पिछले सप्ताह
हास्य
व्यंग्य में
नीरज त्रिपाठी की
रचना
नव
वर्ष का अभिनंदन
°
सामयिकी
में
गणतंत्र दिवस के अवसर पर
विशेष
तूफ़ान
हूं मैं आज़ाद रहूंगा
°
प्रौद्योगिकी
में
रविशंकर
श्रीवास्तव का आलेख
आइए
यूनिकोड के साथ चलें
°
विज्ञान
वार्ता में
डा
गुरूदयाल प्रदीप की नज़र से
2004
की प्रमुख वैज्ञानिक
उपलब्धियां भाग1
°
कहानियों
में
यू एस ए से इला प्रसाद की कहानी
ईमेल
आज अचानक, पहली बार, जय का मेल अपने मेलबॉक्स में
पा कर वह मुस्कराई। तो जय ने भी अब ईमेल करना सीख
लिया! ज़रूर वंदना ने ही सिखाया होगा। अच्छा है। इस
तरह वह जय से वंदना की भी ख़बर लेती रहेगी। कुछ इस
तरह परेशान है लड़की कि मेल ही नहीं लिखती। पता नहीं
उसकी शादी की बात कितनी आगे बढ़ी। जय बता सकेगा।
वह भी जय को कुछ पते भेज सकेगी। उसने एक
सरसरी निगाह से सारे पते पढ़ डाले। यह उसकी पुरानी
आदत है। पहले सारे पते पढ़ेगी, फिर तय करेगी कि किस क्रम
में उसे अपने ई पत्र पढ़ने हैं। पढ़ने हैं या बिना पढ़े
मिटा देना है।
लेकिन आज तो जय का मेल है।
पहले
उसे देख ले।
!°!
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इस
सप्ताह
कहानियों
में
भारत से गुरूदीप खुराना की कहानी
अपने
को संभालना
चंदर अपने काम में बुरी तरह
मसरूफ़ था। वह एक स्लाइड उठाता, उसे रोशनी
के आगे
आकर देखता फिर अपनी कॉपी में कुछ नोट करता जाता। वह कल
होने वाली प्रस्तुति के लिए साथसाथ बोलने के
लिए वाक्य तैयार कर रहा था। यों तो
उसका पेपर और
पारदर्शियों की नकल,
एक पुस्तिका की शक्ल में तैयार हो
चुकी
थी लेकिन हर स्लाइड की प्रस्तुति के साथ जो कुछ
बोलना ज़रूरी होता है, उसका शब्दचयन वह पहले
से कर रहा था। वैसे भी यह मौका बरसों के बाद आ
रहा है। पिछले कई महीनों से वह इस तैयारी में जुटा
हुआ था। मीरा आई। बोली,
"खाना ठंडा हो रहा है।"
इससे पहले भी वह दो बार यही कह गई है लेकिन उसने
जैसे सुना ही नहीं।
°
हास्य
व्यंग्य में
नरेन्द्र कोहली की व्यंग्य
रचना
खुदाई
°
दृष्टिकोण
में
दिनकर कुमार का आलेख
हिंदी
लेखक दयनीय क्यों
°
रचना
प्रसंग में
डा जगदीश व्योम का जानकारीपूर्ण लेख
हिन्दी
में हाइकु कविता
° फुलवारी
में
आविष्कार की
नई कहानियां
और
शिल्पकोना में मिल कर बनाएं
शेर
का मुखौटा
°
!सप्ताह का विचार!
कुल
की प्रतिष्ठा भी विनम्रता और
सदव्यवहार से होती है, हेकड़ी और
रूआब दिखाने से नहीं।
प्रेमचंद |
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अनुभूति
में
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संकलन 'मौसम'
अब 25 कविताओं
के साथ
इस माह के कवि में गोपाल कृष्ण सक्सेना 'पंकज' व
अन्य नई रचनाएं
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° पिछले अंकों
से °
कहानियों में
कोना
झरी केतलीसंतोष गोयल
अंतिम
यात्रानीलम जैन
हवन
शेषसुषम बेदी
रूख़सानाउषा राजे
सक्सेना
खरोंचसुकेश
साहनी
आज
सोमवार हैपरशु प्रधान
°
हास्य
व्यंग्य में
टाईनरेन्द्र कोहली
नया साल कुछ ऐसा होसूरज प्रकाश
°
परिक्रमा
में
दिल्ली दरबार से भारत की प्रमुख
घटनाओं पर बृजेश कुमार शुक्ला की रपट
पुनरावलोकन
2004
° आज सिरहाने
में
गौतम सचदेव के
व्यंग्य संग्रह सच्चा
झूठ से परिचय करवा
रहे हैं ललित
मोहन जोशी
°
संस्मरण
में
डा सत्यभूषण वर्मा की
डायरी से जापान
यात्रा का एक सरस अंश
हाइकु
कविताओं के देश में
° पर्व परिचय
में
भारतीय पर्वो की जानकारी के लिए
पर्व पंचांग2005
°
संस्मरण
में
अतुल अरोरा की कलम से
अमेरिका के खट्टे मीठे संस्मरणों की दौड़
बड़ी
सड़क
की तेज़ गली में
°
मंच
मचान में
अशोक चक्रधर के शब्दों में
तालियों
के बीच पसरा सन्नाटा
°
प्रेरक
प्रसंग में
सारिका कल्याण की
लघुकथा
निजी
बदलाव
°
रसोईघर
में
स्वाद और सुविधा से भरपूर
चटपटी
चटनियां
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