इस सप्ताह—
समकालीन कहानियों में
भारत से
डॉ० मधु संधु की कहानी फ्रैक्चर
अस्पताल
में मोबाइल की लाइफ़-लाइन के सहारे उन्होंने डेढ़ सप्ताह काट लिया।
कभी यह लाइफ़-लाईन कैंटीन से जुड़ती, कभी मेडिकल स्टोर से, कभी
रिश्तेदारों-परिचितों से, कभी अड़ौसी-पड़ौसियों से। दोपहर को लोग
सारे काम निपटाकर एक औपचारिकता का बोझ उतारने आ जाते और फिर घर जाकर
अस्पताल जाने की थकावट उतारने में जुट जाते। नहाते-धोते, लेटते-सोते,
फ्रेश होते, अंग-अंग से अंगड़ाइयाँ लेते। चारपाई से जुड़ा मरीज़ हर
दोपहर आने वालों की प्रतीक्षा में दीवार पर टकटकी लगाए रहता।
दुनिया-जहान घूमने वालों का संसार भी यहाँ आकर ऐसे ही सीमित हो जाता
है। पत्नी उनके साथ छाया की तरह बनी रहती।
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हास्य-व्यंग्य में गुरमीत बेदी का आलेख
प्री-मैच्योर रिटायरमेंट लेकर अपुन क्या करेगा!
मैं प्री-मैच्योर रिटायरमैंट लेकर कोई ऐसा काम करना
चाहता हूँ जिससे अख़बारों से लेकर पत्रिकाओं
के मुखपृष्ठों पर मेरी ही तस्वीरें छपें। मुझे छींक भी आ जाए तो अलग-अलग
न्यूज़ चैनल मेरे स्वास्थ्य के बारे में स्पैशल बुलेटन जारी करना शुरू कर दें और
मेरे स्वास्थ्य लाभ की कामना के लिए चैनलों को एस.एम.एस भेजने वालों की होड़ लग
जाए। मुझे अगर मच्छर काट जाए तो मेरे चाहने वाले उस मच्छर के खून के प्यासे हो
जाएँ। मैं अगर शर्ट उतारकर हवा में लहराऊँ तो पूरे मुल्क की रूपसियाँ सर्द आहें
भरती नज़र आएँ। इसके अलावा भी मुल्क में बहुत कुछ हो सकता है, जिसके बारे
में आपको विस्तार से बाद में बताया जाएगा।
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नाटकों में
कुमार आशीष का संकल्प
व्यक्ति
व्यवस्था का साधन भी है और प्रयोजन भी। व्यक्ति के अभाव में न तो
समाज की कल्पना की जा सकती है और न ही राज्य की। इसलिए आवश्यक है कि
सर्वप्रथम व्यक्ति के अस्तित्व से जुड़े हुए प्रश्नों को हल किया
जाए। उन्हें नकार कर आगे बढ़ जाना संभव नहीं। बालक ने उचित ही कहा
है. . . व्यवस्था की सार्थकता तभी है जब वह व्यक्ति के अस्तित्व की
रक्षा करने में समर्थ हो। स्वयं के कर्तव्य की अवहेलना कर दूसरों से
कर्तव्यपालन की अपेक्षा करना बुद्धिमानी नहीं। बालक को मुक्त ही नहीं
किया जाना चाहिए, अपितु, इसके परिवार को पर्याप्त भरण-पोषण भी राज्य
द्वारा प्रदत्त किया जाना चाहिए।
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फुलवारी में मौसम की कहानी का अगला भाग
तूफ़ान क्यों आते हैं?
जब नमी से भरी हुई
ढेर-सी गर्म हवा तेज़ी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफ़ान
आते हैं। तुमने तूफ़ान की
शुरुआत से पहले हवा को तेज़ होते हुए देखा होगा। जब
बादल को बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान
में अँधेरा छाने लगता है। ये तूफ़ान के लक्षण हैं।
बादलों के अंदर पानी
के कण तेज़ी से घूमते हैं और आपस में टकराते हैं,
जिससे बिजली पैदा होती है। बिजली पैदा होने का काम
तब-तक चलता रहता है जब तक वह बड़ी-सी चिंगारी बन कर एक
बादल से दूसरे बादल तक होती हुई धरती तक ज़ोरदार चमक
बन कर कौंध नहीं जाती।
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रसोईघर में
गृहलक्ष्मी माइक्रोवेव अवन में पका रही हैं
हरे प्याज़ और मटर, गाजर के
साथ
मटर,
गाजर, हरा प्याज़ और सलाद के पत्ते! स्वाद का स्वाद और
स्वास्थ्य भरपूर! जल्दी पक जाए साथ ही
ज़्यादा चिकनाई न हो तो खाने में इससे बेहतर कुछ नहीं। इसे सब्ज़ी की
तरह भी खा सकते हैं और नाश्ते की तरह भी- ब्रेड, रोटी और चावल सभी के
साथ मज़ेदार। चटपटा चाहिए तो बारीक कटी हरी मिर्च, ताज़े नीबू का रस
और चाट मसाला मिलाकर परोसें।
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