कथा
महोत्सव
२००२
प्रवासी हिन्दी लेखकों की कहानियों के
संकलन वतन से
दूर में प्रस्तुत है यू एस ए से सुषम बेदी की कहानी-
अवसान
अस्पताल
से ही लाश सीधे फ्यूनेरल गृह में लायी गई थी और आज गिरिजाघर में
सर्विस थी। वह नास्तिक था। इसलिये उसकी इसाई पत्नी को ऐसा करने में
कुछ गलत नहीं लगा। दोनों की शादी भी कोर्ट में ही हुई थी। यूँ भी
वह कहाँ किसी मंदिर के पुजारी को खोज कर क्रियाकर्म करवाती। शंकर
ने कहा तो था कि वह पंडित का इंतज़ाम कर देगा।अब तो यहाँ काफी लोग
बस गए हैं। अच्छा पंडित भी ढूँढ़ा जा सकता है। पर हेलन एकदम नर्वस
होकर बोली थी, “प्लीज़ शंकर उस बखेड़े में मत डालो मुझे।
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यू के से गौतम सचदेव की कहानी
आकाश की बेटी
दस
वर्षों से साधना व्हील चेयर से बँधा जीवन व्यतीत कर रही है। इन दस
वर्षों में एक बार फिर तलाक हुआ और सम्पत्ति को लेकर भी तू–तू
मैं–मैं हुई।
अगले अंक में कैनेडा से सुमन कुमार
घई की कहानी स्मृतियां
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पर्यटन
में
हिमालय की पर्वत शृंखला में स्थित
डन्कार प्रदेश में पर्वतारोहण
और भ्रमण की कहानी
अम्बरीश मिश्रा की कलम से
हिमालय के हमसफर
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हास्य व्यंग्य में
महेशचंद्र द्विवेदी का लेख
दाढ़ी पर गाज
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नये स्तंभ
फिल्म–इल्म में
हिन्दी फिल्मों की समीक्षाएं होंगी
इस अंक में आप पढ़ेंगे
दिल है तुम्हारा,
रोड, शक्ति और गुनाह
की
समीक्षाएं
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धारावाहिक
में
अभिज्ञात की आत्मकथा
तेरे बगैर
की अगली किस्त
भूलने वाले तुझे क्या याद भी
आता हूं मैं
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सप्ताह
का विचार
संयम
संस्कृति का मूल है।
विलासिता निर्बलता और चाटुकारिता
के वातावरण में न तो संस्कृति का
उद्भव होता है और न विकास।
— काका कालेलकर
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साहित्य समाचार
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विजयदशमी पर
विशेष
विजयदशमी की शुभकामनाओं
से भरपूर कविता जावा आलेख के साथ
विजयदशमी की शुभकामनाएं
शस्त्रपूजा की परंपरा पर प्रकाश डालता डा गणेशकुमार पाठक का लेख
विजयदशमी पर शस्त्रपूजा
विजय के
अर्थ की मीमांसा करता डा विद्यानिवास मिश्र का
विजयोत्सव
इतिहास
के पन्नों से पूर्णिमा वर्मन का आलेख
रामायण की विश्व विजय
बच्चों
के लिये विशेष कहानी
दशहरे का मेला और कविता
भरे पटाखे रावण में
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अनुभूति
में |
दशहरे
की मंगल-कामनाओं
के साथ देश विदेश से
ढेर-सी
नई कविताएँ |
पिछले
अंक से-
कलादीर्घा मेंकला और कलाकार
के अंतर्गत
लक्ष्मण पै अपनी
दो कलाकृतियों के साथ
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रसोईघर में
पारंपरिक मिष्ठान्न
जलेबी और
चटपटी
पाव भाजी
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दो अक्तूबर गांधी जयंती के अवसर
पर प्रणय पंडित का आलेख
गांधी जी के अहिंसक परमाणु बम
का परीक्षण स्थल
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फुलवारी में
सितारों की दुनियां के अंतर्गत
अंतरिक्ष की जानकारी
बुद्ध ग्रह
के बारे में इला प्रवीन का लेख
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दो पल में
कुदरत की करामात
के
अंतर्गत अश्विन गांधी के दो छाया
चित्र
झरना १
व
झरना २
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संस्मरण में
हिमालय की यात्रा और
आध्यात्म की तलाश में
सुनंदा भाभी
के संस्मरण अम्बरीश मिश्रा द्वारा
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धारावाहिक में
अभिज्ञात की आत्मकथा
तेरे बगैर
की
पांचवीं
किस्त
शाप मुक्ति के लिये
और
सूरज प्रकाश की
दूसरी
महानगरीय कहानी
विकल्पहीन
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परिक्रमा में
लंदन पाती के अंतर्गत
यूरोप की आब–ओ–हवा में लिपटे शैल
अग्रवाल के
चलते चलते–शब्द चित्र
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कनाडा
कमान के अंतर्गत सुमन घई
की कलम से टोरोंटो
में
"पैनोरामा" का उत्सव
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दिल्ली दरबार के अंतर्गत
बृजेश
कुमार शुक्ला का आलेख
प्रधानमंत्री की अमेरिका यात्रा
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हिन्दी दिवस
के अवसर पर विश्व के हर कोने से विचारोत्तेजक निबंधों
की शृंखला
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