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जब नमी से भरी हुई
ढेर-सी गर्म हवा तेज़ी से ऊपर की ओर उठती है तब तूफ़ान
आते हैं।
तुमने तूफ़ान की
शुरुआत से पहले हवा को तेज़ होते हुए देखा होगा। जब
बादल को बड़े होते जाते हैं और गहरे होते हुए आसमान
में अँधेरा छाने लगता है। ये तूफ़ान के लक्षण हैं।
बादलों के अंदर पानी
के कण तेज़ी से घूमते हैं और आपस में टकराते हैं,
जिससे बिजली पैदा होती है। बिजली पैदा होने का काम
तब-तक चलता रहता है जब तक वह बड़ी-सी चिंगारी बन कर एक
बादल से दूसरे बादल तक होती हुई धरती तक ज़ोरदार चमक
बन कर कौंध नहीं जाती।
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बिजली में गरज और चमक
एक साथ होती है। चमक पहले दिखाई देती है और गरज बाद
में सुनाई देती है। ऐसा इसलिए होता है क्यों कि प्रकाश
की गति ध्वनि की गति से तेज़ होती है और चमक हमारे पास
तक आवाज़ से पहले पहुँच जाती है।
बिजली, पानी और
तूफ़ान से बचने के लिए किसी ऊँचे पेड़ के नीचे खड़े हो
जाना उचित नहीं है, क्यों कि बिजली धरती पर गिरते समय
अकसर किसी ऊँचे वृक्ष का सहारा ले लेती है। आसमान से
गिरती हुई बिजली हमें नुकसान पहुँचा सकती है।
बिजली चमकते समय जब
आकाश में इधर-उधर गुज़रती है तो आस-पास की हवा गर्म हो
जाती है। यह गर्म हवा तेज़ी से फैलती है तो गड़गड़ाहट
की तेज़ आवाज़ सुनाई देती है।
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