दी
सॉफ्टवेयर उपकरण
सामयिकी
में
प्रेमचंद जयंती के अवसर पर
डा जगदीश व्योम की जांचपड़ताल
प्रेमचंद
'मुंशी' कैसे बने
आज
सिरहाने
कृष्णा सोबती का उपन्यास
समय
सरगम
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